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हिंदी फिल्मों के बिछड़े भाइयों सी कहानी फुटबॉल मैदान पर

८ अक्टूबर २०११

मेसुत ओजिल और नूरी साहिन दोनों की जड़ें तुर्की में हैं. दोनों जर्मनी में बड़े हुए हैं. दोनों शानदार फुटबॉल खिलाड़ी हैं. दोनों आजकल रियाल मैड्रिड के लिए खेलते हैं. यानी दोनों में बहुत कुछ साझा है. लेकिन, एक बड़ा फर्क है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

गोल करने के बाद वह न उछले, न कमीज निकालकर दौड़े, न कैमरों की तरफ ध्यान दिया. बस वह मुस्कुराए, दर्शकों की ओर झुके और सेंटर लाइन की ओर चल दिए. जैसे कुछ हुआ ही न हो. देखने में बहुत ही साधारण लगा लेकिन यह एक असाधारण काम था. जर्मनी के मेसुत ओजिल के लिए बेशक वह गोल बड़ी बात थी. लेकिन गोल उन्होंने अपने मूल देश तुर्की के खिलाफ किया था. इसलिए गोल के बाद उनकी इस प्रतिक्रिया पर सबका ध्यान था.

Mesut Oezil Jubel nach Tor
मेसुत ओजिलतस्वीर: dapd

ओजिल की कहानी

ओजिल ज्यादा बोलते नहीं हैं. लेकिन वह करके दिखाने वाले इंसान हैं. तुर्की से जर्मनी आए अप्रवासी माता पिता की संतान ओजिल ने तुर्की के बजाय जर्मनी के लिए खेलने का फैसला किया.

पिछले साल अक्तूबर में बर्लिन के ओलंपिक स्टेडियम में जब तुर्की के खिलाफ और जर्मनी के लिए खेलने ओजिल मैदान में उतरे, तो वहां मौजूद लगभग 40 हजार तुर्की समर्थकों में से बहुतों ने इसे धोखा माना. उन्होंने टिप्पणियां की, ताने कसे. लेकिन ओजिल ने एक गोल किया और बिना किसी शोर शराबे के एक मुस्कुराहट से जवाब दे दिया.

Mesut Özil Trikot Deutschland Nationalmannschaft
तस्वीर: picture-alliance / GES-Sportfoto

बॉल बोलती है

बाद में ओजिल ने अपनी प्रतिक्रिया के बारे में बताया, "गोल करने के बाद बहुत जोर से इसका जश्न न मनाने का फैसला मैंने तभी लिया. और ऐसा मैंने अपने माता पिता के देश के सम्मान में किया."

अचानक लिए गए उस एक फैसले ने तुर्की के फैन्स में भी ओजिल का सम्मान बढ़ा दिया. इसलिए अब ओजिल को लगता है कि तुर्की के लोग भी उन पर गर्व करते हैं. वह कहते हैं, "मेरा अनुभव है कि वे मेरा सम्मान करते हैं. मेरे जर्मनी के लिए खेलने के फैसले को बहुत से लोग स्वीकार करते हैं और इसका सम्मान भी करते हैं."

साहिन की कहानी

तुर्की के ही नूरी साहिन की कहानी एक मोड़ पर ओजिल से जुदा हो जाती है. ओजिल की तरह वह भी पश्चिमी जर्मनी में बड़े हुए. उन्होंने जर्मनी की स्थानीय लीग बुंडसलीगा में बेहतरीन प्रदर्शन के साथ अपना करियर शुरू किया. लेकिन जब देश चुनने की बारी आई तो साहिन ने अलग फैसला किया. उन्होंने अपने जन्म और बचपन के देश जर्मनी के बजाय अपने माता पिता के देश तुर्की को चुना.

Real Madrid Vorstellung Nuri Sahin
नूरी साहिनतस्वीर: picture alliance/augenklick/firo Sportphoto

साहिन कहते हैं कि उन्हें दोनों देशों पर गर्व है. वह खुद को दोनों मुल्कों के बीच एक संपर्क की तरह देखते हैं.

तुर्की के लिए मिडीफील्डर पोजीशन पर खेलने वाले साहिन के पास जर्मनी की नागरिकता भी है. लेकिन उन्हें तुर्की के फुटबॉल के लिए नए अध्याय की शुरुआत करने वाले के तौर पर देखा जा रहा है. 23 साल के साहिन ने मैदान पर कई कमाल दिखाए हैं. उनकी कप्तानी में उनकी बुंडसलीगा टीम डोर्टमुंड ने 2010-11 में खिताब भी जीता.

साहिन ने बुंडसलीगा में अपने करियर की शुरुआत सिर्फ 16 साल और 355 दिन की उम्र में की. वह लीग के इतिहास के सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बन गए. लेकिन उनके खेल में परिपक्वता की खूब तारीफ हुई.

Nuri Sahin
तस्वीर: AP

तुर्की के लिए 2005 में अपने राष्ट्रीय करियर की शुरुआत साहिन ने जर्मनी के खिलाफ की और गोल भी किया. अब साहिन रियाल मैड्रिड में भी शामिल हो चुके हैं. हालांकि अभी उन्हें पहली बार मैदान पर उतरना है. कुछ लोग कहते हैं कि रियाल मैड्रिड में वह करियर के बहुत शुरुआती दौर में पहुंच गए हैं. लेकिन उन्हें खुद पर संदेह नहीं है. वह कहते हैं, "मैंने यह कदम पूरे आत्मविश्वास से उठाया है. मैं एक ऐसे खिलाड़ी के रूप में परिपक्व हो चुका हूं जो रियाल में कुछ हासिल कर सकता है."

अब ओजिल और साहिन जिंदगी के एक अजीब मोड़ पर खड़े हैं. एक जर्मनी के लिए खेलेगा, दूसरा तुर्की के लिए. और दोनों रियाल के लिए खेलेंगे.

रिपोर्टः योशा वेबेर/वी कुमार

संपादनः ए कुमार

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