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चीन ने खारिज की अई की रिहाई की अपील

६ अप्रैल २०११

चीन के सरकारी मीडिया ने हिरासत में लिए गए चीनी कलाकार अई वाईवाई की तुरंत रिहाई की मांग करने वाले पश्चिमी जगत को आड़े हाथ लिया. सरकारी अखबार का कहना है कि अई को अपनी मनमर्जी की कीमत चुकानी होगी.

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हिरासत में हैं वाईवाईतस्वीर: picture alliance/dpa

ग्लोबल टाइम्स के संपादकीय में पहली बार अई से जुड़े विवाद पर लिखा गया है. उन्हें रविवार को बीजिंग के हवाई अड्डे से सिंगापुर जाते वक्त रोक लिया गया और फिर वहां से पुलिस उन्हें ले गई. इस घटना की पश्चिमी देशों की सरकारों और चीनी मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने निंदा की. 53 वर्षीय अई रविवार से अपने परिवार के संपर्क में नहीं हैं. बुधवार सुबह तक उनका मोबाइल फोन भी बंद पाया गया.

इस बात में अब बहुत ही कम शक बचा है कि चीन की सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के आलोचक और मौजूदा समय के जाने माने कलाकार अई भी उन दर्जनों सरकार विरोधियों और कार्यकर्ताओं की फहरिस्त में शामिल हो सकते हैं जिन्हें हाल में हिरासत में लिया गया. पुलिस और अधिकारियों ने अई के बारे में कुछ नहीं कहा है.

ग्लोबल टाइम्स का कहना है कि पश्चिमी सरकारें अई के मामले के जरिए चीन के मानवाधिकार रिकॉर्ड को निशाना बनाना चाहती हैं जबकि उन्हें तो यह पता ही नहीं है कि अई के साथ क्या हुआ और उन्होंने किन किन कानूनों को तोड़ा है.

अखबार में आगे कहा गया है, "पश्चिमी आलोचक चीन पर हमला कर रहे हैं. चीन की बुनियादी न्यायिक संप्रभुता पर हड़बड़ी में सवाल उठाए जा रहे हैं." अखबार का कहना है कि हट्टे कट्टे और दाढ़ी रखने वाले अई सरकार की सहनशीलता को आजमाने की कोशिश कर रहे हैं. दिलचस्प बात यह है कि अई ने 2008 ओलंपिक के लिए बनाए गए बर्ड्स नेस्ट स्टेडियम की डिजाइन तैयार करने में अहम योगदान दिया.

संपादकीय में आगे कहा गया है, "अई वाईवाई शायद यह समझते हैं कि वह अपनी मनमर्जी चला सकते हैं. ऐसा काम कर सकते हैं जिसे दूसरे लोग करने की सोचते भी नहीं हैं. वह दूसरों को भी ऐसा करने के लिए उकसाने की कोशिश करते हैं. वह अकसर चीनी कानून की लक्ष्मणरेखा तक पहुंच जाते हैं. ऐसे में कभी तो वह सीमारेखा के पास जाएंगे ही. इतिहास ऐसे लोगों पर अपना फैसला देगा. लेकिन इससे पहले उन्हें अपनी विशेष पसंदों के लिए कुछ कीमत तो चुकानी होगी."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः उभ

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