1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जल्द पढ़िए वीरप्पन की पत्नी का आत्मकथा

२८ अप्रैल २०११

कुख्यात चंदन तस्कर और डाकू वीरप्पन की पत्नी मुथुलक्ष्मी अपनी आत्मकथा लिखने की तैयारी कर रही हैं. वह अपनी जिंदगी की मुश्किलों को कलम के जरिए दुनिया के सामने लाना चाहती हैं. पुलिस ने 2004 में वीरप्पन को मार गिराया.

https://p.dw.com/p/114zA
कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल के जंगलों में था वीरप्पन का 'राज'तस्वीर: AP

मुथुलक्ष्मी को मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया. तमिलनाडु की अदालत ने उन्हें एक लंबित मामले में जमानत दे दी. मुथुलक्ष्मी का कहना है कि वह अगले कुछ महीनों में अपनी आत्मकथा पूरी कर लेंगी. उन्होंने कहा कि वह अपनी आत्मकथा मूल रूप से तमिल में लिखेंगे लेकिन बाद में कन्नड़ समेत दूसरी क्षेत्रीय भाषाओं में उसका अनुवाद हो सकता है.

मुथुलक्ष्मी को कर्नाटक की पुलिस टीम सोमवार को तमिलनाडु ले गई. मुथुलक्ष्मी के खिलाफ जारी वारंट के मद्देनजर उन्हें इरोड जिले की फास्ट ट्रैक अदालत में पेश किया. फास्ट ट्रैक कोर्ट के जज ने उन्हें जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया और 19 मई को फिर अदालत के सामने पेश होने को कहा. यह मामला मशहूर कन्नड़ अभिनेता राजकुमार की रिहाई के लिए मिली फिरौती की रकम के बंटवारे से जुड़ा है. राजकुमार को 2000 में वीरप्प्न ने अगवा किया.

जमानत मिल जाने के बाद मुथुलक्ष्मी को बैंगलोर की सेंट्रल जेल से रिहा कर दिया गया. वह अपने खिलाफ कर्नाटक में दायर पांच मामलों में पहले ही बरी हो चुकी हैं. 20 साल तक पुलिस को चमका देने वाले वीरप्पन को 2000 में मार गिराया गया. वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और वन अधिकारियों समेत 184 लोगों की हत्या, 200 हाथियों के शिकार, 26 लाख डॉलर के हाथी दांत की तस्करी और दो करोड़ 20 लाख डॉलर कीमत की 10 हजार टन चंदन की लकड़ी की तस्करी से जुड़े मामलों में पुलिस को वीरप्पन की तलाश थी.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ओ सिंह

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें