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दोहा समझौते से बड़ा है डब्ल्यूटीओ: भारत

३० अप्रैल २०११

भारत का कहना है कि विश्व व्यापार संगठन डब्ल्यूटीओ दोहा व्यापारिक समझौते से बड़ा है और उसे सुनिश्चित करना चाहिए कि अंतरराष्ट्रीय व्यापारिक व्यवस्था उदार और पारदर्शी बनी रहे.

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Filipino activists wear colorful masks during a rally against the economic liberalization policies pushed by the World Trade Organization at the Mendiola bridge, Manila, Philippines, on Monday November 30, 2009. Global trade talks will start anew with the 7th WTO Ministerial Meeting on November 30 to December 3, 2009 in Geneva, Switzerland. (AP Photo/Mike Alquinto)
तस्वीर: AP

भारत ने अपनी अपील में डब्ल्यूटीओ से कहा कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार को विकास के रास्ते पर बनाए रखने की कोशिश होनी चाहिए. शुक्रवार को स्विट्जरलैंड के जेनेवा में व्यापारिक बातचीत समिति की एक अनौपचारिक बैठक हुई. इस बैठक में दस साल से चल रहे दोहा व्यापार वार्ता को आगे बढ़ाने के कदमों पर विचार हुआ. भारत के राजदूत जयंत दासगुप्ता ने कहा कि भारत 10 साल पुराने दोहा वार्ता के इस साल किसी नतीजे तक पहुंचने को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है.

सभी विकल्पों पर बात हो

दासगुप्ता ने समिति के सदस्यों से अपील की कि सभी विकल्पों पर विचार किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि इस बात के सभी रास्ते तलाशे जाने चाहिए कि दोहा बातचीत के दौर को अंजाम देने का मकसद एक ही बार में हासिल किया जाए या कदम दर कदम. उन्होंने कहा, "डब्ल्यूटीओ का मतलब सिर्फ दोहा समझौता नहीं है. इसके अंदर और भी काफी कुछ शामिल है."

World Trade Organization Director General Pascal Lamy speaks at a press conference following the World Trade Organization ministerial meeting in New Delhi, India, Friday, Sept. 4, 2009. Trade ministers from some of the world's most powerful economies agreed Friday to resume stalled negotiations to forge a new global trade agreement, an Indian official said. (AP Photo/Gurinder Osan)
पास्कल लैमीतस्वीर: AP

भारत ने इस बात पर जोर दिया कि उरुग्वे में हुए पिछले दौर के एजेंडे का बहुत सा काम अभी पूरा नहीं हुआ है. इसमें गरीब मुल्कों के लिए व्यापारिक नियमों को पूरा करने में आ रही दिक्कतों से जुड़े मुद्दे लागू करना शामिल है.

यूरोपीय संघ का प्रस्ताव

डब्ल्यूटीओ के निदेशक पास्कल लैमी ने कहा कि दोहा समझौता विफल होने के कगार पर है और तीनों विकल्प (जैसा है चलता रहे, फिर से शुरुआत हो, पीछे हट जाओ) बातचीत में किसी तरह की मदद नहीं करेंगे. लैमी ने कहा, "आज हमें एक गंभीर और सक्रिय प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए कि कैसे 10 साल के काम पर आगे का काम किया जाए. और कैसे दोहा समझौते के मूल्यों और प्रतिबद्धताओं को जिंदा रखा जाए."

लैमी ने कहा कि सदस्यों को समझौते को आगे बढ़ाने के कदमों पर बहस करनी चाहिए. उन्होंने यूरोपीय संघ के उस प्रस्ताव का स्वागत किया जिसमें दोहा वार्ता के गतिरोध को दूर करने के लिए सुझाव दिए गए हैं.

यूरोपीय संघ के मुख्य वार्ताकार जाँ-लुक डिमार्टी ने कहा कि ओद्यौगिक वस्तुओं के बारे में उनका प्रस्ताव कोई आखिरी शब्द नहीं हैं. उन्होंने कहा, "हम इस पर और चर्चा चाहते हैं. यह अलग अलग स्तर पर बात आगे बढ़ाने के लिए शुरुआती कदम हो सकता है."

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः महेश झा

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