घास खाता था मनुष्य का पूर्वज
३ मई २०११नेशनल अकादमी ऑफ साइन्सेस में प्रकाशित शोध में यूटा युनिवर्सिटी के थ्यूर सेर्लिंग ने कहा है, "बहुत संभव है कि वह घास खाता था और कड़े नट्स नहीं तोड़ता था."
12 लाख से 23 लाख साल पहले धरती पर रहने वाले मनुष्य के पूर्वज पैरान्थ्रोपस बोइसेई की दाढ़ आधुनिक मनुष्य से तीन गुना बड़ी थी.
1959 में तंजानिया में मिली एक खोपड़ी के बाद इस पूर्वज को बड़े दांतों के कारण नट क्रैकर यानी नट्स तोड़ने वाला नाम दे दिया गया, लेकिन अमेरिकी और केन्याई शोधकर्ताओं का अब कहना है कि यह प्रजाति भी जेबरा, सुअरों और हिप्पो की तरह घास चरती थी. सर्लिंग ने कहा, "वे इन जानवरों के साथ प्रतियोगिता में थे. दोनों एक ही टेबल पर खाना खाते थे."
शोधकर्ताओं ने उनके खान पान की आदतों के बारे में जानने के लिए उस समय रहने वाले 22 अलग अलग सैंपल के दांतों के इनेमल का पावडर बनाया और इनके कार्बन आइसोटोप्स की जांच की. इससे पता लगा कि वह किस तरह का खाना खाते थे.
शोधकर्ताओं को पता लगा कि यह प्रजाति ट्रॉपिकल घास और पौधे खाती थी जो सी4 प्रकाश संश्लेषण करते थे. न कि वह नट्स, पत्तियां, फल खाते थे जिनमें सी3 टाइप का प्रकाश संश्लेषण होता है.
सह शोधकर्ता केविन उनो के मुताबिक, "भोजन में सी4 वेजिटेशन वाले खाने की अधिकता पैरान्थ्रोपस बोइसेइ को दूसरी मानवीय प्रजातियों(होमिनिड) से अलग बनाती है."
रिपोर्टः एएफपी/आभा एम
संपादनः एमजी