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पढ़ाई के लिए सेक्स वर्कर बनने को तैयार

१९ मई २०११

बर्लिन में पढ़ने वाले छात्र अपनी पढ़ाई का पैसा जुटाने के लिए सेक्स का रास्ता अपनाने तक को तैयार हैं. ऐसे छात्रों की संख्या एक तिहाई से भी ज्यादा है. बर्लिन स्टडी सेंटर के एक रिसर्च में ये हैरतअंगेज नतीजे सामने आए हैं.

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ARCHIV - Studenten lernen am 10. Juli 2008 in einer Bibliothek an der Humboldt-Universitaet in Berlin. Der Bund will den Laendern auf dem Bildungsgipfel am Mittwoch offenbar Entlastungen in Milliardenhoehe anbieten. Die "Leipziger Volkszeitung" berichtet am Dienstag, 15. Dezember 2009, unter Berufung auf ein Eckpunktepapier des Bundes, dieser werde im Rahmen der Bildungsoffensive die Finanzierungskosten fuer die Laender um 5,6 Milliarden Euro bis zum Jahr 2015 entlasten und seinen eigenen Finanzierungsanteil zugleich von geplanten 1,5 auf 6 Milliarden Euro erhoehen. (AP Photo/Franka Bruns) --- FILE - Students read in a library of the Humboldt University in Berlin, Thursday, July 10, 2008. (AP Photo/Franka Bruns)
तस्वीर: AP

बर्लिन में सेक्स वर्कर होना गैरकानूनी नहीं है. यही सर्वे पैरिस और कीव में भी हुआ लेकिन बर्लिन में पढ़ाई के खर्च के लिए सेक्स करने को तैयार छात्रों की संख्या सबसे ज्यादा है. पैरिस में 29.2 फीसदी छात्रों ने ऐसा करने की बात कही. कीव में यह प्रतिशत 18.2 रहा.

लड़के लड़कियां सब तैयार

लगभग 3200 छात्रों से पूछे गए सवालों में पता चला कि चार फीसदी तो सेक्स वर्कर के तौर पर किसी न किसी तरह से काम कर चुके हैं. इनमें प्रॉस्टिट्यूशन से लेकर मादक डांस और इंटरनेट शो जैसी चीजें शामिल हैं.

Flea market for books, Humboldt University, Unter den Linden, Berlin / Buecher-Flohmarkt, Humboldt-Universitaet, Unter den Linden, Berlin, Deutschland / Humbold-Universität, Europa, Europe
तस्वीर: picture-alliance/Arco Images G

और ऐसा नहीं है कि नतीजे लिंग के आधार पर प्रभावित होते हैं. सेक्स के लिए हां करने वालों में महिलाएं और पुरुष दोनों की संख्या बराबर रही.

इन नतीजों से रिसर्च करने वाले भी काफी हैरान हैं. उन्होंने कहा कि अक्सर छात्रों में प्रॉस्टिट्यूशन की बातें सामने आती रहती हैं इसलिए यह रिसर्च करने का फैसला किया गया. लेकिन यह पता नहीं था कि इसका संबंध पढ़ाई से है.

शिक्षा सुधारों से नुकसान

बर्लिन की हुम्बोल्ट यूनिवर्सिटी में पढ़ने वालीं 26 साल की एफा ब्लुमेनशाइन इस रिसर्च से जुड़ी हैं. वह कहती हैं, "छात्रों के सेक्स वर्कर बनने की सबसे बड़ी वजह पैसा है. क्योंकि इस काम में एक घंटे के बहुत ज्यादा पैसे मिल जाते हैं."

ब्लुमेनशाइन कहती हैं कि हाल में हुए शिक्षा सुधारों में छात्रों का यूनिवर्सिटी में बीतने वाला समय बढ़ाया गया है, जो शायद उनके सेक्स वर्क की ओर मुड़ने की वजह बन रहा है. वह बताती हैं, "यह संभव है क्योंकि शिक्षा सुधारों के बाद छात्रों पर काम का बोझ बढ़ गया है. उनके पास पैसा कमाने का वक्त कम है. और उच्च शिक्षा का खर्च भी बढ़ गया है."

रिसर्च में पता चला है कि सेक्स इंडस्ट्री में काम करने वाले 30 फीसदी छात्रों के सिर पर कर्ज है. और जो कहते हैं कि वे सेक्स वर्कर बनने को तैयार हैं, उनमें से 18 फीसदी कर्जदार हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/वी कुमार

संपादनः एन रंजन

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