चीनी कम हो गई जर्मनी में
६ जून २०११साप्ताहिक पत्रिका फोकस ने किसी सूत्र का हवाला दिए बिना कहा कि ग्राहकों के लिए चीनी खरीदने की सीमा कुछ दिनों के लिए तय कर दी गई है.
जर्मनी के सबसे बड़े खुदरा खाद्य बाजार एडेका ने कहा, "हमारी दुकानें तय कर सकती हैं कि एक बार में कितनी चीनी बेची जाएगी." सोमवार को फोकस में प्रकाशित होने वाले एक आर्टिकल के हवाले से यह कहा गया है.
रविवार को एडेका का कोई अधिकारी इस मामले पर बयान के लिए उपलब्ध नहीं हो सका. फोकस पत्रिका का कहना है कि दुनिया भर में चीनी की मांग बढ़ रही है और इस कारण चीनी विक्रेता यूरोपीय संघ में चीनी नहीं बेचना चाहते क्योंकि यहां कीमतों पर नियंत्रण है. इस कारण अंतरराष्ट्रीय चीनी विक्रेताओं की दिलचस्पी इन बाजारों में कम है. पत्रिका में यह भी कहा गया है कि यूरोपीय संघ के चीनी उत्पादकों का कोटा बढ़ाया गया ताकि यहां चीनी की मांग पूरी की जा सके.
पिछले साल चीनी की कीमतें 50 फीसदी से भी ज्यादा बढ़ गईं. इस सप्ताह लिफे अगस्ट चीनी के सौदे 960 अमेरिकी डॉलर प्रति टन तक हुए. ब्राजील में गन्ने की फसल कटने को रिफाइन्ड चीनी की कीमत बढ़ने का कारण बताया जा रहा है जबकि भारत से भी चीनी का निर्यात कम हुआ है. साथ ही उत्तरी अफ्रीका और मध्य पूर्व में राजनीतिक अस्थिरता ने भी चीनी की कीमतें बढ़ा दी हैं.
रिपोर्टः रॉयटर्स/आभा एम
संपादनः वी कुमार