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'लेबनान कट्टरपंथ की ओर नहीं जाएगा'

१४ जून २०११

लेबनान के नए प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने कहा है कि उनके नेतृत्व वाली सरकार देश को कट्टरपंथ की ओर नहीं जाने देगी. नई लेबनानी सरकार में इस्राएल का कड़ा विरोधी हिज्बुल्लाह शामिल है.

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नजीब मिकातीतस्वीर: AP

नई सरकार में कई अहम पद हिज्बुल्लाह के पास हैं. प्रधानमंत्री मिकाती ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "30 सदस्यों वाली कैबिनेट में 18 हिज्बुल्लाह के पास हैं, लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि देश अंतरराष्ट्रीय संबंधों के संदर्भ में कट्टरपंथी धड़े में शामिल हो जाएगा."

अकेले फैसला नहीं लेगा हिजबुल्लाह

सरकार बनाने के लिए पांच महीने चली लंबी बातचीत के बाद मंत्री पदों की घोषणा हुई. मिताकी ने कहा, "लेबनान के अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हमेशा अच्छे संबंध रहे हैं और हम आगे भी स्थिरता बनाए रखना चाहते हैं."

Premierminister Libanon Najib Mikati und Saad Hariri
मिकाती के साथ साद हरीरीतस्वीर: AP

मिताकी ने कहा कि कैबिनेट के एक तिहाई मंत्री उन्होंने तय किए हैं. मिताकी के मुताबिक यह अहम रहा कि राष्ट्रपति या द्रुज लीडर वालिद जुंबलात ने सुनिश्चित किया कि हिज्बुल्लाह और उसकी सहयोगी पार्टियां अकेले फैसला न लें.

अमेरिका ने हिज्बुल्लाह को आतंकी संगठन वाली सूची में रखा है. उसने चेतावनी दी है कि सीरिया और ईरान के शिया उग्रवादियों के समर्थन वाली पार्टी द्विपक्षीय संबंधों को खतरे में डाल सकती है.

क्या होगा हरीरी हत्याकांड का?

हालांकि जनवरी में नियुक्त होने से लेकर अब तक मिताकी ने खुद को स्वतंत्र नेता के तौर पर पेश करने की कोशिश की है. अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह नई सरकार के बारे में उसके काम से मत बनाएंगे.

साद हरीरी के नेतृत्व वाली पुरानी लेबनान सरकार हिज्बुल्लाह ने गिरा दी थी. मतभेद रफीक हरीरी की हत्या की जांच संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से करवाने को लेकर था. नीदरलैंड्स में लेबनान पर बना विशेष ट्रिब्यूनल हरीरी की हत्या में हिज्बुल्लाह के शामिल होने का इशारा कर सकता है. लेकिन मिकाती ने इस ट्रिब्यूनल पर अपने विचार देने से साफ इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा, "हम लेबनान के बारे में इस ट्रिब्यूनल के नतीजे देखेंगे और देश की स्थिरता के बारे में सोचते हुए कार्रवाई करेंगे. मैं कह सकता हूं कि लेबनान अंतरराष्ट्रीय प्रस्तावों का सम्मान करे, इसकी मैं पूरी कोशिश करूंगा. लेकिन लेबनान की स्थिरता के प्रति भी मेरी कोई जिम्मेदारी है."

उन्होंने इस बात पर दुख जाहिर किया कि साद हरीरी के पश्चिमी सहयोग वाले धड़े ने उनकी सरकार का बहिष्कार किया है लेकिन साथ ही कहा कि वह सभी लेबनानी लोगों का प्रतिनिधित्व करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. उन्होंने कहा, "मुझे एक एकता वाली सरकार, जिसमें लेबनान के सभी धड़े हों, अच्छी लगती लेकिन दुर्भाग्यवश उन्होंने इसमें शामिल होने से इनकार कर दिया."

साथ ही मिताकी ने कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता लेबनान की आर्थिक समस्या सुलझाना होगी.

रिपोर्टः एएफपी/आभा एम

संपादनः वी कुमार

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