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भारत का सबसे उम्र दराज कैदी रिहा

१८ जून २०११

भारत के सबसे उम्रदराज कैदी ब्रिज बिहारी को जेल से रिहा कर दिया गया है. कई हत्याओं के जुर्म में 24 साल की सजा काट चुके बिहारी की उम्र 108 साल है. उसे कई तरह की बीमारियां हैं और वह बिस्तर पर पड़ा रहता है.

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A sadhu, or a Hindu holy man, right, practices yoga as another looks on at a Hindu temple in Katmandu, Nepal, Friday, May 22, 2009. (AP Photo/Gemunu Amarasinghe)
धार्मिक विवाद से जुड़ा मामलातस्वीर: AP

बिहारी की उम्र 84 साल थी जब उसने 15 अन्य लोगों को साथ मिल कर भगवंत पांडे नाम के व्यक्ति समेत चार लोगों की हत्या की. ये हत्याएं 15 जून 1987 को महाराजगंज जिले में की गईं. बिहारी स्थानीय जगन्नाथ पीठ का महंत बनना चाहता था. लेकिन जब इस पद पर रामानुजदास को चुन लिया गया तो बिहारी ने महंत की हत्या कर दी जो मारे गए लोगों में शामिल था. इस घटना के लगभग 24 साल बाद उसे गोरखपुर की जेल से रिहा किया गया है.

डिवीजनल जेल के जेलर नवामी लाल ने बताया कि दिसंबर 2009 में बिहारी और अन्य लोगों को निचली अदालत ने दोषी करार दिया और उम्र कैद की सजा सुनाई. बिहारी को कई तरह की बीमारियां और उसका इलाज चल रहा है. पिछले महीने इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बिहारी और उसके साथ 10 अन्य आरोपियों को जमानत दे दी जिससे उसकी रिहाई का रास्ता साफ हुआ.

सूत्रों का कहना है, "अदालत के आदेश के बाद उसे शुक्रवार को जेल से रिहा कर दिया गया. उसके भतीजे के बेटे ने सभी औपचारिकताएं पूरी कीं." बिहारी चलने के भी काबिल नहीं है, इसलिए उसकी कोठरी तक एक कार ले जाने की अनुमति दी गई जो उसे घर ले गई. 2010 में महाराजगंज जिला मैजिस्ट्रेट ने उत्तर प्रदेश सरकार के पास एक दया याचिका भेजी ताकि बढ़ती उम्र को देखते हुए ब्रिज बिहारी को रिहा किया जा सके.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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