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जर्मनी में बच्चों के हत्यारे को उम्रकैद

२७ जून २०११

जर्मनी में दो बच्चों की हत्या के दोषी को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. निठारी जैसे इस मामले में अदालत ने इस 26 वर्षीय आरोपी को मनोरोग चिकित्सक की निगरानी में रखने के आदेश दिए हैं.

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Puppe im Wald. BilderBox
तस्वीर: BilderBox

जर्मनी का यह मामला चौका देने वाला है. पिछले साल नवंबर में यान ओ नाम के व्यक्ति ने एक 14 साल की लड़की नीना और एक 13 वर्षीय लड़के टोबियास की हत्या की. जांच के दौरान यान ओ ने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि उसने बच्चों के साथ दुर्व्यवहार किया और जान लेने के बाद उनकी लाश के साथ नरभक्षी व्यव्हार भी.

यह मामला कुछ वैसा ही है जैसा 2006 में दिल्ली में हुए निठारी हत्या कांड में सामने आया. उस समय सुरेन्द्र कोली ने बच्चों को मार कर उनके अंग खाने की बात कही थी.

angst © detailblick #26718227
तस्वीर: Fotolia/detailblick

हालांकि यान ओ के वकील ने इस बात की पूरी कोशिश की कि उसे ज्यादा से ज्यादा साल की ही सजा हो, लेकिन अदालत ने यह याचिका खारिज कर दी और सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई. जज राल्फ गुएंथर ने सजा सुनाते हुए कहा, "यह अन्याय का ऐसा पहलू है जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती."

पुलिस के मुताबित जान ओ को नशे और ड्रग्स की लत थी. जज ने कहा कि जब यान ओ ने नीना का कत्ल किया तब वह अपने होश में नहीं था. इस कत्ल के लिए उसे केवल साल और महीने की सजा होनी चाहिए, लेकिन जब उसने टोबियास की जान ली तब वह अपने होश में था. उसने सोच समझ कर टोबियास को मारा क्योंकि उसे लगा कि टोबियास को उस पर शक हो गया है. इसलिए इसे उम्रकैद ही होनी चाहिए.

Absperrung am Tatort. Leichenumrisse auf dem Boden. 2009
तस्वीर: Fotolia/apfelweile

कब क्या हुआ?

15 नवंबर 2010: 14 साल की नीना अपने मां बाप से नाराज हो कर घर से निकली और इसी शाम घर से कुछ ही दूरी पर यान ओ ने नीना का कत्ल कर दिया.

16 नवंबर 2010: नीना के माता पिता पुलिस में शिकायत दर्ज की. पुलिस ने नीना की तलाश के लिए दल भेजने से मना कर दिया क्योंकि नीना इस से पहले भी कई बार नाराज हो कर घर छोड़ के जा चुकी थी.

18 नवंबर 2010: नौ साल के दो बच्चे नीना की लाश देखी. इनमें से एक ने घर जा कर अपनी मां को बताया लेकिन उसने इसे बच्चे की कल्पना समझकर नजरअंदाज किया और पुलिस को सूचित नहीं किया.

20 नवंबर 2010: यान ओ रेलवे स्टेशन पर एक लड़की से फ्लर्ट करने की कोशिश की. मांगने पर लड़की ने उसे फोन नंबर नहीं दिया तो उसने जबरदस्ती अपना नंबर लड़की के पास छोड़ दिया. इसी स्टेशन पर टोबियास भी मौजूद था.

21 नवंबर 2010: रविवार के दिन टोबियास का परिवार रिश्तेदारों की कब्र पर फूल चढ़ाने के लिए कब्रिस्तान गया. यहां टोबियास की मां को टोबियास की लाश दिखाई दी. पुलिस को कुछ ही मीटर दूर नीना की लाश भी मिली.

22 नवंबर 2010: सभी अखबारों में दोनों बच्चों की मौत की खबर छपी. जिस लड़की को यान ओ ने अपना फोन नंबर दिया था उस लड़की ने पुलिस को सूचना दी कि उसने यान ओ को टोबियास से बात करते देखा था. उसी शाम पुलिस ने यान ओ को गिरफतार किया.

23 नवंबर 2010: पुलिस ने रात भर यान ओ से पूछ ताछ की और उसके घर से खून से लथपथ कपड़े बरामद किए.

26 नवंबर 2010: यान ओ ने अपना जुर्म कबूल किया. उसने कहा कि वह नीना को मार कर उसका बलात्कार करना चाहता था. टोबियास ने उसे देख लिया था, इसलिए वह उसे भी रास्ते से हटाना चाहता था.

रिपोर्ट: डीपीए/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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