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सत्ता में लौटने का इरादा नहीं: थकसिन

४ जुलाई २०११

दुबई में निर्वासित जीवन बिता रहे थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थकसिन शिनावात्रा का कहना है कि वह सत्ता में नहीं लौटना चाहते. उनकी बहन यिंग्लुक शिनावात्रा ने चुनावों में बड़ी जीत हासिल की.

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दुबई में रहते हैं थकसिनतस्वीर: picture alliance/dpa

दुबई में शिनावात्रा ने कहा, "मैं लंबे समय तक पार्टी से जुड़ा रहा और मैं वाकई रिटायर होना चाहता हूं. दरअसल जब मैं प्रधानमंत्री था जो मैंने घोषणा की थी कि 60 साल का होने पर रिटायर हो जाऊंगा. अब मैं 62 साल का हूं. थाईलैंड वापस जाने का यह मतलब नहीं है कि मैं राजनीति में वापस जाऊंगा." उन्होंने मजाक में कहा कि वह पेशेवर गोल्फ खिलाड़ी बन सकते हैं.

जब शिनावात्रा से पूछा गया कि क्या वह फिर से प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं तो उनका जवाब था, "नहीं." 2006 में सेना द्वारा सत्ता से बेदखल किए गए शिनावात्रा ने कहा कि उनकी स्वदेश वापसी से पहले मेलमिलाप की कोशिशें जरूरी हैं. उनके मुताबिक, "घर वापसी बड़ी चिंता नहीं है. यह प्राथमिकता नहीं है. प्राथमिकता मेलमिलाप को बढ़ावा देना है. मैं यहीं रहूंगा और उन्हें मेरी जिस भी सलाह की जरूरत होगी, मैं दूंगा. अगर उन्हें सलाह नहीं चाहिए तो भी मेरे लिए कोई चिंता की बात नहीं है. थाई लोगों का ध्यान रखा जाएगा."

NO FLASH Wahlen in Thailand
यिंग्लुक शिनावात्रा बनेंगी थाईलैंड की पहली महिला प्रधानमंत्रीतस्वीर: dapd

उन्होंने कहा कि मेलमिलाप के बाद देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाना सबसे बड़ी प्राथमिकता है. बड़े टेलीकॉम उद्योगपति रहे थकसिन से जब पूछा गया कि वह अपनी 1.4 अरब डॉलर की उस संपत्ति को फिर से हासिल करना चाहते हैं जिसे सुप्रीम कोर्ट ने जब्त कर दिया, उन्होंने कहा, "चिंता मत करो. मैं भूखा नहीं मर रहा हूं."

इस बीच प्रधानमंत्री अभिसीज वेजाजीवा ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता पद से इस्तीफा दे दिया है. 46 वर्षीय वेजाजीवा ने ऑक्सफॉर्ड में पढ़ाई की है और 20 साल से राजनीति में हैं. चुनाव नतीजों के मुताबिक डेमोक्रेटिक पार्टी को 159 सीटें मिलीं जबकि विपक्षी पार्टी फेऊ थाई पार्टी ने 265 सीटें हासिल की. इस तरह देश में पहली बार किसी महिला के प्रधानमंत्री बनने का रास्ता साफ हो गया है. यिंग्लुक शिनावात्रा को 500 सदस्यों वाली संसद में स्पष्ट बहुमत मिल गया है. वैसे जानकारों का कहना है कि अगर फेऊ थाई पार्टी भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे थकसिन शिनावात्रा को आम माफी देती है तो इसका बड़े पैमाने पर विरोध हो सकता है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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