1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

चीन के नए नेता को जानने दौरे पर निकले बाइडेन

१७ अगस्त २०११

घरेलू मोर्चे पर कर्ज संकट, घाटे और मुद्रा पर बढ़ते तनाव के बीच अमेरिकी उप राष्ट्रपति जो बाइडेन एशिया के दौरे पर निकले हैं. इस दौरे का खास मकसद चीन में नई पीढ़ी के नेताओं से पहचान बढ़ाना बताया जा रहा है.

https://p.dw.com/p/12H9H
जो बाइडेनतस्वीर: AP

बाइडेन मंगलवार को चीन, मंगोलिया और जापान के दौरे पर रवाना हुए. अमेरिकी सरकार इन देशों को विदेश नीति की अपनी प्राथमिकताओं में खासी अहमियत दे रही है. बाइडेन के इस दौरे का एजेंडा व्यापक है. बीजिंग में वह चीन पर अपनी मुद्रा युआन का मूल्य बढ़ाने के लिए दबाव डालेंगे तो मंगोलिया में लोकतंत्र की सफलता पर बधाई देंगे. जापान में वह हाल ही में भयानक भूकंप और सूनामी की तबाही झेलने वाले लोगों के साथ एकुजटता दिखाएंगे.

लेकिन उनका मुख्य मकसद चीन के उपराष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पहचान बढ़ाना है, जो 2013 में राष्ट्रपति बन सकते हैं. बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार टोनी ब्लिंकेन ने कहा, "हम अमेरिका और चीन के भावी रिश्तों में निवेश कर रहे हैं. इस यात्रा का खास मकसद चीन के भावी नेतृत्व उपराष्ट्रपति शी से साथ पहचान कायम करना है. उनके अलावा अन्य नेताओं से भी अमेरिका और चीन के संबंधों पर चर्चा होगी."

Hu Jintao und Xi Jinping China Peking Flash-Galerie
चीन वर्तमान और भावी नेतृत्व में मंत्रणा: हू जिनताओ और शी चिनफिंगतस्वीर: AP

भरोसा बढ़ाने की कोशिश

मानवाधिकार और ताइवान के मुद्दों पर दोनों देशों की राय टकराती रही है. अमेरिका में जारी आर्थिक संकट की छाया भी बाइडेन के दौरे पर रहेगी. इसके अलावा मीडिया की इन खबरों पर भी लोगों का ध्यान है कि पाकिस्तान ने एबटाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हुए अमेरिकी सेना के हेलिकॉप्टर का मलबा चीनी इंजीनियरों को दिखाया और उन्होंने उसकी तस्वीरें भी लीं. जब 2 मई को विशेष अमेरिकी टुकड़ी अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी तो यह हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया.

अमेरिका में संकट पैदा होने के बाद यह किसी आला अमेरिकी अधिकारी का पहला चीन दौरा है. वॉशिंगटन के ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूट में विदेश नीति के जानकार कैनेथ लीबरथाल कहते हैं, "चीनी इस बारे में बाइडेन का रुख जानना चाहते हैं कि अमेरिकी घाटे के प्रबंधन में क्या हुआ और क्या हो सकता है."

बीजिंग में कारनेगी-त्सिंगुहआ सेंटर के पॉल हैनले का कहना है, "मुझे लगता है कि चीनियों को यह विश्वास दिलाने की कोशिश होगी कि अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग गिरने के बावजूद वह अब भी मजबूत है और अमेरिका जल्द मुश्किलों से उबर जाएगा और चीन की डॉलर संपत्ति सुरक्षित है."

ताइवान पर तनाव

बाइडेन का यह पहला पूर्व एशियाई दौरा है और ओबामा सरकार ने शी को भी इसी तरह वॉशिंगटन आमंत्रित किया है. चीनी नेता अमेरिका के आर्थिक और कर्ज संकट पर मौजूद चिंताओं को उठाए बिना बाइडेन पर इस बात के लिए दबाव डाल सकते हैं कि ताइवान को और हथियार और खास कर एफ-16 लड़ाकू विमान न बेचे जाएं.

ताइवान ने 66 नए लॉकरहीड मार्टिन एफ-16सी/डी लड़ाकू विमान मांगे हैं. इस डील पर नाराज चीन का कहना है कि इससे दो बड़ी ताकतों के बीच रिश्ते खराब हो सकते हैं. इस तरह के मुद्दों पर नजर रखने वाले कहते हैं कि अत्याधुनिक लॉकरहीड मार्टिन लड़ाकू विमानों की बिक्री का सौदा होने की संभावना कम है. वैसे भी ओबामा प्रशासन ने अभी इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया है.

एशियाई मामलों पर व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार डैनियल रसेल का कहना है, "इस दौरे में ताइवान के मुद्दे और खासकर हथियारों की बिक्री को उठाने का उपराष्ट्रपति का कोई इरादा नहीं है. हम ताइवान संबंध कानून के तहत अपनी जिम्मेदारी को बहुत गंभीरता से लेते हैं और हम इन मुद्दों पर चीन से बात नहीं करते."

शी के तेवर

बाइडेन बीजिंग में शी और चीनी प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से मिलेंगे. वह चीनी और अमेरिकी उद्योगपतियों की बैठक में भी शामिल होंगे और चीनी राष्ट्रपति हू जिनताओं से मिलने का भी उनका कार्यक्रम है. चीन दौरे के आखिरी दिन बाइडेन शी के साथ छेंगदु शहर में एक रेस्त्रां में अनौपचारिक रात्रिभोज करेंगे.

58 वर्षीय शी 2012 में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के सम्मेलन में हू की जगह पार्टी प्रमुख बन सकते हैं और फिर 2013 के शुरुआत में चीनी राष्ट्रीय संसद के अधिवेशन में राष्ट्रपति पद संभाल सकते हैं. वैसे उनके नेतृत्व संभालने के बाद चीन-अमेरिकी संबंधों के बुनियादी पहलुओं में कोई बदलाव नहीं होगा.

पिछले महीने शी ने दलाई लामा के नेतृत्व में अलगाववादियों के खिलाफ कड़े कदम उठाने का संकल्प किया. उनका यह बयान व्हाइट हाउस में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और तिब्बतियों के आध्यात्मिक नेता दलाई लामा की मुलाकात के बाद आया. दशकों से भारत में निर्वासित जीवन बिता रहे दलाई लामा तिब्बत के लिए सच्ची स्वायत्तता की मांग करते हैं जबकि चीन उन्हें अलगाववादी बताता है,

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः आभा एम

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी