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ग्रहों को निगल रहा है ब्लैक होल धनु-ए

६ नवम्बर २०११

धरती से 26,000 प्रकाश वर्ष दूर एक विशाल ब्लैक होल एक एक कर ग्रहों, तारों और पिंडो को निगल रहा है. ब्लैक होल हमारी आकाश गंगा के केंद्र में है. वैज्ञानिकों के मुताबिक ब्लैक होल सूर्य से चार लाख गुना बड़ा है.

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तस्वीर: picture alliance/dpa

ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी ऑफ लिसेस्टर के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह ब्लैक होल हर दिन ब्रह्मांड में तैरती चीजों को निगलता जा रहा है. ब्लैक होल को सैजिटेरियस-A (धनु-ए) नाम दिया गया है. डॉक्टर कास्टीटिस जुबोवास के मुताबिक धनु-ए अपने सामने आने वाले गैस और धूल से बने क्षुद्र ग्रहों को तोड़ कर निगल रहा है. इस दौरान एक्स-रे किरणें और इंफ्रारेड विकीरण भी दिखाई पड़ रहा है.

Internationales Jahr der Astronomie Schwarzes Loch
तस्वीर: AP

डॉक्टर जुबोवास और उनके साथियों कहते हैं कि ब्लैक होल आकार में सूर्य से 4,00,000 गुना बड़ा है. ब्रह्मांड में तैर रहे तारों के अवशेषों को भी धनु-ए निगलता जा रहा है.

ब्लैक होल सोलर सिस्टम

यह जानकारी सामने आने के बाद यह बहस फिर छिड़ गई है कि क्या ब्लैक होल सौर मंडल को नए सिरे से बनाते हैं. ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी के माउंट स्ट्रोम्लो ऑब्जरवेट्री के मिशेल बैनिस्टर कहती हैं, "आकाश गंगा का केंद्र एक अत्यंत ऊर्जा वाला स्थान है. बहुत कम दायरे में गतिशील रहने वाले कुछ ग्रह वहां पर बन सकते हैं."

Schwarzes Loch beschießt Galaxie
तस्वीर: AP

एक्स रे किरणें और इंफ्रारेड विकीरण से साबित होता है कि आकाश गंगा के केंद्र के पास क्षुद्र ग्रह, पुच्छल तारे और ग्रह हो सकते हैं. मिशेल यह संभावना जताती है कि ब्लैक होल के किनारों पर ग्रहों का निर्माण हो सकता है.

ग्रहों की मौत

ब्रिटिश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं का तर्क है कि ब्लैक होल के किनारे भले ही ग्रहों की उपत्ति के लिए अच्छा माहौल बनाते हों लेकिन इसी इलाके में ग्रहों की मृत्यु भी होती है. इस दौरान अपार ऊर्जा निकलती है. जब कोई बड़ा ग्रह ब्लैक होल में समाता है तो कुछ ही पलों के लिए इंफ्रारेड विकीरण और एक्स रे किरणें दिखाई पड़ती हैं.

Schwarzes Loch Zeichnung
तस्वीर: AP/NASA/CXC/M.Weiss

ब्लैक होल और उसके किनारे बनते ग्रहों के संबंध में यह जानकारी नई है. मेलबर्न की स्विनबर्न यूनिवर्सिटी के एसोसिएट प्रोफेसर एलिस्टर ग्रैहम कहते हैं, "सभी नहीं, लेकिन अधिकतर आकाशगंगाओं के केंद्र में विशाल ब्लैक होल है." ग्रैहम भी इस बात से सहमत हैं कि धनु-ए की ताकत तारों को तोड़ रही है और हर दिन उससे एक्स रे किरणें और इंफ्रारेड विकीरण देखा जा रहा है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: एन रंजन

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