1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

77 लोगों का हत्यारा दिमागी बीमार!

२९ नवम्बर २०११

नॉर्वे में दिनदहाड़े 77 लोगों की हत्या करने वाला व्यक्ति उग्र विक्षिप्त है. मनोचिकित्सकों का यह दावा अगर अदालत को सही लगा तो हत्यारे को जेल की सजा नहीं होगी. हत्यारा विदेशी मूल के लोगों से नफरत करता है.

https://p.dw.com/p/13J3L
आंदेर्स बेहरिंग ब्रेइविकतस्वीर: Polizei Oslo

अदालत के नियुक्त मनोचिकित्सकों के मुताबिक हत्यारा आंदेर्स बेहरिंग ब्रेइविक मानसिक रूप से विक्षिप्त है. नॉर्वे के अखबार वीजी डेली के मुताबिक, "कोर्ट द्वारा नियुक्त किये गए मनोचिकित्सकों के मुताबिक 77 लोगों को मारते समय आंदेर्स बेहरिंग ब्रेइविक बीमार था."

अभियोजन पक्ष ने मांग की है कि ब्रेइविक को जेल नहीं बल्कि मनोचिकित्सा केंद्र भेजा जाए. रिपोर्ट दो मनोचिकित्सकों ने तैयार की है. दोनों ने ब्रेइविक से 36 घंटे तक बातचीत की. अब रिपोर्ट को फॉरेंसिक मनोचिकित्सक जांचेंगे. इसके बाद ही अदालत फैसला लेगी कि ब्रेइविक को विक्षिप्त माना जाए या नहीं.

अभियोजन पक्ष का कहना है कि ब्रेइविक घटना के वक्त बीमार था. मनोचिकित्सकों ने ब्रेइविक को स्क्रिजोफ्रेनिक करार दिया है. स्क्रिजोफ्रेनिक ऐसी अवस्था है जब इंसान का व्यक्तित्व बुरी तरह अवसाद का शिकार रहता है. इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति की भावनाएं चरम पर रहती हैं. वह अक्सर उग्र भी हो जाता है.

Norwegen Terror Angehörige der Opfer auf Utöya
जुलाई में हुआ हत्याकांडतस्वीर: dapd

इसका उदाहरण इस बात से समझा जा सकता है कि यदि किसी स्क्रिजोफ्रेनिक से कहा जाए कि आसमान का रंग आसमानी है. तो हो सकता है वह कहे है कि आसमान भूरा है. ऐसे में अगर उसे समझाने की कोशिश की गई कि आसमान का रंग कैसा है तो वह भयानक ढंग से चिढ़ जाएंगे, हो सकता है कि उग्र भी हो जाए और हिंसा पर उतारू हो जाए.

मनोचिकित्सकों के मुताबिक मुस्लिम समुदाय से नफरत करने वाला ब्रेइविक खुद को किसी सेना का लड़ाका समझता है. 243 पन्नों की रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने कहा है कि, "भ्रम में रहने वाले ब्रेइविक की अपनी दुनिया है, जहां उसके सारे विचार और कार्य उसके अपने भ्रमों पर आधारित रहते हैं."

इसके आधार पर अभियोजन पक्ष कहता है, "यह नतीजा निकाला गया है कि आंदेर्स बेहरिंग ब्रेइविक को एक लंबे अरसे में पैरानोएड स्क्रिजोफ्रेनिक का मानसिक विकार हो गए. इसकी वजह से वह आज ऐसा है."

नॉर्वे में मानसिक बीमार साबित होने पर दोषियों को जेल की सजा से राहत मिलने की संभावना रहती है. लेकिन यह साबित करना होता है कि दोषी वास्तविक जिंदगी से पूरी तरह कटा हुआ है, इस वजह से उसका अपनी हरकतों पर कोई नियंत्रण नहीं रहता. इसके बाद अदालत की समिति तय करती है कि मुकदमा चलाया जाए या नहीं.

Norwegen Trauer Mädchen mit Blumen
तस्वीर: dapd

रिपोर्ट की जांच नॉर्वे बोर्ड ऑफ फॉरेंसिक मेडिसिन करेगा. पैनल की प्रमुख डॉक्टर टारजेई रिग्नेस्टाड फिलहाल मामले पर हैरानी जता रहे हैं. रिग्नेस्टाड को लगता है कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति इतनी सफाई से साजिश नहीं रच सकता. जुलाई में उन्होंने कहा कि ऐसी बीमारियों से ग्रसित लोगों को कार चलाने जैसे मामूली काम को बहुत मुश्किल से कर पाते हैं.

मनोचिकित्सकों की रिपोर्ट के बाद मंगलवार को रिग्नेस्टाड ने कहा कि पूरी रिपोर्ट पढ़ने के बाद ही वह कुछ कह पाएंगे. हालांकि वह भी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि ऐसे हमले को इस तरह की मानसिक बीमारी से ग्रस्त व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता.

इसी साल जुलाई में ओस्लो में बम धमाका और फिर अंधाधुंध गोलियां चलाने वाला ब्रेइविक अदालत में अपना गुनाह पहले ही कबूल कर चुका है. वह खुद को बहुसंस्कृतिवाद का विरोधी बताता है और एक सेना का कमांडर बताता है.

रिपोर्ट: एपी/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें