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विलासिता से भरी किम की रहस्यमयी जिंदगी

१९ दिसम्बर २०११

लंबा दिखने के लिए ऊंची एड़ी वाले जूते पहनना, महिलाओं के बीच महंगी शराब पीना और फिर चांदी की चॉपस्टिक से झींगे खाना. उत्तर कोरिया के साम्यवादी नेता किम जोंग इल की यह पहचान रही. उनकी जिंदगी एक रहस्य की तरह रही.

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तस्वीर: AP

किम जोंग इल की राजनीति रहस्यमयी रही लेकिन साम्यवादी नेता अपने राजसी शौक के कारण अकसर सुर्खियों में रहे. किम एक बार रूसी दूत के साथ ट्रेन से रूस घूम रहे थे. इस दौरान हवाई जहाज या हेलीकॉप्टर के जरिए ट्रेन में जिंदा झींगे पहुंचाए जा रहे थे, ताकि किम झींगों का आनंद उठा सकें. सामाजिक और आर्थिक बराबरी की बात करने वाले साम्यवादी नेता इल झींगों को चांदी की चॉपस्टिक से खा रहे थे. इस दौरान मनोरंजन के लिए महिलाएं थीं. वह और रूसी दूत शैंपेन पी रहे थे. किम इस अनुभव को 'परम खूबसूरती और प्रतिभा' का संगम बता रहे थे.

किम आम तौर पर ट्रेन से ही सफर करते थे. वह हवाई यात्राएं नहीं किया करते थे. हवाई सफर से डर को एरोफोबिया कहते हैं.

फिल्मी किम जोंग इल

अमेरिका विरोधी किम हॉलीवुड फिल्मों के दीवाने थे. माना जाता है कि उनके पास हॉलीवुड की 20,000 फिल्मों का कलेक्शन था. उत्तर कोरिया की सरकारी किताबों के मुताबिक किम फिल्मों के मामले में अथाह प्रतिभाशाली थे. उन्होंने सिनेमा पर एक किताब भी लिखी. हॉलीवुड की पूर्व अभिनेत्री एलिजाबेथ टेलर इल का दिल चुराया करती थीं.

किम ने सैकड़ों बार उत्तर कोरिया की राष्ट्रीय फिल्म कंपनी के चक्कर भी लगाए. उन्होंने उत्तर कोरिया के 58 साल के इतिहास पर 100 एपिसोड के धारावाहिक भी तैयार किया. सिनेमा का शौक ऐसा था कि 1980 के दशक में दक्षिण कोरिया के फिल्म निदेशक और उनकी पत्नी के अपहरण के आदेश दे दिए. हालांकि बाद में इल ने माफी मांगी लेकिन यह कहा कि दोनों को उनके लिए फिल्में बनानी होंगी.

Tod von Kim Jong Il Nordkorea
तस्वीर: dapd

उत्तर कोरिया के भगवान!

उत्तर कोरिया के साहित्य के मुताबिक किम जोंग इल की पैदाइश के दिन कुदरत ने गजब का करिश्मा किया. एक साथ दो इंद्रधनुष बने और आकाश में एक नया चमकता तारा दिखाई पड़ा. लेकिन वह पैदा कहां हुए, इसकी सही जानकारी किसी को नहीं है. बाहरी विशेषज्ञों के मुताबिक किम जोंग इल रूसी सीमा से सेट खाबारोवस्क में पैदा हुए. उनके पिता किम इल सुंग उस वक्त सोवियत सेना की मदद से गुरिल्ला संघर्ष कर रहे थे.

किम की आधिकारिक जीवनी है कि वह जापान के नियंत्रण वाले कोरिया में एक सैन्य कैंप में पैदा हुए. उनकी पैदाइश को एक दिव्य दिन की तरह दर्शाया गया है. 1945 में द्वितीय विश्वयुद्ध खत्म होने के साथ ही कोरिया जापान से आजाद हो गया. किम इसके बाद प्योंगयांग आए.

सफल कूटनीतिज्ञ किम

प्रतिष्ठित स्कूल और कॉलेजों में पढ़ाई के दौरान ही वह राजनीति में आए. 1975 में किम को 'प्यारा नेता' चुना गया. पांच साल बाद वह कोरियन वर्कर्स पार्टी से जुड़े. 1994 में किम इल सुंग की मौत के बाद किम जोंग इल को उत्तर कोरिया की सत्ता मिली. लेकिन माना जाता है कि किम काफी पहले से ही उत्तर कोरिया की राजनीति में सक्रिय हो चुके थे. आरोप लगते हैं कि 1987 में दक्षिण कोरिया के यात्री विमान पर हमला करने के आदेश किम ने ही दिए.

1994 में वह राष्ट्रपति बने तो दुनिया हैरान हो गई. पश्चिमी देशों की खुफिया एजेंसियों के पास उनके बारे में कोई जानकारी नहीं थी. लेकिन धीरे धीरे अपनी बारीक कूटनीतिक चालों से किम ने दक्षिण कोरिया और पश्चिमी दुनिया को परेशान करना शुरू कर दिया. उन्होंने लंबी दूरी का मिसाइल कार्यक्रम आगे बढ़ाया और परमाणु हथियार बनाने की तैयारी शुरू कर दी.

Nordkorea startet Rakete
तस्वीर: AP

कई विशेषज्ञ उन्हें चालाक कूटनीतिज्ञ कहते रहे. एक ऐसा नेता जो जोखिम से खेलना जानता था. पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री मेडेलीन अलब्राइट के मुताबिक किम 'अपने मामले में हमेशा टॉप पर रहते थे.'

परमाणु ताकत बनाया

आम तौर पर रहस्य और दुनिया से कटे रहने वाले उत्तर कोरिया ने 2006 में हड़कंप मचा दिया, जब दुनिया को पता चला कि उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण कर दिया है. इस पहले परीक्षण के साथ ही उत्तर कोरिया दुनिया के गिने चुने परमाणु ताकत से संपन्न देशों में शामिल हो गया. बताया जाता है कि उत्तर कोरिया को परमाणु शक्ति हासिल करने में पाकिस्तान और उसके परमाणु वैज्ञानिक अब्दुल कदीर खान ने मदद की. पश्चिमी देशों ने उत्तर कोरिया के इस परीक्षण की काफी निंदा की.

गरीबी और भुखमरी

उत्तर कोरिया के दुनिया से कटे रहने की वजह से इस देश के बारे में पूरी जानकारी नहीं मिल पाती. किम जोंग इल की सख्त विदेश नीति और अपनी सीमा को न खोलने की जिद ने उस देश को अलग थलग करके रख दिया. अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने 1990 के अकाल और बाद में उत्तर कोरिया की गरीबी की खबरें कई बार दुनिया के सामने लाईं. लेकिन इस दौरान भी उत्तर कोरिया का सरकार नियंत्रित मीडिया और वहां किम जोंग इल का पूरा तंत्र उन्हें एक हीरो की तरह पेश करता रहा.

Nordkorea Kim Jong Il
तस्वीर: AP

चीन से दोस्ती

किम और उत्तर कोरिया भले ही अंतरराष्ट्रीय धारा से कटे रहे लेकिन चीन के साथ उनके संबंध हमेशा अच्छे रहे. वह अकसर चीन का दौरा करते रहे. हालांकि 2008 में एक जापानी पत्रिका ने दावा किया कि किम 2003 में ही मारे जा चुके हैं और उत्तर कोरिया उनके हमशक्लों का सहारा ले रहा है. इसके बाद भी कई बार उनकी मौत की अफवाहें उड़ती रहीं. लेकिन सारी अफवाहों को किम ने 2009 में विराम दे दिया. उत्तर कोरिया ने दो अमेरिकी पत्रकारों गिरफ्तार कर लिया. इस घटना से ऐसा हड़कंप मचा कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन को उत्तर कोरिया जाकर विनती कर अपने नागरिकों को छुड़ाना पड़ा.

अंतरराष्ट्रीय दवाब के बावजूद किम अमेरिका तक मार करने वाली लंबी दूरी की मिसाइलें बनाने की जिद पर अड़े रहे. उन्होंने हमेशा चाहा कि उनका देश अंतरराष्ट्रीय समाज से कटा रहे, ताकि उत्तर कोरिया के लिए दुनिया और दुनिया के लिए उत्तर कोरिया रहस्य रहे.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: ए जमाल

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