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ऑस्ट्रेलिया घूमते थे डायनासोर

८ मई २०१२

धरती के सुदूर कोने पर बसे ऑस्ट्रेलिया के जंगली जीव तो दूसरे देशों से अलग हैं तो क्या करोड़ों साल पहले यहां के डायनासोर भी बाकी दुनिया से अलग रहे होंगे. वैज्ञानिकों का कहना है कि अब भले ही फर्क हो तब फर्क नहीं था.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

वैज्ञानिकों ने बताया है कि ऑस्ट्रेलिया में मिले एक जीवाश्म से यह पता चल गया है कि ऑस्ट्रेलिया के डायनासोर दुनिया के दूसरे हिस्से में मिलने वाले डायनासोर जैसे ही थे ऑस्ट्रेलिया के आम वन्य जीवों की तरह दुनिया से अलग नहीं. मेलबर्न से करीब 87 किलोमीटर दूर मिले डायनासोर की टखने की हड्डी के जीवाश्म से वैज्ञानिक यह जान गए हैं कि केराटोसॉरस जैसे मांस खाने वाले डायनासोर ऑस्ट्रेलिया में करीब 1.25 करोड़ साल पहले थे. 2006 में एक जीवाश्म विज्ञानी को तटीय शहर सैन रेमो में टखने की हड्डी का यह टुकड़ा मिला. यह महज छह सेंटीमीटर लंबा है लेकिन इसने ऑस्ट्रेलिया में डायनासोर को समझने में काफी मदद की है.

विक्टोरिया म्यूजियम के जीवाश्म वैज्ञानिक एरिक फिट्जेराल्ड ने बताया कि इस जीवाश्म के आधार पर कहा जा सकता है कि दुनिया के दूसरे हिस्सों में कभी रहे टाइरेनोसॉरस और एलोसॉरस जैसे विशाल मांसभक्षी ऑस्ट्रेलिया में भी थे. फिट्जेराल्ड ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "दुनिया से अलग कंगारू और दूसरे जानवरों की तरह यहां के डायनासोर अलग तरह के नहीं थे. आज ऑस्ट्रेलिया में जैसे जीव दिखते हैं उसके उलट यह मांस खाने वाले ऑस्ट्रेलियाई डायनासोर बताते हैं कि महादेशों के अलग होने से पहले घुमंतू डायनासोर ने दुनिया भर में अपने कदम रखे थे."

वैज्ञानिकों का पहले अनुमान था कि धरती के अलग छोर पर बसे ऑस्ट्रेलिया के वन्य जीव बाकी दुनिया से जिस तरह अलग हैं कभी जब यहां डायनासोर रहे होंगे तो वो भी अलग तरह के होंगे. पर अब फिट्जेराल्ड का कहना है, "हमें ऐसे समूहों के संकेत मिले हैं जो दुनिया में हर जगह हैं. दरअसल अब हमें सही जगह पहुंच गए हैं जहां यह कहा जा सकता है कि 1.25 करोड़ साल पहले ऑस्ट्रेलिया को सब जगह मिलने वाले डायनासोर ने अपना घर बनाया होगा."

केरॉटोसॉर दूसरे डायनासोर की तुलना में थोड़े छोटे होते थे और मांस खाते थे. इन की लंबाई एक से दो मीटर होती थी और ऊंचाई तीन मीटर तक हो सकती थी. नाटुरविसेनशाफ्टेन जर्नल में इस खोज के बारे में रिपोर्ट छापी गई है. इसमें पूर्वी गोंडवाना की एक तस्वीर भी है. यह महादेश करीब 8 से 13 करोड़ साल पहले तीन टुकड़ों में बंट कर ऑस्ट्रेलिया, अंटार्कटिका और भारत में बंट गया था. फिट्जेराल्ड का कहना है, "ऐसा सोचा गया कि महादेशों के अलग होने ने ऑस्ट्रेलिया में डायनासोर के पनपने में बड़ी भूमिका निभाई होगी. लेकिन केराटोसॉर और दूसरी खोजों से पता चलता है कि डायनासोर के कई समूह यहां रहे होंगे. डायनासोर की यह पीढ़ी 17 करोड़ साल पुराने जुरासिक युग तक जाती हैं जब डायनासोर बड़े आराम से दो महादेशों के बीच आ जा सकते थे. अब तक इस समूह के डायनासोर ऑस्ट्रेलिया से गायब ही थे लेकिन अब हम कह सकते हैं कि वे यहां थे, दुनिया भर में उनके फैले होने की पुष्टि हो गई है."

अंटार्कटिका के अलावा ऑस्ट्रेलिया में डायनासोर की मौजूदगी के बारे में बहुत कम जानकारी है. वैज्ञानिकों का कहना है कि छोटा सा प्रमाण भी यहां के ऐतिहासिक रहस्यों की कई परतें खोल कर सामने रख देता है.

एनआर/एमजे (एएफपी)

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