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उत्तराखंड में बाघों की संख्या बढ़ी

२६ मई २०१२

दुनिया भर के पर्यावरण प्रेमी बाघों की घटती संख्या से दुखी है. लेकिन इस बीच भारत के उत्तराखंड राज्य से एक अच्छी खबर आई है. उत्तराखंड में जंगल का राजा फिर गुर्रा रहा है, वहां बाघों की संख्या बढ़ी है.

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तस्वीर: AP

बाघों की गिनती के बाद उत्तराखंड के मुख्य वन्य जीव संरक्षक एसएस शर्मा ने भारतीय टीवी चैनल एनडीटीवी से कहा, "2008 की गणना में 178 बाघ थे. अब यह 235 से ज्यादा हैं. यह उत्तराखंड के लोगों के लिए और सरकार के लिए अच्छी खबर है."

खुशी के साथ चिंता भी जुड़ी हुई है. उत्तराखंड में शिकारी बहुत ज्यादा सक्रिय हैं. राज्य की सीमा नेपाल और चीन से मिलती है. शर्मा कहते हैं, "बाघों की और सुरक्षा और उनकी संख्या बढ़ाने के लिए अब हम लैंडस्कैप एप्रोच अपना रहे हैं. कॉर्बेट टाइगर लैंडस्कैप एप्रोच, हम विशेष बाघ सुरक्षा दस्ता भी बना रहे हैं. निगरानी, कर्मचारियों की क्षमता और शिकार रोधी दस्ते को बढ़ाया जा रहा है. इन सभी कदमों से हम अपने बाघ बचाएंगे."

लैंडस्कैप एप्रोच के तहत जितनी दूर तक नजर जाती है, उस इलाके को कई हिस्सों में बांटा जाता है. फिर हर हिस्से में विशेष इंतजाम किए जाते हैं. इस तरह पूरे इलाके का अच्छा अंदाजा लग जाता है. जैव विविधता समेत कई और बातों का भी पता चलता है.

भारत में 42 संरक्षित टाइगर रिजर्व हैं. इनमें से एक जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क उत्तराखंड में है. उत्तराखंड के अलावा असम, अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक में ही कुछ हद तक बाघों की ठीक ठाक संख्या है.

वन्य जीव संरक्षकों का कहना है कि घटते जंगल बाघ और अन्य जानवरों के लिए शिकारियों से ज्यादा बड़ा खतरा हैं.

ओएसजे/आईबी (एनडीटीवी)

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