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सोमालिया को सुधारने की कवायद

२० अगस्त २०१२

यूसुफ गाराद लंदन में अपना आरामदेह घर और बीबीसी की सोमाली सेवा के प्रमुख की नौकरी छोड़ कर सोमालिया के राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने चल दिए हैं. अफ्रीकी देश ने नाकाम राष्ट्र की पुरानी पहचान का लबादा उतार फेंकने का फैसला किया.

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तस्वीर: PHIL MOORE/AFP/Getty Images

यूसुफ गाराद समेत कई लोगों ने अपने घर लौट कर देश को 20 साल पुरानी स्थिति से उबारने के लिए काम करना तय किया है. सोमालिया लंबे समय से कानून व्यवस्था से दूर बंदूक लहराते लड़ाकों, उन्मादी इस्लामी चरमपंथियों और लालची लुटेरों की गिरफ्त में था. राजधानी मोगादिशू में गाराद ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स से कहा, "लंबे समय तक मैं दूर से देखता रहा और रिपोर्टिंग या इसके बारे में धारणा बनाने के अलावा कुछ नहीं कर सकता था." पर अब बदलाव की तैयारी है.

1991 में गृह युद्ध छिड़ने के बाद यहां की राष्ट्रीय सरकार का देश के ज्यादातर हिस्सों से नियंत्रण खत्म हो गया. अब क्षेत्रीय ताकतों और संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता से तैयार हुए रोडमैप के जरिए एक मौका मिला है कि देश में एक सरकार बनाई जा सके. इस रोडमैप के जरिए यह तय किया गया कि 20 अगस्त को पहले संसद के अध्यक्ष और देश के राष्ट्रपति को चुन लिया जाएगा. दान देने वाले देशों की सोमालिया को बहलाने की तमाम कोशिशों के बावजूद यह समयसीमा बीत गई. हालांकि पश्चिमी देशों के राजनयिकों को अब भी उम्मीद है कि यह देरी बस कुछ ही हफ्तों की रहेगी. बड़ा सवाल यह है कि क्या नई सरकार बेअसर रहे पिछले अंतरिम प्रशासनों से अलग हो पाएगी.

Somalia Präsident Abdullahi Yusuf Ahmed
तस्वीर: CHRIS YOUNG/AFP/Getty Images

गाराद और राष्ट्रपति पद के दूसरे उम्मीदवार पुराने राजनेताओं की खिलाफ खड़े हो रहे हैं. मौजूदा सरकार के शीर्ष नेता भी राष्ट्रपति पद की दौड़ में हैं. जाहिर है कि भले ही अंतरिम प्रशासन को सोमाली राजनीति में नई ताकत कहा जा रहा है लेकिन इस बात का भी खतरा है कि नई सरकार बहुत हद तक पुरानी सरकार जैसी ही नजर आएगी. उसके सामने वही भ्रष्टाचार, सुरक्षा की समस्या और विभाजित वंशवादी राजनीति की समस्याएं होंगी. सोमवार को नई संसद की बैठक बुलाई जा सकती है हालांकि अभी तक सभी सदस्यों की नियुक्ति नहीं हुई है. अब तक 275 में से केवल 220 सांसदों को ही नियुक्त किया गया है.

कई लोगों का कहना है कि मौजूदा प्रशासन सुरक्षा में बेहतरी का भरोसा जगाने में नाकाम रहा इसके अलावा बुनियादी सुविधाएं या जीवन स्तर में भी कोई सुधार नहीं हुआ. राष्ट्रपति शेख शरीफ अहमद ने 2009 में सत्ता संभाली. इसके बावजूद वो और उनके साथ ही प्रधानमंत्री और संसद के स्पीकर भी राष्ट्रपति के लिए चुनाव लड़ रहे हैं. इनके अलावा इन पर संयुक्त राष्ट्र ने भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए हैं. संयुक्त राष्ट्र की सोमालिया पर नजर रखने वाली संस्था का कहना है कि 2009-10 में अंतरिम सरकार टीएफजी को मिले 10 डॉलर में से सात डॉलर कभी भी सरकार के हाथ नहीं लगे. शेख शरीफ अहमद इन आरोपों को "झूठ" और "गढ़ा" हुआ कह कर खारिज कर देते हैं.

Somalia Mann mit Flagge
तस्वीर: dapd

जंग से तबाह मोगादिशू में बिजली के खंभे, दीवार और कारें साइन बोर्ड से भरे पड़े हैं, बैनर और पोस्टरों की बाढ़ आई है. इन पर राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों की तस्वीरे, संदेश और अपील हैं. स्थानीय लोगों में बहुत ऐसे भी हैं जिन्हें आशंका है कि कहीं ये नेता सत्ता पर पकड़ बनाए रखने के लिए सुधार की प्रक्रिया का अपरहण न कर लें. ईद के लिए तोहफे खरीदती 21 साल की पर्दानशीं युवती फार्तुन ने कहा, "यह सरकार बिल्कुल खराब है. यह लोगों को उनका हक नहीं दे रही. हम नहीं चाहते कि वो (राष्ट्रपति अहमद) सत्ता में वापस आएं."

सोमालिया में निराशावादी हो जाना कोई बड़ी बात नहीं. संयुक्त राष्ट्र खुले रूप से सत्ता परिवर्तन को समर्थन दे रही है लेकिन उसका यह भी कहना है कि बहुत से लोग बदलाव की प्रक्रिया को रोकना चाहते हैं. हालांकि कबायली नेताओं ने ऐसे सांसदों को नाम आगे किया है जिनका हिंसा से लेना देना नहीं रहा है और जिन्होंने कम से कम सेंकडरी तक की पढ़ाई की है. इनमें से एक तिहाई नाम महिलाओं का होना जरूरी किया गया है. इसके अलावा भी कुछ वजहें हैं जो उम्मीद बंधा रही हैं. पिछले साल तक इस्लामी अल शाबाद चरमपंथियों ने शहरों में अपने ठिकाने बना रखे थे. संयुक्त राष्ट्र के समर्थन वाली अफ्रीकी संघ मिशन के सैनिकों के दबाव के चलते उन्हें पिछले साल अगस्त में मोगादिशू छोड़ना पड़ा.

Neuer Präsident in Somalia Frau mit Kopftuch und Flagge
तस्वीर: AP

बीते बारह महीनों में मोगादिशु ने काफी चमक दिखाई है. गोलियों से छलनी मकानों की मरम्मत और रंग रोगन हो रही है, बाजारों में भीड़ उमड़ रही है, होटलों में मेहमानों को हिंद महासागर के ताजा झींगे परोसे जा रहे हैं. हालांकि जगह जगह बनी चौकियों पर तलाशियों से बच पाना मुमकिन नहीं.

संयुक्त राष्ट्र और दान देने वाले देशों को उम्मीद है कि लगातार अंतरराष्ट्रीय सहयोग सोमालिया को सत्ता के संघर्ष और राजनीतिक अस्थिरता के दौर से दूर सही रास्ते पर ले आएगा.

एनआर/एमजी (डीपीए, रॉयटर्स)

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