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चीन में अमीरी गरीबी का खतरनाक फासला

२२ अगस्त २०१२

आर्थिक तरक्की के नए पैमाने गढ़ रहे चीन के गांव में अमीरी और गरीबी का फासला "खतरनाक" स्तर तक पहुंच गया है. अच्छे पैसे वाली नौकरी की खोज में शहरों का रुख कर रहे लोग असमानता बढ़ा रहे हैं.

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तस्वीर: AP

चीनी सरकार के अंग सेंटर फॉर चायनीज रूरल स्टडीज (सीआरएस) की एक रिसर्च बताती है कि गांवों में असमानता ज्यादा तेजी से बढ़ रही है क्योंकि एक तरफ वो लोग हैं जो खेती बाड़ी पर निर्भर हैं और दूसरी तरफ वो जिनके परिवार के कमाऊ सदस्यों ने शहर का रुख कर लिया है. हालांकि शहरों में काम कर रहे कामगार साल का ज्यादातर समय शहरों में ही बिताते हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर अपना नाम उन्होंने गांव में ही दर्ज करा रखा है. सेंटर ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, "गांव के लोगों की आमदनी का फर्क बड़ा हो रहा है और जीने का खर्च बढ़ता जा रहा है"

चीन में कमाई का बढ़ता फासला अधिकारियों के लिए चिंता की बात है क्योंकि 1.3 अरब की आबादी वाले तेजी से विकास कर रहे देश में यह सामाजिक आशांति की बड़ी वजह बन सकता है. सेंटर ने गिनी गुणांक के आधार पर इस असमानता की दर गांव के लोगों के लिए पिछले साल 0.3949 मापी थी जो 0.40 के खतरनाक स्तर के बेहद करीब है और उस तरफ बढ़ रही है. गिनी गुणांक 0 से 1 के बीच होती है. शून्य का मतलब बिल्कुल समानता और 1 का मतलब अत्यंत असमानता है.

Von Chinesen bearbeitete Farm
तस्वीर: AP

सीआरएस ने पहली बार इस बारे में रिसर्च कर आंकड़े दिए हैं इसलिए इनकी तुलना करने के लिए पिछला कोई रिकॉर्ड मौजूद नहीं है. चीन ने पिछले एक दशक से पूरे देश के लिए गिनी गुणांक जारी नहीं किया है. आखिरी बार इसे साल 2000 में जारी किया गया था और तब यह 0.412 था और इसके और ज्यादा खतरनाक स्थिति की ओर बढ़ने की आशंका जताई गई थी.

सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने पिछले सीआरएस के हवाले से कहा था कि शहरों में आकर काम करने वाले गांव के लोग खेतों में काम कर रहे लोगों की तुलना में दोगुना कमाते हैं. हालांकि इस बारे में कोई आंकड़ा नहीं दिया गया. इसका नतीजा यह हुआ है कि गांव के लोगों की आमदनी बहुत तेजी से बढ़ी है. लोगों की आमदनी पिछले साल करीब 14 फीसदी बढ़ गई. सीआरएस के उप प्रमुख का कहना है कि पूरे चीन के लिए गिनी गुणांक 0.40 के काफी ऊपर होने की आशंका है. 2005 में एक और सरकारी संस्था चायनीज एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज ने अनुमान लगाया कि गिनी गुणांक करीब 0.47 है.

शंघाई की चायना यूरोप इंटरनेशनल बिजनेस स्कूल में अर्थशास्त्र पढ़ाने वाले प्रोफेसर वांग जियानमाओ कहते हैं, "चीन को गिनी गुणांक जारी करने के लिए एक सांख्यिकी संस्थान पहले ही खड़ी कर लेनी चाहिए थी. मुख्य बात यह है कि क्या वह इसे जारी करना चाहता है." संयुक्त राष्ट्र के औद्योगिक विकास संगठन ने 0.47 के गिनी गुणांक का हवाला देते हुए कहा है, "इस स्तर की असमानता पर बहुत से लोगों की दलील होगी कि चीन गंभीर सामाजिक अस्थिरता के खतरे में है."

एनआर/एमजी (एएफपी)

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