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नाबालिग और बीमार है रिम्शा

२८ अगस्त २०१२

पाकिस्तान में ईशनिंदा की आरोपी ईसाई बच्ची की मेडिकल रिपोर्ट अदालत में पेश की गई. डॉक्टरों ने रिपोर्ट में इस बात की पुष्टी की है कि लड़की नाबालिग है और मानसिक रूप से बीमार है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

11 साल की रिम्शा को कई लोगों की शिकायत पर 16 अगस्त को गिरफ्तार किया गया. उस पर अल्लाह और कुरान का अपमान करने के आरोप लगाए गए. मानवाधिकार संगठनों ने मानसिक रूप से बीमार बच्ची पर लगाए गए आरोपों को बेहूदा बताया. लेकिन कानूनी कार्रवाई चलती रही. अदालत के आदेश पर उसकी मेडिकल जांच कराई गई. डॉक्टरों की टीम ने अदालत में रिपोर्ट पेश कर कहा है कि बच्ची की उम्र चौदह साल से कम है और उसका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है. बच्ची के परिवार का कहना है कि उसकी उम्र केवल 11 साल है, जबकि पुलिस उसे 16 बता रही है.

कानून के जानकारों का कहना है कि पाकिस्तान के कानून के अनुसार नाबालिग या मानसिक रूप से अस्थिर व्यक्ति को हिरासत में नहीं रखा जा सकता, इसलिए पुलिस को इस रिपोर्ट के आधार पर मामले को खारिज कर देना चाहिए. पाकिस्तान में ईशनिंदा के मामलों में फांसी की सजा हो सकती है. लेकिन 14 साल से कम उम्र के बच्चों को यह सजा नहीं दी जाती. जानकारों ने बच्ची की हिफाजत को ले कर चिंता जताई है.

रिम्शा के खिलाफ आरोप है की उसने ऐसे कागज जलाए जिन पर कुरान की आयतें लिखी हुई थीं. रिम्शा डाउन सिंड्रोम की शिकार है जिस कारण वह अपनी उम्र के मुताबिक मानसिक रूप से विकसित नहीं है.

कई मुस्लिम धर्मिक नेताओं ने भी बच्ची का पक्ष लेते हुए मामले को खत्म करने की पैरवी की है. ऑल पाकिस्तान उलेमा काउंसिल के अध्यक्ष अलमा ताहिर अशरफी ने कहा है की यदि रिम्शा बेकसूर साबित हो जाती है तो उसके खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले लोगों के खिलाफ ही कार्रवाई होनी चाहिए. सोमवार को रिम्शा को मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान अस्पताल के चारों तरफ 120 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया.

अशरफी ने इस्लामाबाद के मेहराबाद इलाके में ईसाइयों को सुरक्षा दिलाने की भी बात कही. रिम्शा की गिरफ्तारी के बाद से कई ईसाई डर के कारण इलाका छोड़कर चले गए. अशरफी ने समाचार एजेंसी एएफपी से बातचीत में कहा, "यह इंसानियत के खिलाफ है. जिन लोगों का इस मामले से कोई लेना देना ही नहीं है उन्हें भी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. यह तो जंगल के कानून जैसा है कि पांच सौ लोग पुलिस थाने चले गए और जबरन रिपोर्ट लिखवा दी."

ईशनिंदा पाकिस्तान में एक बेहद नाजुक मामला है. पिछले साल पाकिस्तान में पंजाब के गवर्नर सलमान तासीर और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री शाहबाज भट्टी की ईशनिंदा कानून की आलोचना करने पर हत्या कर दी गयी थी. अब यह डर सता रहा है कि कहीं रिम्शा को भी चरमपंथियों का निशाना न बनना पड़े.

आईबी/ओएसजे (डीपीए/एएफपी)

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