1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

ब्राजील से विदा लेगा सबसे बड़ा चैम्पियन

२४ नवम्बर २०१२

ब्राजील में इस साल और सत्र की आखिरी फॉर्मूला वन रेस वर्ल्ड चैंपियन तय कर देगी. लेकिन इसी रेस से फॉर्मूला वन का एक महान खिलाड़ी रेसिंग ट्रैक को हमेशा के अलविदा भी कहेगा.

https://p.dw.com/p/16pI0
तस्वीर: Reuters

सात बार फॉर्मूला वन के विश्व विजेता रह चुके जर्मन ड्राइवर मिषाएल शूमाखर रविवार को जब हेलमेट, दस्ताने और खास ड्रेस उतारेंगे तो एक युग का अंत हो जाएगा. ब्राजील की ग्रां प्री खत्म करने के बाद वह मर्सिडीज की कार को गैरेज में खड़ा करेंगे और फिर इस खेल से विदा लेंगे. 43 साल के शूमाखर फिलहाल फॉर्मूला वन के सबसे बड़े खिलाड़ी है. अब तक वह 305 रेसों में हिस्सा ले चुके हैं. 68 बार उन्होंने सबसे आगे रहते हुए रेस शुरू की और इसके बावजूद 91 रेसें जीतीं. 77 मौके ऐसे रहे जब शूमाखर ने सबसे तेज चक्कर काटने का रिकॉर्ड बनाया.

वैसे शूमी 2006 में भी फॉर्मूला वन को अलविदा कह चुके थे. इसके बाद उनके खर्चे इतने बढ़ गए कि 2010 में उन्हें वापस ट्रैक पर लौटना पड़ा. इस बार उन्होंने मर्सिडीज की कार चलाने का फैसला किया पर वापसी बहुत फीकी रही. बीते तीन साल में वह एक भी रेस नहीं जीत सके. इस बात से दुखी शूमाखर कहते हैं, "इस बार मेरा जाना 2006 की तुलना में कम भावुक होगा. तब मैं चैंपियनशिप के लिए बड़ी शिद्दत से लड़ता था, यह चीज बहुत कड़ी थी. अब तो मैं सिर्फ यह उम्मीद कर रहा हूं कि रेस अच्छी और प्रतिस्पर्द्धी रहे ताकि मैं उसका आनंद उठा सकूं."

शूमाखर पहली बार 1994 में वर्ल्ड चैंपियन बने. अगले साल भी उन्होंने चैंपियनशिप जीती. इसके बाद उन्हें जीत के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. अच्छे दिनों की वापसी 2000 में हुई. इस बार फरारी के साथ शूमी ने 2004 तक लगातार पांच चैंपियनशिप जीती. 2004 में तो उन्होंने 18 में से 13 रेंसे जीतीं.

Formel-1-WM auf dem Nürburgring Schumacher gewinnt
फरारी के साथ शूमाखरतस्वीर: AP

इस दौरान रेस ट्रैक के बाहर शूमाखर के व्यक्तित्व के अलग रंग भी दिखे. पत्नी कोरिना और तीन बच्चों के साथ वह अक्सर सुर्खियों को दूर रहने की कोशिश करते रहे. शूमाखर खुद मानते हैं कि शुरुआत में वह बहुत शर्मीले थे. कभी मां के साथ कैंटीन में समय बिताने वाले शूमाखर 2004 आते आते अथाह अमीर भी हो गए. लेकिन 2004 में जब एशिया में सुनामी आया तो शूमाखर का एक दयालु चेहरा भी दिखा. चैंपियन ने पीड़ितों के लिए एक करोड़ डॉलर से ज्यादा दान दिया.

शूमाखर के पिता की जर्मनी में गो कार्टिंग ट्रैक थी. बचपन में इसी ट्रैक पर गाड़ी चलाते चलाते वह रेसिंग के दीवाने बन गए. छह साल की उम्र में शूमी ने कार्ट चैंपियनशिप जीत ली. जर्मन एफ3 के चैंपियन बनने के साल भर बाद उन्हें फॉर्मूला वन की एक टीम ने खींच लिया. टीम जॉर्डन ने उन्हें अपनी कार की स्टीयरिंग थमा दी और शूमाखर ने भी आते ही धमाल मचाना शुरू कर दिया. 1992 में बेनेटन ने उन्हें अपने पाले में कर लिया. दो चैंपियनशिपें उन्होंने बेनेटन के लिए ही जीतीं.

इसके बाद फरारी में फर्राटा भरने की बारी आई. शूमाखर ने फरारी को 1979 के बाद पहली बार चैंपियनशिप जिताई और जीत की झड़ी सी लगा दी. वह फरारी को अपना परिवार कहने लगे. दो दशक के करियर में शूमाखर बारिश में सबसे तेज रफ्तार से गाड़ी चलाने वाले ड्राइवर भी रहे.

Michael Schumacher Formel 1 Deutschland Rennfahrer
बस अब बहुत हुआतस्वीर: AFP/Getty Images

शूमाखर के साथ रेस ट्रैक पर रॉस ब्रावन का नाम हमेशा जुड़ा रहा. बेनेटन और फरारी में दोनों साथ साथ थे. कहा जाता है कि शूमाखर को सात बार विश्वविजेता बनाने के पीछे ब्रावन का बड़ा हाथ है. ब्रावन बाद में मर्सिडीज में आ गए. अब जब शूमाखर विदा हो रहे हैं तो ब्रावन कहते हैं, "टीम में हर किसी के लिए यह सप्ताहांत बड़ा भावुक होगा."

शूमाखर का असर क्या है इसका अंदाजा 2010, 2011 के वर्ल्ड चैंपियन सेबास्टियान फेटल को देखने से लगता है. जर्मनी के फेटल शूमाखर की रेस देखते हुए ही बड़े हुए और शूमी ही फेटल का आदर्श रहे. शूमाखर ने जब पहली चैंपियनशिप जीती तो फेटल सिर्फ सात साल के थे. 25 साल के फेटल ने सपने में नहीं सोचा था कि किसी दिन वह शूमाखर साथ फर्राटा भरेंगे लेकिन बीते दो तीन साल से ऐसा ही हो रहा है. फेटल अपने आदर्श को पीछे छोड़ रेस जीतते चले जा रहे हैं. रविवार को फेटल की कोशिश होंगी कि वह लगातार तीसरी बार वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतने वाले तीसरे ड्राइवर बने. उनकी कोशिश यह भी होगी कि एक जर्मन ड्राइवर को दूसरा जर्मन ड्राइवर जीतकर विदाई दे.

ओएसजे/एनआर (डीपीए, एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें