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समाज से आते खलनायक

Onkar Singh Janoti२९ नवम्बर २०१२

फिल्मों में अब किसी काल्पनिक विलेन की जरूरत नहीं रह गई है. हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेता आमिर खान यही मान रहे हैं. उनके मुताबिक भारतीय समाज के नैतिक मूल्य कमजोर पड़ गए हैं. इसका असर फिल्मों में भी दिख रहा है.

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Bollywood actor Aamir Khan gestures during a press conference to promote his new film ‘Three Idiots’ in New Delhi, India, Wednesday, Nov. 25, 2009. The film is about three students and their struggle to survive amidst the pressure of college life. (AP Photo/Manish Swarup)
Aamir Khan Bollywood Akteurतस्वीर: AP

तलाश फिल्म के जरिए लंबे वक्त बाद पर्दे पर आ रहे आमिर खान ने कहा है, "मुझे लगता है कि खलनायक एक दायरे से बाहर आ चुके हैं. बड़े पैमाने पर देखा जाए तो हमारी पटकथाओं में अब विलेन हैं ही नहीं. यह एक सामाजिक मुद्दा है. एक समय था जब समाज का नैतिक दृष्टिकोण साफ था. इसीलिए कहानियों में विलेन हुआ करते थे. मिल मालिक विलेन हुआ करते थे."

समाजिक बदलावों के साथ साथ सिनेमा के किरदार भी बदले. आमिर कहते हैं, "उसके बाद तस्कर, अंडरवर्ल्ड, नेता. समाज ने एक तबके को देखा और कहा कि हमें ये नहीं पसंद हैं. लेकिन आज हमारे पास बहुत मजबूत नैतिक धारणा नहीं हैं. चालाक और मौका परस्त होना अब बुरी बातें नहीं रह गई हैं. नैतिकता को लेकर अब हमारी सोच आर या पार की नहीं रह गई है."

Aamir Khan Schauspieler Bollywood Indien
तस्वीर: AP

तलाश में एक इंस्पेक्टर की भूमिका निभाने वाले आमिर अगले साल एक खलनायक के रूप में नजर आएंगे. धूम सीरीज की फिल्म धूम 3 में आमिर मुख्य भूमिका में हैं. गजनी के बाद एक हट्टे कट्टे विलेन का किरदार निभाने के लिए आमिर को जिम में काफी मेहनत भी करनी पड़ रही है. 47 साल के आमिर कहते हैं, "मैं धूम 3 के लिए पिछले एक साल से ट्रेनिंग कर रहा हूं. मैं जिम्नास्टिक खिलाड़ी की भूमिका में हूं. मेरे शरीर में चर्बी कम होनी चाहिए. मैं इसी के लिए अभ्यास कर रहा हूं. मैं अब पतला लेकिन गठीला दिखने लगा हूं."

ओएसजे/एनआर (पीटीआई)

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