1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

खूबसरती के शिकार नहीं

१२ मार्च २०१३

यूरोप में अब ऐसे कोई भी कॉस्मेटिक उत्पाद नहीं बेचे जा सकेंगे जिनका परीक्षण पहले जानवरों पर किया गया हो. सोमवार से यूरोपीय संघ की यह रोक लागू हो गई है.

https://p.dw.com/p/17vR2
तस्वीर: picture alliance / Bildagentur-online/Begsteiger

27 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ में स्वास्थ्य और उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिकारी टोनियो बोर्ग कहते हैं, "यूरोप के लिए यह बहुत अच्छा मौका है कि वह कॉस्मेटिक्स की दुनिया में नए कदम उठाने का उदाहरण दें, ऐसा उदाहरण जिसमें उपभोक्ता सुरक्षा पर किसी तरह का समझौता नहीं किया जाए."  

जानवरों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले संगठनों ने इस कदम का तुरंत स्वागत किया. लेकिन ईयू की 71 अरब यूरो के उद्यम का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था कॉस्मेटिक्स यूरोप का कहना है कि "यह प्रतिबंध इनोवेशन पर ब्रेक की तरह काम करेगा."

परीक्षण से खरगोश, चूहे, गिनी पिग्स तो अब बच जाएंगे लेकिन ग्राहकों को इसका असर तुरंत देखने को नहीं मिलेगा क्योंकि बाजार में वही उत्पाद फिलहाल मिलेंगे जो रोक से पहले ही जानवरों पर टेस्ट किए जा चुके हैं. यूरोपीय आयोग ने दावा किया है कि यह फैसला कई यूरोपीय नागरिकों के उस विश्वास से मेल खाता है कि "कॉस्मेटिक्स उत्पाद बनाना जानवरों पर परीक्षण का अधिकार नहीं है."  

Symbolbild Tierversuche
तस्वीर: picture-alliance/CTK Rene Volfik

यूरोपीय संघ में बने ब्यूटी उत्पादों का जानवरों पर परीक्षण 2004 में ही रोक दिया गया. लेकिन ऐसे उत्पाद जिसमें इस्तेमाल होने वाले पदार्थों का भी टेस्टिंग जानवरों पर किया गया हो, इस पर प्रतिबंध का फैसला चार साल पहले लिया गया. लेकिन कंपनियों ने इसका काफी विरोध किया.

जानवरों की रक्षा के लिए काम करने वाले ह्यूमेन सोसायटी इंटरनेशनल संगठन सहित कई संगठनों ने ईयू के इस कानून का स्वागत किया है और जानवरों पर परीक्षण को पूरी तरह रोकने का कदम अहम बताया है. उनके मुताबिक इस फैसले के बाद "यह दुनिया की इकलौती कॉस्मेटिक इंडस्ट्री होगी जहां जानवरों को पीड़ा से नहीं गुजरना पड़ता होगा." संगठन ने यह भी उम्मीद जताई कि दुनिया की सबसे समृद्ध अर्थव्यवस्थाओं वाले ईयू का यह कदम धीरे धीरे पूरी दुनिया पर असर करेगा.  

वहीं यूरोपीय व्यापार संगठन का कहना है कि इस प्रतिबंध के कारण इंडस्ट्री की प्रतियोगी क्षमता पर असर पड़ेगा. और यह रोक लगाने में बहुत जल्दी की गई है क्योंकि कई मामलों में जानवरों पर परीक्षण का कोई विकल्प नहीं है, इन्हीं के जरिए इस्तेमाल होने वाले पदार्थों का असर सुनिश्चित किया जा सकता है. 

कॉस्मेटिक्स यूरोप के प्रमुख बेर्टी हीरिंक ने कहा,"इस समय प्रतिबंध लगा कर यूरोपीय संघ उद्योग की रचनात्मक क्षमता में अडंगा डाल रहा है."

यूरोपीय आयोग के मुताबिक 2010 में यूरोपीय कॉस्मेटिक कंपनियों ने 71 अरब यूरो कमाए थे और इस उद्योग में करीब एक लाख अस्सी हजार लोग काम करते हैं.

आयोग ने जोर दे कर कहा कि वह अपने व्यापार साझेदार अमेरिका और चीन से इस बारे में बात करेगा. "उन्हें यूरोपीय मॉडल समझाएंगे और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसे समर्थन दिलवाने की कोशिश करेंगे. आयोग इसे ईयू के व्यापार एजेंडा और अंतरराष्ट्रीय कोऑपरेशन का अहम हिस्सा बनाएगा."

हालांकि यूरोपीय संघ के बाहर बने नए कॉस्मेटिक उत्पाद, जिनका जानवरों पर परीक्षण किया गया हो, यूरोप में बिक सकते हैं. लेकिन शर्त ऐसी है कि सिर्फ जानवरों पर टेस्ट के आधार पर वह उत्पाद की सुरक्षा साबित नहीं कर सकते इसके लिए उन्हें अतिरिक्त परीक्षणों के नतीजे दिखाने होंगे.   

कुछ सौंदर्य प्रसाधन ऐसे होते हैं जिनमें फार्मासूटिकल पदार्थ यानी दवा इस्तेमाल की जाती हैं. इनका परीक्षण जानवरों पर किया जाता है. यूरोपीय नियमों के मुताबिक फार्मासूटिकल उत्पाद यूरोप में बेचे जा सकते हैं.

एएम/एमजी (रॉयटर्स,एपी,एएफपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें