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इंदिरा से प्रभावित मार्गरेट थैचर

८ अप्रैल २०१३

प्रधानमंत्री बनने से पहले मार्गरेट थैचर जब भारत आईं, तो उनका कहना था कि वह भारत अपनी बात कहने नहीं, बल्कि सीखने जा रही हैं. उस वक्त इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं और ब्रिटिश मीडिया में इस बात पर थैचर की काफी फजीहत हुई.

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तस्वीर: Getty Images

थैचर उस वक्त ब्रिटेन में विपक्ष की नेता थीं. उपनिवेशी इतिहास की वजह से ब्रिटिश मीडिया को उनका यह बयान नागवार गुजरा कि भला जिस देश पर उनका 200 साल शासन रहा हो, वहां से "हम" क्यों सीखें. थैचर अपनी राजनीति कि चढ़ाइयों पर थीं और इंदिरा गांधी उतार पर. थैचर को उनके शासन के दौरान आयरन लेडी के तौर पर जाना गया और उसमें इंदिरा गांधी के सख्त लहजे की छाप साफ दिखती है.

गांधी नेहरू काल के बाद भारत ने इंदिरा गांधी के रूप में न सिर्फ पहली महिला प्रधानमंत्री देखा, बल्कि उसका लौह महिला से भी सामना हुआ, जो युद्धों से नहीं घबराती थी और न ही देश में इमरजेंसी लगाने से कतराती थी. इंदिरा आगे बढ़ कर फैसले लेने वाली प्रधानमंत्री बनीं और उनके फैसलों पर विवाद भी हुआ. हालांकि इन्हीं फैसलों ने उन्हें दुनिया भर में नाम दिलाया और भारत की भी अलग पहचान बनने लगी.

Bildergalerie Margaret Thatcher Archiv 17.09.1976
तस्वीर: picture alliance/AP Images

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन अलग पहचान बनाने में लगा था. उपनिवेशवादी ताकत के बाद उसे सौम्य और सुलझे हुए देश की तरह पेश आना था. थैचर के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह छवि टूटने लगी. ब्रिटेन ने 1980 के दशक में अर्जेंटीना के फॉल्कलैंड द्वीपों पर हमला बोल दिया और उन्हें कब्जे में ले लिया. थैचर की अंतरराष्ट्रीय निंदा हुई लेकिन साथ ही आयरन लेडी की उपाधि भी मिली. थैचर ने भले ही भारत में इमरजेंसी लगाने का विरोध किया हो लेकिन उनके फैसले भी कुछ उसी दिशा में जाने लगे.

उन्होंने कभी इंदिरा की तारीफ करते हुए कहा, "मैंने उनमें एक स्टेट्समैन की खूबियां देखी थीं. वह अपने मुल्क को लेकर बेहद जुनूनी थीं, हमेशा उत्साहित रहती थीं और बहुत यथार्थवादी थीं."

भारतीय प्रधानमंत्री की तरह थैचर की जिंदगी भी हमेशा खतरे में रही. एक बार 1984 में आयरलैंड की विद्रोही सेना ने उन पर हमला किया, जिसमें वह बाल बाल बचीं. इंदिरा उनकी खैरियत पूछने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय नेताओं में थीं. कुछ दिनों बाद थैचर को इंदिरा के मारे जाने की खबर मिली. वह इससे परेशान हुईं. बरसों बाद जब वह प्रधानमंत्री नहीं थीं और इंदिरा के बाद उनके बेटे राजीव गांधी भी हिंसा की भेंट चढ़ चुके थे, तो थैचर ने भारत का दौरा किया. तब उन्होंने कहा, "आतंकवाद की वजह से गांधी की जान गई और यह बात मेरे जेहन में बैठी रही क्योंकि मैं खुद आतंकवाद के हमले से बची थी."

Bildergalerie Margaret Thatcher Archiv 09.01.1983
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सिर्फ साढ़े पांच करोड़ की आबादी वाले ब्रिटेन को संभालने में थैचर को जो दुश्वारियां आती थीं, वह 70 करोड़ की आबादी वाले भारत के सामने कुछ नहीं थी. तभी थैचर ने कभी इंदिरा गांधी से पूछा था कि वह "अपना काम कैसे कर लेती हैं." थैचर की जीवनी में इंदिरा गांधी का नाम बड़े सम्मान से लिया गया है और 1980 के दशक में जब इंदिरा ने ब्रिटेन का दौरा किया, तो थैचर ने उनका स्वागत "एक महान देश की अति सम्मानित मेहमान" के तौर पर किया.

राजनीति से दूर निजी जीवन में भी वह इंदिरा से प्रभावित रहीं. भारत दौरे में वह उस वक्त हैरान रह गईं, जब भारतीय प्रधानमंत्री का परिवार खाने के बाद राजनीति के गहन मुद्दों पर चर्चा के साथ साथ अपने बर्तन भी खुद धो रहा था.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ

संपादनः निखिल रंजन

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