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नीदरलैंड्स की गद्दी पर नए राजा

२९ अप्रैल २०१३

नीदरलैंड्स में 30 अप्रैल को राजशाही की कमान बदल रही है. यूरोप की बाकी छह राजशाहियों में युवा पीढ़ी सत्ता संभालने के लिए तैयार खड़ी है, लेकिन वहां राजा रानियों के स्वेच्छा से तख्त छोड़ने की उम्मीद कम है.

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तस्वीर: Reuters

30 साल तक राज करने वाली नीदरलैंड्स की रानी बेआट्रिक्स ने जनवरी में सत्ता छोड़ने की घोषणा की. अपने 75वें जन्मदिन के कुछ दिन पहले उन्होंने टीवी इंटरव्यू में कहा, "मैं इसलिए गद्दी नहीं छोड़ रही कि मेरे लिए जिम्मेदारी निभाना मुश्किल हो गया है बल्कि इस विचार के साथ कि हमारा देश अब युवा पीढ़ी के हाथों में होना चाहिए. पूरे भरोसे के साथ मैं इस साल 30 अप्रैल को बागडोर अपने बेटे, ओरान्ये के राजकुमार को सौंप दूंगी." नीदरलैंड्स के निवासियों और राजशाही पसंद करने वाले कई यूरोपीय लोगों को इस घोषणा से बहुत आश्चर्य नहीं हुआ. बेआट्रिक्स की मां और दादी ने भी सत्ता स्वेच्छा से छोड़ी थी ताकि नई पीढ़ी आगे आ सके.

गद्दी पर बुढ़ाना

यूरोप के बाकी राजतंत्रों में राजा या रानी पेंशन की उम्र से काफी आगे चले गए हैं. कुछ सालों में जैविक कारणों से सत्ता परिवर्तन होगा. ब्रिटेन की रानी एलिजाबेथ द्वितीय 87 साल की हो गई हैं. उनके बेटे चार्ल्स काफी साल से इंतजार कर रहे हैं और 64 साल की उम्र में वह जल्द ही दादा भी बन जाएंगे. डेनमार्क की रानी मार्गेरेटे द्वितीय 73 साल की हैं और उनका बेटा राजकुमार फ्रेडरिक 44 का हो चुका है. वहीं नॉर्वे में शांत प्रवृत्ति के राजा हेराल्ड 76 पार कर चुके हैं और उनका बेटा और भावी राजा हाकोन 40 का है. स्वीडन के राजा कार्ल गुस्ताव सोलहवें अपने प्रेमप्रसंगों के बाद भी गद्दी पर बने हुए हैं हालांकि वह तुलनात्मक रूप से युवा हैं और सिर्फ 68 साल के ही हैं. उनकी बेटी विक्टोरिया 35 साल की हैं. लोग उन्हें बहुत पसंद करते हैं, उन्हें रानी के तौर पर खुशी से स्वीकार भी करेंगे.

बेल्जियम में करीब 80 साल के अल्बर्ट द्वितीय गद्दी पर हैं, उनके बेटे फिलिप 53 के हो चुके हैं. वह पिता की कई जिम्मेदारियों को पहले से ही निभा रहे हैं. उधर स्पेन में राजा काफी दबाव में हैं. आशंका है कि वह रिश्वत कांड में शामिल हो सकते हैं. राजा खुआन कार्लोस 75 साल के हैं. थके से लगते हैं और अक्सर अपने प्रेम प्रसंगों के कारण भी खबरों में बने रहते हैं. 45 साल के प्रिंस फिलिप उनकी जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार हैं, लेकिन उनकी अपनी पत्नी सोफिया ने राजा के बारे में कहा था, "राजा कभी अपनी गद्दी से नहीं हटेंगे."

Kronprinz Willem Alexander mit Maxima und den Kindern
राजा बनने वाले विलियम अलेक्सांडर, बेटी आरियाने (दाएं) अमालिया (बाएं) और पत्नी माक्सिमा के हाथ में अलेक्सियातस्वीर: AP

प्रिंस बेकार नहीं

जर्मनी की ब्राउनश्वाइग यूनिवर्सिटी में शाही घरानों की विशेषज्ञ मोनिका वीनफोर्ट को नहीं लगता कि इन देशों में लोग राजशाही को खत्म कर देना चाहते हैं. "मुझे नहीं लगता कि इन देशों में लोग युवा राजाओं को देखना चाहते हैं. बल्कि असल में ऐसा है कि नीदरलैंड्स, बेल्जियम, स्पेन और ब्रिटेन में युवा राजकुमार और राजकुमारियों इलाकों में जिम्मेदारी ले रहे हैं. शाही परिवार के बच्चे इस तरह जिम्मेदारियां सीख जाते हैं और इसलिए कभी भी वो बेकार या बोर नहीं होते." मोनिका वीनफोर्ट कहती हैं कि इससे प्रिंस या प्रिंसेस और उनके जीवन साथियों के बेकार होने की संभावना वाली समस्या कम से कम खत्म हो जाती है.

नीदरलैंड्स की तरह दूसरी राजशाहियों में भी राजा या रानी के स्वेच्छा से पद छोड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. राजशाही विशेषज्ञ प्रोफेसर रोल्फ उलरिष कुंत्से का कहना है कि कानूनन हर राजा अपना पद छोड़ सकता है. जो काम पोप कर सकते हैं वही कदम यूरोप के राजा और रानी भी उठा सकते हैं. लेकिन वो यह भी कहते हैं, "इस बारे में अंदाज लगाना बहुत मुश्किल है क्योंकि यह व्यक्तिगत हालत पर निर्भर करता है, साथ ही शाही परिवारों की स्थिति पर भी. क्योंकि शाही परिवार में संवैधानिक सवालों जैसी प्रणाली नहीं होती." कुंत्से कहते हैं कि ब्रिटिश राजशाही नीदरलैंड्स के कदमों पर नहीं चल सकती. नीदरलैंड्स में राजा देश के प्रमुख के तौर पर, राजनीतिक भूमिका के साथ काम करता है तो ब्रिटेन की महारानी सिर्फ राष्ट्रीय पहचान की प्रतीक हैं. "ये दो बहुत ही अलग मामले हैं. दोनों शाही परिवारों का अपने काम की वजह से धीरे धीरे एक दूसरे से अलग विकसित हुए हैं."

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स्वीडन की राजकुमारी विक्टोरिया और उनके पति डानिएलतस्वीर: picture-alliance/IBL Schweden

प्रजा मजे में

सात यूरोपीय देशों में संसदीय राजशाही, मोनिका वीनफोर्ट के मुताबिक कुर्सी पर कसी हुई बैठी है."मुझे लगता है कि अधिकतर राजशाही जनता को अच्छी लगती है. नीदरलैंड्स में सत्ता परिवर्तन को बड़े समारोह के तौर पर मनाया जा रहा है." किसी भी देश में इस परंपरा को खत्म करने के लिए कोई कोशिश नहीं हो रही. कुछ ग्रुपों के विरोध प्रदर्शनों को छोड़ दिया जाए तो राजाओं के गद्दी छोड़ने के बारे में भी कोई बात नहीं की जा रही. "खुद को दिखाने के लिए ये ग्रुप लगातार कोई मुद्दा ढूंढते हैं. लेकिन उनका कोई इरादा नहीं होता कि वह सच में राजशाही की समाप्ति का इरादा रखते हों." यूरोप के अधिकतर देशों में राजशाही की परंपरा जारी है, खासकर वहां जहां क्रांति वाली उथल पुथल नहीं हुई हो. जैसे कि फ्रांस, इटली और जर्मनी में हुई थी. चूंकि सभी शाही परिवार किसी न किसी तरह एक दूसरे से जुड़े हुए हैं और जर्मनी के सामंती खानदानों से भी, तो कुल मिला कर जरूरत पड़ने पर वे रिश्तेदारों के पास जा सकते हैं.

नीदरलैंड्स का शाही परिवार ओरानियन नासाऊ मूल रूप से जर्मन परिवार है. रोल्फ उलरिष कूंत्से बताते हैं, "इससे नजदीकी रिश्ता और क्या हो सकता है. हम हमेशा सुनते हैं कि जब भी नीदरलैंड्स का राष्ट्रीय गीत गाया जाता है, उसमें कहते हैं, विल्हेल्म मैं जर्मन खून का हूं." इस वंश के संस्थापक विलहेल्म फॉन ओरानियन नासाऊ थे जो आज के जर्मन राज्य हेस्से के डिलेनबुर्ग से आते हैं. हेस्से के शाही परिवार को विरासत में फ्रांसीसी रियासत ओरांजे मिली और यहीं से वो आगे बढ़े." आधुनिक काल के शुरुआत में जर्मनी से रिश्ता बहुत गहरा था और शादियों के कारण यह हमेशा बना रहा. नीदरलैंड्स के शाही परिवार में पिछली तीन रानियों के पति जर्मन थे. अब नए राजा के साथ यह परंपरा खत्म होगी क्योंकि उनकी पत्नी माक्सिमा, अर्जेंटीना के सामान्य परिवार से आती हैं.

रिपोर्ट: बैर्न्ड रीगर्ट/एएम

संपादन: महेश झा