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टीवी मार्केट से गायब भारत

१७ मई २०१३

चाहे वो एक्स फैक्टर हो, कौन बनेगा करोड़पति हो, इंडियन आइडल हो. सारे अमेरिकी टीवी शो एशिया के घर घर में चल रहे हैं और तो और काफी पसंद किए जा रहे हैं. सिर्फ भारत ही नहीं चीन, फिलीपीन्स सभी की यही स्थिति है.

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तस्वीर: Getty Images

किसी भी एशियाई देश में प्राइम टाइम में अगर टीवी ऑन किया जाए तो कुछ ही मिनट में आप इससे चिपक जाएंगे, जब आप अमेरिकी टॉप रिएलिटी शो का स्थानीय संस्करण देखेंगे. फिर चाहे वो एक्स फैक्टर हो, अमेरिका हैज गॉट टैलेंट या फिर द वॉयस.

भले ही प्रोग्राम अलग तरह से चल रहा हो लेकिन देखने में सब कुछ वैसा ही. लोगो, सेट, मुंहफट जज, और पूरा ड्रामा. आखिरी 10 साल में ऐसे टीवी कार्यक्रमों की संख्या तेजी से बढ़ी है. वे सामान्य तौर पर यूरोप में प्रोड्यूस किए जाते हैं. अमेरिका में उन्हें फिर से पैकेज किया जाता है और फिर इन्हें एशिया या दुनिया के बाकी देशों में बेचा जाता है.

इसका सबसे मशहूर उदाहरण है कौन बनेगा करोड़पति. इस खेल को दुनिया के 100 देशों ने अपनाया है. लेकिन स्थानीय स्तर पर बनाए गए फिलीपीन्स आइडल या एक्स फैक्टर वियतनाम को तुलनात्मक रूप से ज्यादा रेटिंग मिलती है.

बढ़ता बाजार

हांग कांग में टीवी सलाहकार जेम्स रॉस ने डॉयचे वेले को बताया, "एशियाई टीवी मार्केट में फॉर्मेट्स के लिए पिछले कुछ साल बहुत अच्छे रहे हैं. ये बहुत ही चकाचौंध भरे टीवी शो से भरपूर रहे हैं. चीन में इस समय जो सबसे मशहूर है वह है द वॉयस ऑफ चायना. यह बहुत पसंद किया जा रहा है क्योंकि देश के कोने कोने से इसमें प्रतिभाशाली लोग आ रहे हैं. ऐसे इलाके जिनके बारे में लोगों को पता ही नहीं है कि ये भी अस्तित्व में हैं."

इस तरह के फॉर्मेट कार्यक्रमों का उद्योग सालाना 2.4 अरब का आंका गया है. ब्रॉडकास्टरों को ये शो पसंद हैं क्योंकि इन्हें पहले भी दूसरे देश में टेस्ट किया जा चुका होता है. दर्शकों के विस्तृत रेटिंग डेटा से पता चल सकेगा कि रिमेड शो नए देश में कैसा प्रदर्शन कर सकता है. ये संकल्पना आसानी से किसी भी देश के मुताबिक ढाल दी जाती है. " चाहे वो स्टेज की बात हो या लाइटिंग, कितने गाने गाए जाएंगे, कितने भागीदार होंगे और कैसे प्रेजेन्टर होंगे. ये सब जानकारी फॉर्मेट की बाइबल यानी स्क्रिप्ट में लिखी जाती है. "रॉस ने कई अंतरराष्ट्रीय टीवी फॉर्मेट चीन, दक्षिण कोरिया और भारत में लॉन्च किए हैं."

एशिया की बारी

अभी तक इस तरह के टीवी फॉर्मेट किसी जमाने में सिर्फ यूरोप, अमेरिका और जापान में होते थे. जो फॉर्मेट अंतरराष्ट्रीय बाजार में बिकते रहे हैं. इनमें होल इन द वॉल और ताकेशीस कासल काफी मशहूर हैं. लेकिन अब दक्षिण पूर्वी एशिया कई साल पश्चिमी कंसेप्ट खरीदने के बाद अब खुद काम करना चाहती है. सिंगापुर के इमेजिन ग्रुप के संस्थापक और अध्यक्ष रियाज मेहता कहते हैं, "हम शायद पहले थे जो बड़े अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट इलाके में ले कर आए और अब पैन एशियाई संस्करण बनाते हैं. हमें लगता है कि अब बाजार काफी परिपक्व है कि हम अपने फॉर्मेट एशियाई देशों में खुद लॉन्च करें और अमेरिकी मार्केट में उन्हें बेचें."

इमेजिन ग्रुप का पहला फॉर्मेट है द अपार्टमेंट. इसे एशिया का सबसे पसंदीदा शो कहा जाता है. इसमें आठ जोड़े एक लक्जरी अपार्टमेंट जीतने के लिए प्रतिस्पर्धा में होते हैं. जीतने के लिए उन्हें पेंटहाउस के अलग अलग कमरे अपने हिसाब से डिजाइन करने होते हैं. इसमें उन जोड़ों की रचनात्मकता और प्रतिस्पर्धा देखने को मिलती है. इससे ही जीवन बदल देने वाला पुरस्कार भी मिलता है.

अपार्टमेंट का पहला सीजन पैन एशियाई इंग्लिश चैनल स्टार वर्ल्ड पर दिखाया गया है और दूसरा सीजन जल्द ही शुरू होने वाला है. माना जा रहा है कि जल्द ही अमेरिका में भी इसे खरीद लिया जाएगा. इसके प्रोड्यूसर मेहता का मानना है कि अमेरिकी बाजार अभी भी पैसे कमाने के लिए अहम है, "अमेरिकी नेटवर्क इसे हाई क्वालिटी शो बनाने के लिए काफी पैसे खर्च करेगा. अमेरिका अभी भी एक घंटे के कार्यक्रम के लिए सात आंकड़ों वाले पैसे खर्च करने में कोताही नहीं करेगा. मुझे लगता है कि यहां चीजें सुधरेंगी लेकिन अमेरिका के स्तर पर पहुंचने के लिए हमें कम से कम पांच साल लगेंगे."

द किचन म्यूजिकल एक और एशियाई फॉर्मेट है जिसमें अमेरिका और यूरोप की रुचि है. यह 19 एशियाई देशों में एएक्सएन पर दिखाया गया है. इसे सिंगापुर के ची कोंग चेआह ने बनाया था. वहीं थाईलैंड का एक गेम फान पान ताई के 450 एपिसोड दिखाए गए. इसे अमेरिका ने खरीद लिया है. इसका अमेरिकी नाम ऑबसेस्ड होगा.

स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण कोरियाई टीवी फॉर्मेट्स चीन में तो अच्छे बिकते हैं लेकिन अमेरिका में नहीं.

चीन कहां है

टीवी फॉर्मेट के बिजनेस से चीन और भारत बिलकुल गायब हैं. इंडस्ट्री रिपोर्ट के मुताबिक भारत में जो भी टीवी नेटवर्क या प्रोडक्शन कंपनियां जो शो बनाती हैं वे बड़े शो के बौद्धिक संपत्ति अधिकार अपने पास रख लेती हैं. इस कारण इन्हें अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में तब्दील नहीं किया जा सकता. चीन से कुछ टीवी कार्यक्रम हाल के दिनों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में आए हैं, लेकिन ये पुराने फॉर्मेट जैसे नहीं रह सके. रॉस बताते हैं, "प्रोडक्शन के कई कोण हैं, स्टोरी, जुनून, मनोरंजन और कि उन्हें असल में फिर से नहीं बनाया जा सकता. कई बार ऐसा हुआ कि शो बहुत ही फ्लैट थे, उनमें वो रोमांच और मजा था ही नहीं. अब उन्हें समझ में आया कि फॉर्मेट के साथ अनुभव भी आता है. जितनी बार इसे फिर से बनाया जा रहा है उतनी बार यह बेहतर होता है. इसलिए पिछले एक दो साल में अंतरराष्ट्रीय शो के चीनी संस्करण काफी रोचक बन रहे हैं."

सी21 वेबसाइट की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रुपर्ट मर्डोक का स्टार चायना अब खुद अपना शो बना रहा है ताकि इसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर बेचा जा सके. जॉब ढूंढने वाला एक चीनी शो ओनली यू कुछ देशों में पसंद किया गया था.

मेहता का कहना है कि चीनी बाजार अभी भी अंतर्मुखी है. जब वह अंतरराष्ट्रीय फॉर्मेट में जाते हैं तो उन्हों शो को स्थानीय मार्केट के लिए काफी बदलना पड़ता है, "मुझे नहीं लगता कि वह अमेरिका को फॉर्मेट बेचने का इरादा नहीं रखता क्योंकि वह दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है." वहीं रॉस कहते हैं, "10 साल में चीन दुनिया का सबसे बड़ा टीवी प्रोड्यूसर हो जाएगा. वह देश अपना टीवी और एंटरटेनमेंट ठीक अपने उत्पादन की तहर बढ़ा रहा है. मुझे लगता है कि हम बहुत बड़ा बदलाव देखने वाले हैं. चीनी टीवी कभी देखने लायक ही नहीं होता. लेकिन अब प्रोडक्शन वैल्यू पश्चिम की ही तरह है. उन्हें रचनात्मकता और आयडिया की ज्यादा जरूरत है और फिर वह ऊपर उठेगा."

रिपोर्टः निक मार्टिन/ एएम

संपादनः ईशा भाटिया

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