बाढ़ से जूझता जर्मनी
बाढ़ से जूझता जर्मनी
निबटने की तैयारी
लोगों को बाढ़ से बचाने के लिए 70,000 दमकल विभाग के कर्मचारी, 11,000 सिपाही और सैकड़ों लोग जुटे हैं. सैक्सनी अन्हाल्ट की राजधानी माग्डेबुर्ग में एल्बे नदी का स्तर पिछले 1200 सालों में सबसे ज्यादा ऊपर चला गया है. पूर्वी और दक्षिणी जर्मनी में हजारों लोगों को बाढ़ वाले इलाकों से हटाया गया है.
जब बांध टूटा...
दक्षिणी माग्डेबुर्ग में रेत की बोरियां बांध को टूटने से नहीं बचा सकीं. एल्बे और साले नदी के संगम पर निचला समतल क्षेत्र पानी में डूब गया. एक दिन पहले ही गांव वालों को वहां से हटा कर सुरक्षित ठिकानों पर ले जाया गया था.
दिन रात की कोशिश
माग्डेबुर्ग के बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कर्मी दिन रात लगातार लोगों को मदद पहुंचाने और रेत की बोरियों से पानी को रोकने की कोशिश में लगे हैं. कई राहतकर्मी कई दिनों से सोए नहीं, लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी पानी को घुसने से रोक नहीं पाए.
पानी ही पानी
सैक्सनी अनहाल्ट के शहर हाले में भी साले नदी में लगातार चढ़ रहे पानी से बचने की जुगत लगाई जाती रही. इस तस्वीर में राहतकर्मी एक बच्चे को पानी से भरी सड़क से ले जा रहा है. आमतौर पर दो मीटर की ऊंचाई पर रहने वाला साले में पानी का स्तर आठ मीटर तक पहुंच गया है, यह अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है.
दौरे पर जर्मन राष्ट्रपति
चांसलर अंगेला मैर्केल के बाद जर्मन राष्ट्रपति और दूसरे प्रमुख राजनेताओं ने भी बाढ़ पीड़ित इलाकों का दौरा किया. योआखिम गाउक ने माइसेन के निवासियों की हिम्मत बंधाई और हौसला रखने को कहा.
छिप गईं सड़कें
माइसेन की कई सड़कें तो पहली नजर में वेनिस में होने का एहसास करा रही हैं. बाढ़ के प्रकोप से कितना नुकसान हुआ है अभी इसका सही आकलन नहीं हो सका है. एल्बे का पानी माइसेन से उतरने लगा है लेकिन पूरी सफाई में अभी समय है.
बाढ़ के बाद
दक्षिणी जर्मनी में पानी उतरने के साथ ही सफाई का काम शुरू हो गया है. बाढ़ की चपेट में आए बवेरियाई शहर डेगेनडॉर्फ में अमेरिकी सैनिक सहायता कार्य में जुटे हैं.एक मंजिले घरों की सफाई तो हो गई है लेकिन पीछे छूटा कचरा अभी भी बाकी है.
बदबूदार कीचड़
पहले रेत की बोरियां और फिर कचरे की थैलियां. पसाउ, जहां डोनाउ, इन और इल्ज नदियां मिलती हैं वहां जर्मन सेना सफाई के काम में जुटी है. शहर से पानी तो निकल चुका है लेकिन पीछे रह गई मिट्टी से बना कीचड़ बदबू फैला रहा है.
सड़कों की सफाई
पसाउ में पुलिसकर्मी पानी के टैंकरों की मदद से सड़कों से मिट्टी धो कर बहाने की कोशिश कर रहे हैं. बाहर से आ रहे कपड़े, जूते, खाना और जरूरत की दूसरी चीजों को मदद के लिए को वहां के स्कूलों में जमा किया गया है.
खतरा अभी टला नहीं
सैक्सनी के उत्तरी प्रांत डारखाउ में ना तो कोई नाव चल रही हैं और ना ही गाड़ियां. पानी से भरी सड़कें किसी नदी जैसी ही दिख रही हैं. आने वाले दिनों में उत्तरी जर्मनी में भी पानी का स्तर ऊपर जाने की चेतावनी दी जा चुकी है. हजारों राहत कर्मी पानी को अंदर घुसने से रोकने की कोशिश में है लेकिन इसे रोक पाना मुश्किल ही माना जा रहा है.
दक्षिण में बारिश की मार
दक्षिणी जर्मनी के लिए परेशानी का समय अभी खत्म नहीं हुआ है. जर्मन मौसम विभाग ने आगे भी भारी वर्षा की चेतावनी दी है. क्योंकि जमीन का पानी अभी सूख नहीं पाया है इसलिए और बारिश परेशानी बढ़ा सकती है.