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मस्ती से पहले समस्याओं की आंधी

१२ जून २०१३

ब्राजील में फुटबॉल का महाकुंभ अब महज 12 महीने दूर है लेकिन गेंद के पीछे पागलों की तरह भागने वाला देश शानदार आयोजन करने में बुनियादी ढांचे की कमी से जूझ रहा है.

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तस्वीर: YASUYOSHI CHIBA/AFP/Getty Images

उम्मीदें आकाश पर है. ब्राजीलियाई लोगों ने भले ही फुटबॉल का खेल शुरू न किया हो लेकिन इसे विकसित कर दर्शकों के लिए कला का रूप देने में उनकी बड़ी भूमिका है. ब्राजील कंफेडरेशन कप और वर्ल्ड कप दोनों की मेजबानी कर रहा है. कंफेडरेशन कप इसी शनिवार को शुरू होगा. ब्राजील, स्पेन, इटली, जापान, मेक्सिको, नाइजीरिया, ताहिती और उरुग्वे के बीच होने वाला मुकाबला यह भी दिखा देगा कि अगले साल वर्ल्ड कप में फुटबॉल के साथ सांबा की मस्तियां क्या गुल खिलाएंगी.

मानवीय भूल

फुटबॉल का तूफान उठने से पहले समस्याओं की आंधी चल रही है. देसी विदेशी मिला कर 355,000 सैलानी कंफेडरेशन कप के लिए आएंगे जिसे महाकुंभ से पहले आयोजन की तैयारियों के लिहाज से आखिरी रिहर्सल माना जा रहा है. जिन छह जगहों पर मुकाबले हो रहे हैं उन्हें बनाने या बेहतर करने के काम ने आयोजकों को चिंता में डाल रखा है. कभी हड़ताल तो कभी छत गिरने या दूसरी समस्याओं के कारण काम में लगातार बाधा आ रही है. साल्वाडोर में फीफा को समय से पहले चार स्टेडियम तैयार कर पिछले महीने दे दिए गए. इनमें से एक एरिना फोन्टे नोवा की नई छत भारी बारिश के बाद गिर गई. इसके पीछे "मानवीय भूल" को वजह बताया जा रहा है.

Stadien Fußball WM 2014 Brasilien Itapava Fonte Nova Arena
तस्वीर: YASUYOSHI CHIBA/AFP/Getty Images

कई मुश्किलें

इस विशाल देश में यातायात के साधनों की कमी सबसे बड़ी समस्या है. बड़े शहरो में ट्रैफिक जाम कई बार 200 किलोमीटर तक भी खिंच सकता है. हवाई यात्रा की सेवाएं लोगों की संख्या के मुकाबले बहुत कम हैं और देश में यात्रियों के लिए रेल की सेवा नहीं के बराबर है. पिछले दशक में हवाई सफर की सेवाओं में करीब 120 फीसदी का इजाफा हुआ है लेकिन अब हवाई अड्डों की क्षमता अपनी सीमाएं लांघ रही है. क्षमता से ज्यादा भीड़ संभाल रहे ब्राजील के एयरपोर्ट वर्ल्ड कप के दौरान 30 लाख देसी और 5 लाख विदेशी पर्यटकों को 12 शहरों में कैसे पहुंचाएंगे यह एक बड़ा सिरदर्द है.

निवेश कम

ब्राजील के कुछ एयरपोर्टों को निजी हाथों में सौंप दिया गया है और कुछ धीरे धीरे बेहतर बनाए जा रहे हैं. आलोचकों का कहना है कि बुनियादी ढांचे में निवेश जरूरत से बहुत कम है. साओ पाओलो के एक बिजनेस स्कूल से जुड़े बुनियादी क्षेत्र के जानकार गेसनर डे ओलिविरा कहते हैं, "अच्छी योजना, बढ़िया नियम कायदे और निवेश के लिए बढ़ावा दिए बगैर यह आयोजन बहुत बुरा होगा." फीफा वर्ल्ड कप के आयोजन से चार अरब डॉलर की कमाई की उम्मीद में है इनमें से 60 फीसदी तो टीवी प्रसारण के अधिकारों से ही आ जाएगा. उधर ब्राजील की सरकार ने इस आयोजन पर 15 अरब डॉलर खर्च करने की योजना बनाई है. ब्राजील मोटे तौर पर अपनी जीडीपी का दो फीसदी हिस्सा बुनियादी ढांचे पर करता है. दूसरे देशों से तुलना करें तो चीन सात फीसदी से ज्यादा जबकि चिली पांच फीसदी करता है. हालांकि इन सब के बावजूद ओलिविरा को मानते हैं कि उभरता ब्राजील एक बड़ी छलांग लगाएगा और बुनियादी ढांचे के मामले में शानदार वर्ल्ड कप का आयोजन करेगा.

Brasilien Rio de Janeiro Polizei
तस्वीर: AFP/Getty Images

उम्मीद बाकी

करीब 19.4 करोड़ की आबादी वाले देश में वर्ल्ड कप के दौरान सुरक्षा इंतजाम का मसला भी काफी बड़ा है. आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर दुनिया में हिंसा का मानचित्र बनाने वाली एक निजी संस्था के मुताबिक हर साल यहां 40 हजार हत्याएं दर्ज होती हैं. सभी 12 मेजबान शहर हिंसक वारदातों के लिए कुख्यात हैं. इनमें से एक रियो ही है जो 2008 में नशीली दवाओं के सौदागरों के खिलाफ सुरक्षा बलों के बड़े अभियान के बाद कुछ सुधरा है.

दक्षिण अमेरिका का सबसे ताकतवर देश 1950 के बाद पहली बार वर्ल्ड कप की मेजबानी करने जा रहा है. उस वक्त रियो के ऐतिहासिक मरकाना स्टेडियम में उरुग्वे से पराजित हुआ देश आज भी उस लम्हे को याद कर शर्म से सिर झुका लेता है. सरकार इस वर्ल्ड कप में कम से कम आयोजन के मामले में शर्मिंदगी का कारण नहीं बनेगी ऐसी उम्मीद की जानी चाहिए.

एनआर/एएम (एएफपी)

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