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हर तीसरी महिला अपनों का शिकार

२१ जून २०१३

दुनिया की हर तीसरी महिला अपने पूर्व या वर्तमान जीवन साथी की सताई हुई है. ये या तो यौन दुर्व्यवहार है या फिर शारीरिक. महिलाओं के खिलाफ हिंसा के बारे में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई रिपोर्ट जारी की हैं.

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तस्वीर: DW

डब्ल्यूएचओ ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा पर पहली बार बड़े विस्तार से रिसर्च करने के बाद समीक्षा की रिपोर्ट जारी की है. इसके मुताबिक दुनिया भर में मारी जाने वाली 40 फीसदी महिलाएं अपने साथी की शिकार होती हैं. महिलाओं के साथ हिंसा का आलम यह है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की प्रमुख डॉ मार्गरेट चान ने इसे, "महामारी के स्तर की वैश्विक स्वास्थ्य समस्या" कहा है. दूसरे जानकारों का कहना है कि हर स्तर की स्वास्थ्य सेवाओं में घरेलू हिंसा को शामिल किया जाना चाहिए.

रिसर्च करने वालों ने घरेलू हिंसा की एक व्यापक परिभाषा का इस्तेमाल किया है और जहां आंकड़े जुटाने में मुश्किल हुई वहां अनुमानों से काम चलाया गया. डब्ल्यूएचओ ने थप्पड़ मारना, धक्का देना, मुक्का मारना, गला दबाना या हथियारों से हमले को शारीरिक हिंसा माना है. यौन हिंसा में यौन संबंध के लिए शारीरिक दबाव बनाना, साथी क्या करेगा इस डर से सेक्स करना या फिर सेक्स के दौरान ऐसा कुछ करना जो अपमानजनक हो.

रिसर्च करने वालों ने महिलाओं के साथ हिंसा में उनके साथी के अलावा किसी और शख्स की भूमिका के बारे में भी पता लगाया. रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में सात फीसदी महिलाएं इस तरह की हिंसा का शिकार हुई हैं. डब्ल्यूएचओ के मुताबिक दुनिया भर में 30 फीसदी महिलाएं अपने साथी के जरिए घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं. रिपोर्ट तैयार करने में 1983 से 2010 तक के आंकडों का सहारा लिया गया है. संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक करीब 60 करोड़ महिलाएं ऐसे देशों में रहती हैं जहां घरेलू हिंसा को अपराध नहीं माना जाता. (हर आठ मिनट में बलात्कार)

Symbolbild Indien Belästigung
तस्वीर: picture-alliance/dpa

सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा अफ्रीका, मध्यपूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में होती है. इन इलाकों में 37 फीसदी महिलाएं ऐसी हैं जिन्होंने अपने वर्तमान या पूर्व साथी के हाथों हिंसा झेली है. लैटिन अमेरिका में यह दर 30 फीसदी जबकि उत्तरी अमेरिका में 23 फीसदी है. यूरोप और एशिया में महिलाओं के साथ हिंसा की दर 25 फीसदी है.

कुछ जानकारों का कहना है कि घरेलू हिंसा को हर तरह की स्वास्थ्य सेवाओं में शामिल किया जाना चाहिए. कनाडा के मैकमास्टर यूनिवर्सिटी की शीला स्प्रेगू का कहना है,"जब भी कोई महिला क्लिनिक आती है तो वो यह बता सकती है कि परेशानी क्यों हुई, चोट कैसी लगी या किसने मारा, अगर उससे पूछा जाए तो."

भारत जैसे देशों में ऑनर किलिंग जैसे मामले महिलाओं के दुश्मन है. दहेज के विवाद या प्रेम और अविश्वास जैसे मामलों में परिवार की इज्जत के नाम पर महिलाओं की हत्या कर दी जाती है. इससे समस्या और गंभीर है.

एनआर/एएम(एपी)

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