1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अमेजन का हुआ वॉशिंगटन पोस्ट

६ अगस्त २०१३

1933 में दिवालिया हो चुके वाशिंगटन पोस्ट को डॉन ग्रैहम के दादा ने खरीदा था. सोमवार को ग्रैहम ने पत्र लिख कर अखबार के कर्मचारियों को बताया कि वाशिंगटन पोस्ट अमेजन के संस्थापक जेफ बेजोस के हाथों बिक गया.

https://p.dw.com/p/19KnK
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

लगातार सात साल तक नुकसान उठाने के बाद अब यह अखबार पारिवारिक विरासत से निकल अमेजन के आंगन में पहुंच गया है. ग्रैहम ने अपने कर्मचारियों से कहा है कि अखबार के भविष्य पर सवाल हैं और "हमारे पास इसका कोई जवाब नहीं." 1877 में पहली बार छपे अखबार के लिए यह दूसरा भावुक लम्हा है. हर दिन केवल 10 हजार प्रतियों की बिक्री के साथ इसने अपने शुरूआती दिनों में रिपब्लिकन और डेमोक्रैट दोनों तरफ के पाठक जुटाए और राष्ट्रपति की कुर्सी हिलाने वाली खोजी पत्रकारिता के कारण मौत का खतरा भी झेला.

Amazon-Gründer Jeff Bezos
तस्वीर: picture-alliance/dpa

कैलिफोर्निया के निवेशक यूजीन मायर ने मंदी के दौर में इसकी कमान अपने हाथ में ली और इसकी छवि चमका कर 1940 के दशक में अपने दामाद फिलिप एल ग्रैहम को सौंपा. फिलिप ने 1963 में वर्जीनिया के एक फार्म में खुद को गोली मार ली और तब अखबार उनकी पत्नी कैथरीन ग्रैहम के हाथ में आ गया. युवा रिपोर्टरों बॉब वुडवर्ड और कार्ल बर्नस्टाइन ने कैथरीन के दौर में ही वाटरगेट कांड की परतें उघाड़नी शुरू की. इस घटना ने न सिर्फ राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन को इस्तीफा देने पर मजबूर किया बल्कि आने वाले वक्त के लिए खोजी पत्रकारिता की एक नई परंपरा की नींव डाल दी.1972 में डेमोक्रैटिक पार्टी के मुख्यालय में हुई एक चोरी के बारे में अखबार ने रिपोर्ट छाप कर व्हाइट हाउस के अधिकारियों और निक्सन को दोबारा चुनने के लिए बनाई गई कमेटी के सदस्यों की जासूसी की लंबी दास्तान दुनिया के सामने रख दी.

Logo der Zeitung The Washington Post

वाटरगेट कांट की रिपोर्टिंग से पहले और इस पूरे प्रकरण के दौरान वाशिंगटन पोस्ट देश की असरदार आवाज के रूप में न्यूयॉर्क टाइम्स के साथ जबर्दस्त मुकाबले में था. 1971 में पहले द टाइम्स ने और फिर पोस्ट ने लीक हुए पेंटागन के खुफिया दस्तावेजों पर खूब कहानियां छापीं और वियतनाम युद्ध के बारे में सरकार के झूठ को दुनिया के सामने रखा. दोनों अखबारों ने खबरों को दबाने की कोशिश का डट कर मुकाबला किया और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में मुकदमे में भी जीत हासिल की. द टाइम्स को इसके लिए पुलित्जर पुरस्कार मिला और एक साल बाद वॉशिंगटन पोस्ट को वाटरगेट कांड के लिए. 2008 में भी वाशिंगटन पोस्ट ने पत्रकारिता का नोबेल कहे जाने वाले पुलित्जर की छह श्रेणियों में विजेता बन कर अपना लोहा मनवाया. वर्जीनिया टेक नरसंहार से लेकर इराक में निजी सुरक्षा के ठेकों और वाल्टर रीड अस्पताल में घायलों के साथ दुर्व्यवहार के मामले को दुनिया के सामने लाया. हालांकि पुलित्जर से जुड़ा एक बुरा लम्हा अखबार ने 1981 में देखा था जब इनाम जीतने के बाद पता चला कि जीन कूक ने झूठी खबर दी थी. (वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट पर विवाद)

बीते कुछ सालों में भी अखबार पुरस्कार तो जीतता रहा लेकिन कारोबार में पिछड़ता गया. बाजार और डिजिटल दौर के दबाव के बीच अखबार ने बिक्री में काफी गिरावट देखी. 2002 के मुकाबले पिछले साल तक यह गिरावट 37 फीसदी तक पहुंच चुकी है. न्यूजरूम में कर्मचारियों की संख्या घटी और कुछ ब्यूरो बंद भी कर दिए गए. इसके बाद भी पिछले साल अखबार ने 5.4 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाया. डॉन ग्रैहम ने अखबार बिकने का एलान करते वक्त कहा, "हमने बहुत सी नई चीजें शुरू की और पाठकों में काफी सफल भी रहे लेकिन उससे राजस्व का घाटा कम नहीं हो सका. हमने उससे निबटने के लिए खर्च घटाया लेकिन हम जानते थे कि उसकी भी एक सीमा है."

एनआर/एमजे (एपी, रॉयटर्स)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी