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स्मार्ट लोगों के स्मार्ट उपकरण

Insa Wrede५ सितम्बर २०१३

फ्रिज जो अपना स्टेटस ट्विटर पर खुद छाप दे, कंप्यूटर, जो आपकी कलाई घड़ी में समा जाए और खाना भी पकाए. यह है मॉडर्न डिजिटल लाइफस्टाइल. बर्लिन के अंतरराष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक मेले ईफा में नई और अद्भुत चीजें दिखाई जा रही हैं.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

इलेक्ट्रॉनिक कंपनी सैमसंग ने पहल की है. बर्लिन में ईफा के शुरू होने से ठीक पहले उसने कम्प्यूटर घड़ी गैलेक्सी गीयर पेश कर धमाका किया है. अपने तगड़े प्रतिद्वंद्वी एप्पल से पहले ही उसने इस बाजार में अपना माल उतार दिया है. इस तरह के नए धमाकों और आम लोगों की जिंदगी बदलने वाले नए उत्पादों के लिए बर्लिन का ईफा जाना जाता है.

मनोरंजन और संचार की दुनिया बर्लिन के ईफा मेले के बगैर अधूरी है. यहां के कुछ आंकड़ों को ही देख लीजिए. दुनिया भर से आई 1,500 कंपनियां यहां अपने नए उत्पाद दिखाती हैं. हर साल दो लाख 40 हजार दर्शक आते हैं और इनमें से 45 हजार तो खास तौर से नई जानकारी पाने और बिजनेस के लिए आते हैं. ईफा पर रिपोर्ट करने तकनीकी पत्रकारिता से जुड़े 600 पत्रकार भी आते हैं.

Logo IFA 2013 Internationale Funkausstellung
तस्वीर: picture-alliance/dpa

बर्लिन मेला आयोजन कंपनी मेसे बर्लिन के प्रमुख क्रिस्टियान गोएके कहते हैं, "हम तो इनोवेशन प्रोडक्ट बिजनेस के लिए नंबर वन जगह हैं." ईफा के अलावा दुनिया में ऐसा कोई मेला नहीं जहां इतने सारे नए प्रोडक्ट पहली बार दिखाए जाते हैं. गोएके कहते हैं कि यह वह जगह है जहां कंपनियों को पता चलता है कि उनका नया प्रोडक्ट कितना मुनाफा कमाएगा.

टीवी की जरूरत नहीं

मेला आयोजकों का मानना है कि ईफा में ही 3.8 अरब यूरो के समझौते होते हैं और क्रिसमस की बिक्री के लिए बाजार की तैयारी की जाती है. कंपनियों को उम्मीद है कि इस साल 28.1 अरब यूरो की कमाई होगी लेकिन अब तक इस लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल लग रहा है. 2013 के पहले हिस्से में ज्यादा कमाई नहीं हुई है, मनोरंजन और संचार उपकरणों का बाजार बल्कि तीन प्रतिशत गिरा है.

स्मार्टफोन, टैबलेट और घरेलू उपकरणों की बिक्री तो हुई है लेकिन मनोरंजन के लिए पारंपरिक इलेक्ट्रॉनिक सामान इस साल 20 प्रतिशत कम बिके. मनोरंजन और संचार इलेक्ट्रॉनिक्स संगठन के हंस योआखिम कांप के मुताबिक टीवी तो दुकानों से बाहर निकले ही नहीं. 2012 में कई जर्मनों ने यूरोपीय फुटबॉल के लिए टीवी खरीदे और खास तौर से इसलिए क्योंकि सिग्नल को एनेलॉग से डिजिटल में बदला गया. इस साल ऐसा कुछ नहीं है और टीवी की बिक्री 25 प्रतिशत घटी है.

IFA Berlin Internationale Funkausstellung
तस्वीर: AFP/Getty Images

ग्राहकों को कम जानकारी

थ्रीडी टीवी के आने से भी कोई फर्क नहीं पड़ा है. इस टीवी ने जो वादे किए थे, वह पूरे नहीं हो पाए और कांप कहते हैं कि कोई भी घंटों भर टीवी के सामने थ्रीडी चश्मा पहन कर बैठे रहना नहीं पसंद करेगा.

अब कंपनियां इंटरनेट वाली टीवी पर उम्मीद लगाए बैठी हैं. इसे स्मार्ट टीवी का नाम दिया गया है और इस वक्त करीब 50 लाख जर्मन घरों में स्मार्ट टीवी पर लोग अपने पसंदीदा कार्यक्रम देखते हैं. इस साल के अंत तक यह आंकड़ा और 20 लाख ज्यादा हो जाएगा. ईफा आयोजक भी एक मीडिया कैंपेन चला रहे हैं जिससे कि ग्राहकों को घर में बैठे बैठे फ्लैटस्क्रीन और संचार की सुविधा मिल सके.

लेकिन जर्मनी में अब भी ज्यादातर लोगों के लिए स्मार्ट टीवी एक चुनौती है. संचार उद्योग के संगठन बिटकॉम के एक सर्वेक्षण से पता चला है कि पूछे गए लोगों में से 25 प्रतिशत को स्मार्ट टीवी से संबंधित शब्दों को समझने में परेशानी होती है. स्मार्ट टीवी को इंटरनेट से जोड़ने का काम केवल 58 प्रतिशत लोग करते हैं.

Flachbildschirme von Hisense
तस्वीर: picture-alliance/dpa

वायरलेस से कपड़े धोना

इंटरनेट के साथ जुड़ना एक बात है लेकिन ईफा में उपकरणों को आपस में जोड़ने की भी बात हो रही है. घरों में इसका अच्छा इस्तेमाल हो सकता है. ईफा में अब ऐसे वॉशिंग मशीन, फ्रिज और कॉफी मशीन पेश किए जा रहे हैं जो आपस में संपर्क कर सकते हैं और ग्राहकों का जीवन आसान कर सकते हैं.

कार उद्योग में भी बहुत प्रगति हो रही है. फोर्ड कंपनी अपने तकनीकी आविष्कारों को अंतरराष्ट्रीय कार मेले के बजाय बर्लिन के ईफा में पेश करती है. ईफा आयोजन समिति के गोएके कहते हैं कि फोर्ड का मकसद साफ है. वह दिखाना चाहते हैं कि कारों का भविष्य उनके स्मार्ट होने पर निर्भर होगा, यानी इस बात पर निर्भर होगा कि वह बाकी उपकरणों से उन्हें कैसे जोड़ा जा सकता है.

लेकिन क्या इस बढ़ते संपर्क और कंप्यूटर पर बढ़ती निर्भरता से नुकसान नहीं होगा. अगर इनमें से कोई एक उपकरण खराब हो गया तो? फिर इंटरनेट से डाटा की चोरी वाला पहलू भी है. इन सवालों के जवाब मिलने में अभी थोड़ा और वक्त लगेगा.

रिपोर्टः सबीने किंकार्त्स/एमजी

संपादनः महेश झा

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