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सीरिया पर शांति वार्ता की कोशिश

१३ सितम्बर २०१३

सीरिया के लिए शांति वार्ता की प्रक्रिया शुरू होने के आसार बन रहे हैं. जेनेवा में रूस और अमेरिका की बातचीत से इसकी उम्मीद बंधी है. जॉन केरी और सर्गेइ लावरोव ने चर्चा के दूसरे दिन यह बात कही.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

जेनेवा के एक होटल में रूसी अमेरिकी रासायनिक हथियारों के विशेषज्ञ ऐसा तकनीकी ब्यौरा तय करने में जुटे हैं जो करार तक पहुंचने का रास्ता बना सके. अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की मुलाकात जिस जगह चल रही है वहां से थोड़ी ही दूर पर संयुक्त राष्ट्र के यूरोपीय मुख्यालय में यूएन और अरब लीग के सीरिया दूत लखदर ब्राहिमी राजनीतिक गतिविधियों का जायजा ले रहे हैं और जेनेवा में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की जमीन तैयार कर रहे हैं जिससे सीरिया में बदलाव लाने वाली सरकार के लिए समर्थन जुटाया जा सके.

John Kerry mit Sergej Lawrow in Genf 12.9.2013
तस्वीर: Reuters

ब्राहिमी ने माना है कि दोनों विदेश मंत्रियों की बातचीत का "रासायनिक हथियारों पर समझौते तक पहुंचना अपने आप में तो बेहद अहम" है ही इसके साथ ही यह उन लोगों के लिए भी अहम है जो जेनेवा कांफ्रेंस को सफल बनाने के लिए दोनों देशों को करीब लाने में जुटे हैं. अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि जेनेवा में दूसरे शांति सम्मेलन के लिए पहले रासायनिक हथियारों पर बातचीत को सफल होना होगा जो अब तक "सकारात्मक" रही है. ब्राहिमी ने जेनेवा होटल में केरी के साथ गुरुवार को अलग से भी मुलाकात की. इस मुलाकात का एजेंडा जून 2012 में जेनेवा में हुए सम्मेलन को जारी रखने के तरीके ढूंढना था. इस सम्मेलन का लक्ष्य सीरिया के गृहयुद्ध को खत्म करना था

उधर रूसी विदेश मंत्री लावरोव का कहना है कि उनका देश सीरियाई संकट की शुरुआत से ही शांति प्रक्रिया का समर्थन करता रहा है लेकिन "दुर्भाग्यपूर्ण है कि लंबी प्रक्रिया के बाद जेनेवा संवाद बुनियादी तौर पर छोड़ दिया गया." लावरोव ने कहा कि वह केरी और ब्राहिमी के साथ इसे दोबारा शुरू करने पर चर्चा कर रहे हैं..

Lakhdar Brahimi / Syrien / Genf
तस्वीर: Reuters

इसी बीच संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों ने खबर दी है कि सीरिया सरकार की सेना ने विद्रोहियों के कब्जे वाले इलाकों में अस्पतालों पर बम और गोलियां बरसाई हैं जिससे कि घायलों का इलाज रोका जा सके. संयुक्त राष्ट्र निरीक्षकों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. राष्ट्रपति बशर अल असद के समर्थक लड़ाकों ने जान बूझ कर लोगों को इलाज से दूर करने की कोशिश की है. संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में इस तरह के हमलों की जानकारी दी गई है. रिपोर्ट में कहा गया है. "हमले का तरीका दिखाता है कि सरकारी सेना जान बूझ कर अस्पतालों और मेडिकल सुविधाओं को निशाना बना रही है जिससे कि सैन्य बढ़त ले सके और सरकार विरोधी हथियार बंद गुटों को मेडिकल सहायता से दूर कर सके." इस तरह के हमले युद्ध अपराध की श्रेणी में आते हैं. इस रिपोर्ट पर असद सरकार या विद्रोहियों की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.

रिपोर्ट के मुताबिक सीरियाई सेना ने अस्पतालों पर कब्जा कर लिया है और उन्हें स्नाइपरों, टैंक और सैनिकों के अड्डे के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. एंबुलेंस ड्राइवर, नर्सों और डॉक्टरों को भी निशाना बनाया जा रहा है.

एनआर/एमजे (एपी, रॉयटर्स)