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आधुनिक दौर के आधे गुलाम भारत में

१७ अक्टूबर २०१३

पूरी दुनिया में 3 करोड़ से ज्यादा लोग अभी भी गुलामों तरह जी रहे हैं. इनमें से करीब आधे भारत में है. आधुनिक गुलामी की स्थिती पर गुरुवार को जारी वैश्विक आंकड़ों में यह बात सामने आई है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

ग्लोबल स्लैवरी इंडेक्स 2013 में कहा गया है कि भारत में करीब 1.4 करोड़ लोग गुलामों की तरह जी रहे हैं. दुनिया भर में किसी एक देश के लिए यह संख्या सबसे ज्यादा है. पश्चिमी अफ्रीका के मॉरिटैनिया देश में इसका प्रचलन बहुत ज्यादा है. यहां की 4.2 फीसदी आबादी गुलामी के बंधन में जकड़ी हुई है. ऑस्ट्रेलिया के एक सामाजिक संगठन ने इस बारे में रिसर्च किया है. रिसर्च के लिए गुलामी की परिभाषा में कर्ज का बंधन, जबरदस्ती विवाह और मानव तस्करी शामिल है. यह रिसर्च सरकारों को गुलामी की स्थिति का अंदाजा लगाने और उन्हें खत्म करने में मदद कर सकती है.

गुलामी पर जारी रिपोर्ट में कहा गया है, "आज भी कुछ लोग पीढ़ी दर पीढ़ी गुलाम की तरह पैदा हो रहे हैं, यह एक हैरान करने वाली लेकिन कड़वी सच्चाई है, खास तौर से पश्चिम अफ्रीका और दक्षिण एशिया के लिए." रिपोर्ट के मुताबिक, "दूसरे पीड़ितों को जबरन पकड़ा जाता है या फिर उनका अपहरण किया जाता है. इसके बाद उन्हें या तो बेच दिया जाता है या फिर शोषण के लिए अपने पास रखा जाता है. अब यह चाहे शादी के जरिए हो, मछली मारने की नावों पर बेगारी हो या घरेलू नौकर. इन के अलावा कुछ को अच्छी नौकरी या पढ़ाई के झूठे वादों का लालच दिखा कर इस तरह फंसा लिया जाता है कि वो भाग न सकें."

Kinderarbeit
तस्वीर: AP

रिपोर्ट के मुताबिक 10 देशों में दुनिया के 76 फीसदी गुलाम रह रहे हैं. 29 लाख गुलामों के साथ चीन दूसरे नंबर पर है और इसके बाद पाकिस्तान है जहां 21 लाख लोग गुलामी की हालत में जी रहे हैं. इसके बाद नाईजीरिया (701,000), इथियोपिया (651,000), रूस (516,000), थाईलैंड (473,000),

कांगो (462,000), म्यांमार (384,000) और बांग्लादेश (343,000) हैं.

भारत में बड़े पैमाने पर गरीबों के शोषण के कारण वहां गुलामों की संख्या सबसे ज्यादा है. खासतौर से कर्ज के जाल में फंसे गरीबों से बंधुआ मजदूरी कराने की इसमें सबसे बड़ी भूमिका है. मॉरिटैनिया भी पीढ़ी दर पीढ़ी बंधुआ मंजदूरी की कुप्रथा के चंगुल में है. मॉरिटैनिया के बाद हैती और पाकिस्तान ऐसे देश हैं जहां यह समस्या बहुत व्यापक रूप में फैली है.

आइसलैंड ऐसा देश है जहां गुलामी की समस्या का विस्तार सबसे कम है. यहां गुलामों की संख्या कुल मिला कर 100 से भी कम है. इस कतार में आईसलैंड के बाद आयरलैंड, ब्रिटेन, न्यूजीलैंड, स्विटजरलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, लग्जेमबर्ग और फिनलैंड आते हैं.

एनआर/एएम (डीपीए)

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