नाजी दौर में लूटी गई पेंटिग
म्यूनिख में ऐसी पेंटिंग का गुप्त खजाना मिला है, जिनमें नाजी दौर में लूटी हुई कलाकृतियां शामिल हैं. इस खजाने में 20 वीं सदी के मशहूर लोगों की पेटिंग भी शामिल हैं. अनुमान है कि इनकी कीमत करीब एक अरब यूरो के बराबर है.
फ्रांस मार्क (1880-1916)
हॉर्सेस इन लैंडस्केप नाम की यह पेंटिंग जर्मन कलाकार फ्रांस मार्क ने बनाई थी. ऑग्सबुर्ग के संवाददाता सम्मेलन में दिखाई गई 11 पेंटिंग्स में यह शामिल है. पहले इन चित्रों का पता ही नहीं था.
ओटो डिक्स (1891-1969)
इस सेल्फ पोट्रेट के बारे में पहले कोई जानकारी नहीं थी और इसे अभी तक किसी भी कैटलॉग में नहीं छापा गया है. अनुमान है कि यह 1919 के आसपास कभी बनाई गई है. यह ऐसे कुछ चित्रों में शामिल है, जो डिक्स ने पहले विश्व युद्ध के कुछ ही समय बाद बनाए.
एर्न्स्ट लुडविग किर्षनर (1880-1938)
मेलैनकोलिक गर्ल नाम की यह पेंटिंग ऑग्सबुर्ग में दिखाई गई. यह म्यूनिख के उत्तरी जिले श्बाविग के अपार्टमेंट में बाकी पेंटिंगों के साथ पाई गई. यह पहले मानहाइम की गैलेरी में दिखाई गई थी.
कानालेत्तो (1697-1768)
मिली कलाकृतियों में सभी पेंटिंग आधुनिक काल की नहीं है. जांचकर्ता और कला इतिहासकार माइके होफमन ने इटैलियन पेंटर कानालेत्तो (जियोवानी आंतोनियो कानाल) की 18वीं सदी की पेंटिंग भी दिखाई.
गुस्ताव कोरबेट (1819 - 1877)
विलेज गर्ल विद ए गोट नाम की यह पेंटिंग पहली बार 1949 में एक नीलामी के दौरान बिकी थी. यह दूसरे विश्व युद्ध के बाद बनी पेंटिंग में शामिल है.
माक्स लीबरमन (1847 - 1935)
टू हॉर्समेन एट द बीच. म्यूनिख के कलेक्शन में माक्स लीबरमन के और भी ड्रॉइंग और स्केच मिले हैं.