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जेल जाने से देश आना बेहतर

७ नवम्बर २०१३

खाड़ी के देशों से अवैध भारतीय कामगारों को वापस भेजने के बारे में चिंता को खारिज करते हुए भारत ने कहा है कि उसके नागरिकों लिए अपनी स्थिति को दुरूस्त करने का मौका है और देश आना, जेल जाने से बेहतर है.

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तस्वीर: AFP/Getty Images

कुवैत के प्रधानमंत्री शेख जाबेर अल मुबारक अल हमाद अल सबा गुरुवार से चार दिन के लिए भारत दौरे पर आ रहे हैं. इस दौरान भारत के शीर्ष नेताओं के साथ उनकी बातचीत में यह मुद्दा भी रहेगा. खाड़ी क्षेत्र के संयुक्त सचिव मृदुल कुमार का का कहना है, "मेरे ख्याल से यह हमारे लोगों के लिए अच्छा है कि उन्हें जेल में डालने की बजाय वापस भेजा जा रहा है." इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि केवल उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है जिन्होंने नियम तोड़ा है.

भारतीय विदेश मंत्री वायलर रवि ने मंगलवार को बताया कि करीब 1.34 लाख भारतीय पहले ही सऊदी अरब से वापस आ चुके हैं. सऊदी अरब ने अवैध विदेशियों को पकड़ने के लिए इस साल के शुरूआत में सख्त जांच का अभियान शुरू किया है. 3 नवंबर को इसकी आगे बढ़ाई जा चुकी समय सीमा भी खत्म हो गई है. मृदुल कुमार के मुताबिक कुवैत ने 4500-5000 भारतीयों को वापस भेजा है और पिछले साल के मुकाबले यह संख्या कम है. मृदुल कुमार का कहना है, "जब आपके देश में बड़ी संख्या में बाहरी आबादी रह रही हो तो यह हर संप्रभु देश का अधिकार है कि वह यह तय करे कि नियम तोड़ने वाले लोगों के साथ किस तरह का व्यवहार किया जाए."

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन का कहना है कि यह अवैध लोगों के लिए एक मौका है कि वो उन देशों से बिना किसी सजा या जुर्माने के बाहर निकल सकें और अपने काम के दर्जे को सही कर सकें.

Kuwait Ministerpräsident Scheich Dschabir al-Mubarak al-Sabah
कुवैत के प्रधानमंत्री चार दिन के भारत दौरे परतस्वीर: picture-alliance/dpa

शेख जाबेर के दौरे के बारे में मृदुल कुमार ने कहा कि भारत कुवैत के साथ अपने रिश्तों को आगे बढ़ाना चाहता है. तेल के खजाने वाले देश के साथ "खरीदार और विक्रेता" के संबंधों को "रणनीतिक" स्तर पर ले जाने की कोशिश हो रही है. इसके लिए ऊर्जा सुरक्षा के साथ ही, निवेश और कारोबार के मुद्दों पर बातचीत की जाएगी. उन्होंने कहा, "हमारे लिए यह दौरा बेहद खास है."

2003 में कुवैत के प्रिंस और प्रधानमंत्री के अलग होने के बाद सरकार प्रमुख के स्तर पर यह पहला सबसे बड़ा दौरा है. भारत की तरफ से शीर्ष स्तर का दौरा 1981 में हुआ था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी कुवैत गईं थीं. केंद्रीय सचिव के मुताबिक भारत कुवैत के साथ पेट्रोकेमिकल और उर्वरक के क्षेत्र में संयुक्त उपक्रम में दिलचस्पी ले रहा है. शेख जाबेर के साथ एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल भी है जिसमें वरिष्ठ मंत्री, अधिकारी और उद्योग जगत के प्रमुख लोग शामिल हैं. यह सभी भारत में प्रधानमंत्री समेत दूसरे शीर्ष नेताओं और अधिकारियों से मुलाकात करेंगे.

एनआर/ओएसजे (पीटीआई)

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