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अंतरिक्ष में ओलंपिक की मशाल

७ नवम्बर २०१३

रूस ने ओलंपिक खेलों में अद्भुत शुरुआत करते हुए 2014 के सोची विंटर ओलंपिक की मशाल अंतरिक्ष में भेज दी. इसके साथ अंतरिक्ष में चहलकदमी की जाएगी.

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तस्वीर: Kudryavtsev/AFP/Getty Images

अंतरिक्ष में ओलंपिक मशाल

गुरुवार सुबह जब रूसी, जापानी और अमेरिकी अंतरिक्ष यात्रियों का तीन सदस्यीय जत्था अंतरिक्ष के लिए रवाना हुआ, तो अगले साल सर्दियों में होने वाले ओलंपिक की मशाल भी उनके अंतरिक्षयान में थी. इसे कजाकिस्तान के बाइकोनूर अंतरिक्ष स्टेशन से छोड़ा गया. यह अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन रूस का है.

सोयूज एफजी रॉकेट और सोयूज टीएमए कैप्सूल में सोची ओलंपिक का प्रतीक चिह्न भी दिख रहा था. रूसी शहर सोची में ही 2014 का सर्दियों ओलंपिक होने वाला है. रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रॉस्कॉस्मॉस ने एक बयान जारी कर कहा, "सोयूज एफजी रॉकेट और सोयूज टीएमए कैप्सूल बाइकोनूर कॉस्मोड्रोम से मॉस्को के समय के मुताबिक सुबह 8:14 बजे सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया गया."

इससे पहले रूस के अंतरिक्ष यात्री मिखाइल त्यूरिन, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के रिक मास्त्राचियो और जापान के कोइची वाकाता मशाल लेकर यान में सवार हुए. वहां मौजूद लोगों ने हाथ हिला कर उनका अभिवादन किया.

मशाल के साथ चहलकदमी

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उड़ान भरते वक्त मशाल को प्रज्ज्वलित नहीं किया गया. ऐसा करने से अंतरिक्ष यान की जरूरी ऑक्सीजन तेजी से कम होती और आंतरिक्ष यात्रियों को भी नुकसान पहुंच सकता था. ये यात्री पहले इस मशाल को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के कई हिस्सों में ले जाएंगे और बाद में इसके साथ अंतरिक्ष में चहलकदमी भी करेंगे.

हालांकि इससे पहले 1996 में अमेरिका ने भी समर ओलंपिक के वक्त अमेरिकी अंतरिक्ष यान के साथ ओलंपिक मशाल को अंतरिक्ष में भेजा. 1996 का ओलंपिक अमेरिकी शहर अटलांटा में हुआ था. 2000 के सिडनी ओलंपिक से पहले ऑस्ट्रेलिया ने भी मशाल अंतरिक्ष में भेजी थी. लेकिन इसके साथ चहलकदमी पहली बार की जाएगी.

Baikonur Rakete Olympisches Feuer Weltraum Start 07.11.2013
मशाल लेकर जाता रॉकेटतस्वीर: picture alliance/AP Photo

त्यूरिन ने यात्रा पर जाने से पहले पत्रकारों से कहा, "यह एक बेहद खुशी और महान जिम्मेदारी का काम है, जिसके तहत हम शांति के इस प्रतीक के साथ काम कर रहे हैं." यह मशाल पांच दिनों तक अंतरिक्ष में रहेगी. रूसी अंतरिक्ष यात्री ओलेग कोतोव और सर्जेई रयासन्जकी इसे लेकर शनिवार को अंतरिक्ष में टहलेंगे. यही दोनों इस वक्त अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन का काम काज देख रहे हैं. तीन अंतरिक्ष यात्री सोमवार को इसके साथ धरती पर लौट आएंगे. रूसी अधिकारियों ने इस बात को साफ कर दिया है कि अंतरिक्ष में सफर के दौरान पूरे वक्त सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस मशाल को जलाया नहीं जाएगा.

इतिहास भरी यात्रा

सोची ओलंपिक मशाल की यात्रा चार महीनों की है और ओलंपिक इतिहास में यह सबसे लंबी यात्रा है. लगभग 65,000 किलोमीटर की यात्रा के दौरान मशाल को ट्रेनों, विमानों, कारों और यहां तक कि बारहसिंगों से चलने वाले स्लेजों पर ले जाया जाएगा. इस दौरान कोई 14,000 लोग मशाल के साथ दौड़ेंगे. पूरे कार्यक्रम में इसे 130 शहरों से होकर गुजरना है.

पिछले महीने मशाल को उत्तरी ध्रुव पर भेजा गया. अंतरिक्ष से लौटने के बाद इसे दुनिया के सबसे निचले तल बाइकाल झील में ले जाया जाएगा और अगले साल फरवरी में यह माउंट एलब्रुस की चोटी की सवारी करेगी. रूस और यूरोप की इस सबसे ऊंची चोटी 5,642 की ऊंचाई मीटर होगी. इसी मशाल से सात फरवरी को सोची में ओलंपिक की ज्वाला जलाई जाएगी, जिसके साथ 2014 विंटर ओलंपिक की शुरुआत होगी. खेल 23 फरवरी तक चलेंगे.

एजेए/ओएसजे (एपी, एएफपी)

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