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मुशर्रफ की नजरबंदी खत्म

७ नवम्बर २०१३

पाकिस्तान ने पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ को नजरबंदी से आजाद कर दिया है. उनके खिलाफ चल रहे मुकदमों के आखिरी आपराधिक मामले में जमानत मिलने के बाद उन्हें यह राहत मिली है.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

इस्लामाबाद की जिला अदालत ने लाल मस्जिद पर 2007 में हुए हमले के मामले में उन्हें सोमवार को जमानत दे दी. यह उनके खिलाफ चल रहे मामलों में आखिरी था, जिसके लिए उन्हें नजरबंद किया गया था. रावलपिंडी की अदियाला जेल के सुपरिटेंडेंट मलिक मुश्ताक ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया, "हमें आज सुबह इस्लामाबाद के नगर प्रशासन से लिखित आदेश मिला, इसके बाद हमने उनके घर पर मौजूद जेल अधिकारियो को वापस बुला लिया." इस्लामाबाद के स्थानीय प्रशासन के प्रमुख जवाद पॉल ने इस खबर की पुष्टि करते हुए कहा, "मुशर्रफ अब आजाद हैं, उनका घर अब 'उप जेल' नहीं है."

पूर्व सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ की जान पर खतरा है, इसलिए वह बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों के घेरे में अपने बंगले में ही रह रहे हैं. यह बंगला राजधानी इस्लामाबाद के बाहरी हिस्से में है. इसे ही मुशर्रफ के लिए जेल की तरह इस्तेमाल किया जा रहा था. रिहाई का आदेश आने के बाद वहां मौजूद जेल अधिकारी चले गए.

Pakistan Ex-Präsident Pervez Musharraf Hausarrest
तस्वीर: AAMIR QURESHI/AFP/Getty Images

तालिबान ने मुशर्रफ को जान से मारने की धमकी दी है. 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले के बाद शुरू हुई "आतंकवाद के खिलाफ जंग" में पाकिस्तान अमेरिका का सहयोगी बना. इस दौरान परवेज मुशर्रफ देश के राष्ट्रपति थे. पहले कमांडो, सेना प्रमुख और देश के राष्ट्रपति रह चुके मुशर्रफ राष्ट्रपति पद से हटने के बाद स्वनिर्वासन में लंदन में रह रहे थे.

इसी साल मार्च में वह पाकिस्तान लौटे ताकि मई में होने वाले आम चुनाव में हिस्सा ले सकें. हालांकि उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई और मुशर्रफ के शासनकाल के कई मामलों में उन पर आपराधिक मुकदमों की बौछार हो गई. मुशर्रफ पर पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की 2007 में एक चुनावी रैली के दौरान हुई हत्या, एक बलूच विद्रोही नेता की 2006 में हत्या, 2007 में जजों को हिरासत में लेने के घटनाओं से जुड़े मुकदमे चल रहे हैं.

इसी साल अप्रैल में उन्हें नजरबंद कर लिया गया. पाकिस्तान के इतिहास में यह अजीब बात है कि सेना के किसी पूर्व प्रमुख को नजरबंद किया जाए. पाकिस्तान में सेना की ताकत को सर्वोपरि माना जाता है. ऐसी अटकलें लगाई जा रही हैं कि यह सब एक समझौते के तहत हुआ है और इसके बाद मुशर्रफ देश छोड़ कर जा सकते हैं. हालांकि मुशर्रफ के वकील का कहना है कि वह अपने खिलाफ चल रहे मुकदमों का सामना करेंगे और फिलहाल पाकिस्तान में ही रहेंगे.

एनआर/एजेए (एएफपी)