1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अराफात के शरीर से मिला जहर

७ नवम्बर २०१३

फलीस्तीनी नेता यासिर अराफात के शरीर से रेडियोधर्मी तत्व पोलोनियम के सबूत मिले हैं. अराफात की मौत के रहस्य को सुलझाने में लगे स्विट्जरलैंड के रिसर्चरों का कहना है कि उनकी मौत जहर से हुई.

https://p.dw.com/p/1ADTA
तस्वीर: Getty Images

2004 में हुई यासिर अराफात की मौत लोगों के लिए रहस्य बनी हुई है. 2012 में उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि अराफात को जहर देकर मारा गया है, और जांच की मांग की. जांच के लिए यासिर अराफात की मौत के आठ साल बाद उनकी कब्र से उनके अवशेष निकाले गए.

टीवी चैनल अल जजीरा ने इस बारे में जांचकर्ताओं की रिपोर्ट प्रसारित की है. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अराफात के शरीर में पोलोनियम की भारी मात्रा संकेत देती है कि उन्हें जानबूझ कर जहर दे कर मारा गया. 108 पन्नों की रिपोर्ट में लिखा है, "नतीजे बताते हैं कि उनकी मौत पोलोनियम-210 दिए जाने के कारण हुई. इसके लिए टॉक्सिकोलॉजी और रेडियो टॉक्सिकोलॉजी के नए टेस्ट किए गए."

2004 में 75 साल की उम्र में अराफात की मौत हुई और तब उनकी मौत की वजह साफ नहीं हो पाई थी. तभी से उनकी मौत रहस्य बनी हुई है. फलीस्तीन में कई लोगों को शक रहा है कि यासिर अराफात की मौत के पीछे इस्राएल का हाथ है. पिछले साल टीवी चैनल अल जजीरा और स्विट्जरलैंड के इंस्टिट्यूट ऑफ रेडिएशन फिजिक्स ने यासिर अराफात के कपड़ों पर पोलोनियम-210 की मौजूदगी का दावा किया था. पोलोनियम के बारे में कहा जाता है कि यह रेडियोधर्मी पदार्थ है और सायनाइड से भी कई गुना ज्यादा जहरीला है. इसके बाद उनकी पत्नी की मांग पर जांच के लिए अराफात की कब्र से मिट्टी और उनकी हड्डियों के नमूने लिए गए थे.

अराफात की विधवा सुहा ने कहा कि उन्हें यह बात जानकर बहुत धक्का लगा है. उन्होंने कहा, "एक महान नेता से छुटकारा पाने के लिए ऐसा किया जाना बहुत बड़ा अपराध है." उन्होंने इस्राएल का नाम तो नहीं लिया लेकिन कहा कि परमाणु शक्ति बढ़ाने में लगा एक देश इसके लिए जिम्मेदार हो सकता है, "मैं किसी पर इल्जाम नहीं लगा सकती लेकिन कितने देशों के पास ऐसे परमाणु रिएक्टर हैं जो पोलोनियम बना सकते हैं?"

रेडियोएक्टिव तत्व यूरेनियम की रासायनिक प्रक्रिया के दैरान पोलोनियम बनता है. इस्राएल के पास नाभिकीय रिसर्च सेंटर है और माना जाता है कि उसके पास परमाणु हथियार भी है.

सुहा चाहती हैं कि उनकी मौत की जांच कर रही फलीस्तीनी समिति अब यह पता लगाए कि इस काम को अंजाम देने वाला असल व्यक्ति कौन था. समिति के पास भी यह रिपोर्ट भेजी गई है, लेकिन उन्होंने इस बारे में फिलहाल कुछ कहने से इंकार किया है. समिति के अध्यक्ष तौफीक तिरावी ने कहा कि दो दिन में इस मामले पर होने वाली कांफ्रेंस में बताया जाएगा कि आगे क्या किए जाने की योजना है. मामले को अंतरराष्ट्रीय अदालत में ले जाने की बात चल रही है.

Palästina Tod eines Gefangenen Rückkehr der Leiche nach Hebron
2004 में 75 साल की उम्र में अराफात की मौत हुई और तब उनकी मौत की वजह साफ नहीं हो पाई थी.तस्वीर: Hazem Bader/AFP/Getty Images

यासिर अराफात की मौत के समय इस्राएली सरकार के प्रवक्ता रहे रानान गिसिन ने दोहराया कि अराफात की मौत में इस्राएल का कोई हाथ नहीं. उन्होंने कहा, "यह सरकार का फैसला था कि अराफात को कोई हाथ भी ना लगाए, अगर उन्हें किसी ने जहर दिया तो यह उनके करीबी लोगों में से कोई रहा होगा."

2006 में रूस के पूर्व जासूस और वहां की सरकार के आलोचक आलेक्सांद्र लितविनेन्को की हत्या भी लंदन में रेडियोधर्मी पोलोनियम 210 से की गई थी. लंदन में वह एक रेस्तरां में चाय पी रहे थे और उनकी चाय में किसी ने पोलोनियम मिला दिया गया था. नवंबर 2004 में अराफात की मौत अचानक बीमार पड़ने से हुई, लेकिन उनकी मौत की वजह साफ पता नहीं चल पाई.

स्विट्जरलैंड में इस जांच में शामिल यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के प्रोफेसर डेरेक हिल ने बताया, अराफात के शरीर से लिए गए नमूनों में पोलोनियम का स्तर कहीं ऊंचा पाया गया है. यह एक बहुत बड़ा सबूत है. हिल के अनुसार पोलोनियम किसी को मारने के लिेए एक सटीक जहर है, क्योंकि जब तक आप इसके लिए अलग से जांच नहीं करेंगे आपको पता नहीं चलेगा. इस जांच के लिए विशेष उपकरणों और तरीकों की जरूरत होती है जो केवल बड़ी सरकारी प्रयोगशालाओं में ही होते हैं.

एसएफ/एनआर (रॉयटर्स, एपी)

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें