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बाल पोर्नोग्राफी के खिलाफ मुहिम

१८ नवम्बर २०१३

चाइल्ड पोर्नोग्राफी पर भारत की सर्वोच्च अदालत ने कड़ा रुख अपनाते हुए दूरसंचार विभाग को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने पूछा है कि बाल पोर्नोग्राफी को किस तरह से रोका जा सकता है. गूगल ने भी उठाए कदम.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

हाल ही में कनाडा के एक बाल पोर्नोग्राफी वेबसाइट पर पड़े छापे में पुलिस ने 341 लोगों को गिरफ्तार किया था. कई देशों में जांच के दौरान पुलिस ने सैकड़ों बच्चे शोषकों के कब्जे से छुड़ाए. इन दिनों दुनिया भर में बाल पोर्नोग्राफी एक ज्वलंत मुद्दा बना हुआ है. कई देशों में बाल पोर्नोग्राफी को रोकने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं. भारत की सर्वोच्च अदालत ने चाइल्ड पोर्नोग्राफी (बच्चों से जुड़े अश्लील चित्र, वीडियो) को रोकने के उपायों के लिए निर्देश देने संबंधी याचिका पर दूरसंचार विभाग से जवाब मांगा है. न्यायमूर्ति बीएस चौहान की बेंच ने पेशे से वकील इंदौर निवासी कमलेश वासवानी की याचिका की सुनवाई के दौरान दूरसंचार विभाग को नोटिस जारी करके जवाब मांगा है. कोर्ट ने विभाग से पूछा है कि पोर्नोग्राफी साइटों को किस तरह से ब्लॉक किया जा सकता है. कोर्ट ने संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया है. इसी मंत्रालय के तहत दूरसंचार विभाग आता है.

Computergeneriertes Kind Sweetie
कंप्यूटर पर एक लड़की के पात्र स्वीटी की मदद से एक हजार लोग पकड़े गएतस्वीर: picture-alliance/dpa

याचिकाकर्ता के वकील विजय पंजवानी ने दलील दी कि महिलाओं, बच्चे और लड़कियां के खिलाफ यौन अपराध के मामले अश्लील सामग्री देखने के बाद बढ़ रहे हैं. इससे पहले केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया था कि देश में पोर्न वेबसाइटों को रोकना मुश्किल काम है. इसके लिए सरकार ने कोर्ट से समय मांगा था ताकि अलग अलग मंत्रालयों से इस मुद्दे पर चर्चा की जा सके. पंजवानी के मुताबिक इंटरनेट कानून की गैरमौजूदगी में लोगों को पोर्न देखने से नहीं रोका जा सकता. उनके मुताबिक 20 करोड़ से ज्यादा पोर्न क्लिपिंग या पोर्न वीडियो बाजार में उपलब्ध है. याचिका में 16 दिसंबर 2012 के सामूहिक बलात्कार कांड का भी जिक्र किया गया जिसमें पारामेडिकल की छात्रा के साथ चलती बस में बलात्कार किया गया था. पीड़ित लड़की के साथ 6 लोगों ने गैंगरेप किया था जिसके बाद इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी.

गूगल ने ब्लॉक किया सर्च

बच्चों से जुड़े अश्लील वीडियो को लेकर हाल ही में कनाडा की एक कंपनी पर पड़े छापे से बड़ा खुलासा हुआ. कई देशों में पुलिस की तफ्तीश और छापों में कम से कम 386 बच्चे छुड़ाए गए थे. इसके अलावा 341 लोग भी गिरफ्तार हुए थे. इंटरनेट पर कोई रोक नहीं होने की वजह से बाल पोर्नोग्राफी तेजी से बढ़ रही है. अब गूगल ने कहा है कि उसने एक ऐसा सॉफ्टवेयर बनाया है जो बच्चों के यौन शोषण से जुड़ी सामग्री को लिंक करने वाली वेबसाइट को ब्लॉक कर देगा. गूगल के एक्जिक्यूटिव चेयरमैन एरिक श्मिट ने ब्रिटेन के अखबार डेली मेल में लिखा है कि गूगल और दूसरी इंटरनेट कंपनियां जैसे माइक्रोसॉफ्ट कानून बहाल रखने वाली एजेंसियां के साथ मिलकर काम कर रही है ताकि पीडोफाइलों को इंटरनेट पर गैरकानूनी तस्वीरें बांटने से रोका जाया जा सके. श्मिट कहते हैं कि कंपनी ने गूगल सर्च को मजबूत किया है जिससे नतीजों में बाल यौन शोषण से जुड़ी सामग्री नहीं सामने आए. श्मिट के मुताबिक बाल पोर्नोग्राफी से जुड़े एक लाख सर्च को गुगल ने बैन कर दिया है. साथ ही कहा है कि 150 भाषाओं में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसका वैश्विक प्रभाव हो.

एए/एनआर (पीटीआई, एपी)

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