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क्रैश के लिए पायलट जिम्मेदार

२० नवम्बर २०१३

रूस के विमान हादसे के लिए शुरुआती तौर पर पायलट को जिम्मेदार माना जा रहा है. अधिकारियों के मुताबिक लैंडिंग के दौरान विमान ज्यादा ऊंचाई पर था और पायलट ने खतरनाक ढंग से उसे उतारने की कोशिश की. हादसे में 50 लोगों की मौत.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

हादसे की जांच कर रहे अधिकारियों ने विमान के ब्लैक बॉक्स की रिकॉर्डिंग सुनने के बाद पहली बार प्रतिक्रिया दी है. अधिकारियों के मुताबिक यह बात कल्पना के परे है कि 700 मीटर की ऊंचाई पर पायलट ने खतरनाक ढंग से विमान को मोड़ने कोशिश क्यों की. मॉस्को से उड़ा टाटार्स्तान एयरलाइंस का बोइंग 737 विमान कजान एयरपोर्ट के पास ही क्रैश हुआ. सोमवार शाम हुए इस हादसे में विमान में सवार 44 यात्री और चालक दल के सभी छह सदस्य मारे गए.

जरूरत से ज्यादा ऊंचाई पर होने की वजह से विमान की पहली लैंडिंग की कोशिश नाकाम हुई. इसके बाद पायलट ने विमान को ऊपर उठाया और चंद पलों के भीतर दोबारा लैंडिंग की कोशिश की. इस कोशिश के दौरान विमान सीधा नाक के बल जमीन से टकरा गया और आग के गोले में बदल गया.

रूस की सरकारी एविएशन समिति ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा, "रफ्तार 150 नॉट से 125 नॉट (230.4 किमी प्रतिघंटा) करने के बाद चालक दल ने विमान को मोड़ना और नीचे करना शुरू किया, स्टीयरिंग कॉलम से विमान की नाक नीचे कर दी गई, इसका नतीजा यह हुआ कि विमान नीचे गिरता चला गया. विमान 450 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से जमीन से टकराया."

Flughafen Kasan Russland Flugzeugabsturz
एयरपोर्ट के पास ही हुआ हादसातस्वीर: picture-alliance/dpa

बदनाम रूस

सुरक्षित हवाई यात्रा के मामले में रूस बदनाम है. मंगलवार को घटनास्थल पर फूल चढ़ाते हुए लाइला सिबगाटुलीना ने कहा, "मैं ऐसे बहुत से लोगों को जानती हूं तो रूस में ऐसी छोटी एयरलाइंस के साथ नहीं उड़ना चाहते. वे घबराते हैं."

बीते पांच साल में ही रूस में चार बड़े विमान हादसे हुए हैं. इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के आंकड़ों के मुताबिक रूस में बाकी देशों के मुकाबले तीन गुना ज्यादा विमान हादसे होते हैं. रूसी शहर सोची में सात फरवरी से शुरू होने वाले विंटर ओलंपिक से पहले इस हादसे ने एक बार फिर लोगों की चिंता बढ़ा दी है. आंकड़ों के मुातबिक रूस के तीस फीसदी लोग अपने देश की एयरलाइन कंपनियों के साथ उड़ान भरने में घबराते हैं. पायलट रह चुके रूसी पत्रकार कारास कहते हैं, "दुनिया भर में होने वाले विमानों हादसों में से आधे इंसानी गलती के कारण होते हैं. रूस में गलती की वजह से होने वाले हादसे 80 फीसदी तक हैं."

लंबे वक्त तक यह कहा जाता रहा कि पुराने सोवियत विमानों की वजह से ये हादसे होते है. लेकिन अब बोइंग और एयरबस जैसे अत्याधुनिक विमानों के गिरने से कुछ और बातें सामने आ रही हैं. अपनी वेबसाइट में कारास कहते हैं कि रूस में सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होता रहता है.

ओएसजे/एनआर (रॉयटर्स, एएफपी)

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