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फुटबॉल का मैदान और ऊंची एड़ी के सैंडल

Goebel Nicole३ दिसम्बर २०१३

समीरा समी जर्मनी के फुटबॉल स्टेडियम में दिखने वाली पहली महिला नहीं है. हालांकि उनकी ऊंची एड़ी के सैंडल, सलीके के कपड़े और मेकअप जगह के हिसाब से थोड़े अटपटे जरूर लग सकते हैं. वह जर्मनी की एकलौती महिला प्लेयर एजेंट हैं.

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Samira Samii
तस्वीर: Salutation Sportives

छह भाषाएं बोलने की काबिलियत रखने वाली समी प्लेयर एजेंट के तौर पर काम करती हैं. वह प्रतिभाशाली खिलाड़ियों और क्लबों को आपस में मिलाती हैं. रईस ईरानी परिवार में जन्मीं समी अपने लिए ऐशो आराम भरा जीवन भी चुन सकती थीं, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

जर्मन फुटबॉल के लिए दुनिया में लोगों की दीवानगी देखने लायक है. जर्मन ना होने के बावजूद समी भी फुटबॉल की बड़ी शौकीन हैं. एक बार जब वह खेल के बारे में बात करना शुरू करती हैं तो उनके चेहरे पर अलग ही चमक होती है. वह कहती हैं, "शायद ही कोई और ऐसा खेल है जो आपको अपनी भावनाओं को महसूस करने, इन्हें बाहर निकालने, तनाव से मुक्त होने और चिंताओं को भूल जाने में इतना मदद करता है." वह आगे कहती हैं, "खासकर मेरे लिए ऐसे क्षेत्र में पैर जमाना जहां मर्दों का वर्चस्व है, बहुत रोमांचक है."

खुद की परख

जर्मनी में पेशेवर खिलाड़ियों के लिए करीब 140 लोग बतौर एजेंट काम करते हैं. 36 साल की समी इनमें एकलौती महिला हैं. जिन खिलाड़ियों के लिए वह काम कर रही हैं उनमें इन दिनों सबसे ज्यादा मशहूर हैं कई सालों से बुंडेसलीगा में खेल रहे खिलाड़ी सामी अल्लागी. समी जर्मनी के एक समाजसेवी संगठन 'पेर मेर्टेसैकर्स' के लिए भी राजदूत के तौर पर काम कर रही हैं. यह संस्था जर्मनी में जरूरतमंद बच्चों की मदद और युवाओं की खेल में दिलचस्पी बढ़ाने के लिए काम करती है. समी पूर्व बायर्न म्यूनिख खिलाड़ी और ज्यूरिख कोच सिरिआको स्फोर्जा की सलाहकार भी हैं. इसके अलावा वह जर्मनी के सबसे चर्चित खिलाड़ी लोथार माथेओस के साथ भी काम कर रही हैं. अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए समी कहती हैं, "शुरुआत में यह बहुत मुश्किल था. मुझे अपने रास्ते में बिछाई गई छोटी बड़ी हर मुश्किल को पार करना था."

शुरू शुरू में जर्मनी में क्लब अधिकारी, मैनेजर और दूसरे प्रतिद्वंद्वी एजेंट किसी तरह उनकी गलती निकालने में लगे रहते थे. समी ने बताया, "कई बार खेल से जुड़े किसी नियम के बारे में सवाल हो सकते थे या फिर इस बारे में कि कोई कोच किस तरह के लोगों को रखना पसंद करेगा." समी की पहले ईरानी फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान मेहदी माहदवीकिया से शादी हुई थी. इसलिए कई फुटबॉल खिलाड़ी उनके करीबी दोस्त भी हैं. इससे उन्हें काफी मदद मिलती है.

जान पहचान से मदद

उन्होंने बताया, "मैं फुटबॉल के दिग्गज अली दई को जमानों से जानती हूं. 1970 में अपने मजबूत हेडर्स के लिए मशहूर हुए हुसैन कलानी मेरे अंकल जैसे हैं." समी के पिता एक जाने माने नेत्र सर्जन हैं. उन्होंने बताया ईरान और मध्यपूर्व के कई मशहूर खिलाड़ियों ने उनसे अपना इलाज करवाया है. और अगर उनमें से किसी एक का नाम लेना हो तो नि:संदेह वह डिएगो मैराडोना का लेंगे. समी की मां इरानी राजपरिवार की वंशज हैं. खेल की दुनिया में जब एजेंट के तौर पर काम करना हो तो प्रचार प्रसार में इस तरह की जान पहचान के फायदे होते हैं. समी कहती हैं, "मेरे पारिवारिक संबंधों की वजह से मेरी खिलाड़ियों, स्पोर्ट क्लबों, अरब देशों और उनकी फुटबॉल फेडरेशनों के साथ अच्छी जान पहचान है." उन्हें जानने वाले फ्रांस, बेल्जियम, तुर्की, स्पेन और स्विट्जरलैंड में भी बहुत हैं.

भाषाओं का ज्ञान

समी अपने ज्यादातर क्लाइंट से ज्यादातर उनकी क्षेत्रीय भाषा में बात करती हैं. वह अंग्रेजी, जर्मन, फ्रेंच, फारसी, इटैलियन और स्पैनिश अच्छी तरह बोल सकती हैं. तेहरान में पैदा होने के बाद वह कनाडा और फ्रांस में बड़ी हुईं. उन्होंने जर्मनी और कनाडा में इंटरनेशनल टूरिज्म एंड स्पोर्ट्स मैनेजमेंट की पढ़ाई की. मार्केटिंग मैनेजर के रूप में उन्होंने जर्मनी में काम का अनुभव हासिल किया.

पारंपरिक कामों से अलग

समी की बहुसांस्कृतिक पृष्ठभूमि के कारण वह किसी भी तरह की परिस्थिति में खुद को आसानी से ढाल लेती हैं. वह जानती हैं कि अरब देशों और दक्षिण अमेरिका में अच्छे संबंध बनाने के लिए कितने धैर्य की जरूरत होती है. कई बार महिला होने के नाते उन्हें असहमति या विरोध जैसी परिस्थिति का भी सामना करना पड़ जाता है. इस क्षेत्र में काम करते हुए समी को अब तक अपने जैसा काम करती हुई दो ही महिलाएं मिली हैं, एक फ्रांस से और दूसरी सऊदी अरब से. जर्मनी में बुंडेसलीगा के लिए काम करते समय सामने आने वाली तमाम मुश्किलों के बावजूद वह कहीं और नहीं जाना चाहती हैं. वह बुंडेसलीगा में कुछ बहुत बड़ा करना चाहती हैं.उन्होंने कहा, "एक दिन अगर मैं बुंडेसलीगा की खेल निदेशक बन जाऊं, यह मेरे लिए किसी सपने के सच होने जैसा होगा."

रिपोर्ट: सारा वीर्ट्स/एसएफ

संपादन: एन रंजन

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