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अमेरिकी दूत को भारत का समन

१३ दिसम्बर २०१३

न्यू यॉर्क में एक वरिष्ठ भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी से नाराज भारत सरकार ने दिल्ली में अमेरिकी राजदूत को बुला भेजा. भारतीय राजनयिक को सार्वजनिक तौर पर गिरफ्तार किया गया और हथकड़ी पहनाई गई.

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तस्वीर: picture-alliance/landov

भारत के विदेश मंत्रालय ने इस पर भारी नाराजगी जताते हुए अमेरिकी राजदूत नैंसी पॉवेल को विदेश सचिव सुजाता सिंह से मुलाकात के लिए बुलाया. एक दिन पहले ही अमेरिका ने भारत की उप वाणिज्य दूत देवयानी खोबरागाडे को उस वक्त हिरासत में ले लिया, जब वह अपने बच्चों को स्कूल पहुंचा रही थीं.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा, "जिस तरीके से अमेरिका में उन्हें जबरदस्ती ले जाया गया है, हम बेहद हैरान और भौंचक्के हैं. वह अपने दायित्वों को पूरा कर रही थीं. एक भारतीय राजनयिक, एक महिला और दो बच्चों की मां के साथ इस तरह का व्यवहार स्वीकार नहीं किया जा सकता है."

हथकड़ी लगाई गई

भारतीय मीडिया की रिपोर्टों के मुताबिक न्यू यॉर्क में तैनात खोबरागाडे ने अपने घर में काम करने वाले एक नौकर के वीजा दस्तावेज में गलत जानकारी दी, जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया और सार्वजनिक तौर पर हथकड़ी पहना दी गई. बाद में उन्हें ढाई लाख अमेरिकी डॉलर के बांड पर छोड़ा गया. हालांकि अदालत में खोबरागाडे ने खुद को कसूरवार नहीं माना.

वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास का कहना है कि यह कार्रवाई "अधिकारी की पूर्व घरेलू कर्मचारी के आरोप के आधार पर हुई, जो अब भारत में रहती है." भारतीय दूतावास ने अपनी वेबसाइट पर जानकारी दी कि जून के बाद से वह कर्मचारी "गायब" है और दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही इस बारे में एक हुक्मनामा जारी कर चुका है.

तीसरा कानूनी मामला

न्यू यॉर्क में किसी वरिष्ठ भारतीय अधिकारी के खिलाफ यह तीसरा कानूनी मामला है. दो साल पहले प्रमुख वाणिज्य दूत प्रभु दयाल के घर काम करने वाले एक कर्माचारी ने आरोप लगाया कि उनसे जबरन काम कराया गया. फरवरी, 2012 में भारतीय कर्मचारी शांति गुरुंग ने नीना मल्होत्रा नाम की अधिकारी के खिलाफ केस जीता.

खोबरागाडे के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अकबरुद्दीन ने कहा, "इसका कानूनी पक्ष अलग है. लेकिन युवा महिला अधिकारी के साथ जो हुआ, उसे न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता है." यह पूछे जाने पर कि क्या खोबरागाडे ने वीजा के लिए फर्जी दस्तावेज इस्तेमाल किए, अकबरुद्दीन ने कहा कि इस बात से भी उनके खिलाफ कार्रवाई को सही नहीं ठहराया जा सकता है, "इसकी वजह से अमेरिकी अधिकारियों के पास इस बात का अधिकार नहीं कि अपने दायित्वों को निभा रही भारतीय अधिकारी को गिरफ्तार किया जाए. हमें इस बात का विश्वास है कि हम अपने पक्ष को न्यायोचित ठहरा पाएंगे."

एजेए/ओएसजे (एएफपी, पीटीआई)

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