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मंथन 67 में खास

१८ दिसम्बर २०१३

दुनिया भर में ढाई लाख लोगों की हर साल नशीली दवाओँ की वजह से जान जाती है. कस्टम अधिकारियों की कोशिशों के बाद भी पानी के रास्ते ड्रग्स की तस्करी होती है. बंदरगाहों पर इसे कैसे रोका जाता है, जानिए मंथन में.

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Symbolbild Sucht Drogen Kokain Koks
तस्वीर: Fotolia/NatUlrich

कोको शनैल, एल्विस प्रेस्ले और एमी वाइनहाउस जैसी मशहूर हस्तियां नशे की बुरी लत के कारण अपनी जान गंवा बैठी. सबसे ज्यादा तस्करी चरस और गांजे की होती है. इसके बाद नंबर आता है कोकीन या फिर कोक का. एयरपोर्ट पर, बंदरगाहों पर कस्टम अफसरों को बहुत चौकस रहना पड़ता है क्योंकि सफेद रंग का ये पाउडर कई चीजों में मिला कर छिपा दी जाती है और तब होती है तस्करी. मंथन में जानिए कि पुलिस कैसे इसे पकड़ती है. तस्करी को रोकने के लिए और सुरक्षा के लिए एयरपोर्ट्स पर एक्स रे या स्कैनिंग मशीन भी होती हैं, जो आपके सूटकेस के अंदर झांक कर देख सकती हैं. मशीन एक्स रे लेती है ये बात तो समझ आती है, पर मशीन का ही एक्स रे कैसा होगा, ये जानने के लिए ले मंथन में ले चलेंगे आपको बार्सिलोना. ऐसे अनोखे एक एक्स रे प्रिंट की कीमत करीब 3,000 यूरो है.

ईंधन बनाने के लिए कच्चा तेल या तो खाड़ी के देशों से आता है या फिर रूस से. भारत और अमेरिका कच्चे तेल का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करने वाले देशों में से हैं, लेकिन इन दोनों ही देशों में तेल के इतने कुएं हैं कि वे पूरी तरह दूसरे देशों पर निर्भर नहीं करते. हालांकि यूरोप का हाल ऐसा नहीं है. जर्मनी अब अपनी जमीन के नीचे तेल की खोज में लगा है. विशालकाय वायब्रेटिंग मशीनें धरती में साढ़े तीन किलोमीटर गहराई तक कंपन पैदा करती हैं और तेल का पता लगाती हैं.

इसके अलावा दिखाएंगे आपको कि सिंगापुर में किस तरह से जर्मन तकनीक के वाटर फिल्टर सिस्टम तैयार किए जा रहे हैं. इस फिल्टर में फाइबर की कई डोरियां पानी को साफ करने का काम करती हैं. साथ ही ले चलेंगे आपको इंगलैंड जहां ब्रिटिश आर्किटेक्ट एलेक्स चिनेक अपनी कला के जरिए शहरों को नई शक्ल दे रहे हैं.

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