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बेरोजगारी में बना डाला ऐप

२८ दिसम्बर २०१३

नौकरी छूटने के बाद न्यूयॉर्क की सड़कों पर आ गए लेओनार्डो लिओ ग्रैंड को तकदीर ने मिलवाया मैक कोंलोग से और एक छोटे से आइडिया ने सब कुछ बदल कर रख दिया.

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Leonardo Grand Obdachloser New York App-Entwickler
तस्वीर: journeymancourse.com/treesforcars

एक बीमा कंपनी में नौकरी चले जाने के बाद ग्रैंड बेघर हो गए. उन्होंने बताया, "मैं जहां रह रहा था नौकरी जाने के बाद वहां का किराया नहीं चुका सकता था. किराया जैसे आसमान छूने लगा और मुझे बाहर निकाल दिया गया." वह कुछ दिन शहर में बेघरों के लिए सरकारी इंतजाम में रहे लेकिन बहुत दिन उनका दिल लगा नहीं और वह वहां से चले गए.

इस बीच उन्होंने तय किया कि वह कुछ ऐसा करेंगे जो करने का उन्हें पहले मौका नहीं मिला. कई दिनों तक वह मैक के सारे उत्पादों को समझने के लिए एक कंप्यूटर स्टोर पर समय बिताते रहे. साथ में उनके दिमाग में जो एक और बात चल रही थी, वह यह थी कि पर्यावरण की रक्षा कैसे की जाए.

उन्होंने बताया, "मध्य पश्चिम और कैलिफोर्निया में गर्मी और सूखे की वजह से ग्लोबल वॉर्मिंग मेरे लिए बड़ा मुद्दा बन गया था. जाहिर है वहां हवा में बहुत कार्बन डाइऑक्साइड है. जीवन के आधुनिकीकरण के साथ ग्लोबन वॉर्मिंग की भी रफ्तार बढ़ती जा रही है."

किस्मत से मिले

यह किस्मत की ही बात थी कि ग्रैंड की मुलाकात 23 साल के कोंलोग से हुई जो कंप्यूटर प्रोग्रामर हैं. कोंलोग को ग्रैंड पहली नजर में ही अच्छे लग गए जब उन्होंने उन्हें सड़क पर देखा. उन्होंने बताया कि ग्रैंड को सड़क पर कसरत करते देख कर लगा कि वह कुछ करना चाहता है और आसानी से मैदान नहीं छोड़ेंगे. अगले दिन कोंलोग ने ग्रैंड को ढूंढकर उनके सामने एक प्रस्ताव रखा, "या तो 100 डॉलर लेलो या फिर सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग और ऐप कोडिंग में मुझसे ट्रेनिंग लो." ग्रैंड को पहले तो यकीन नहीं हुआ कि यह प्रस्ताव असली था. लेकन फिर उन्होंने कोंलोग को अपना गुरू बना लिया. वह हंसते हुए कहते हैं, "अगले दिन वह लौपटॉप लेकर हाजिर हो गया और यहीं से लिखी गई नई कहानी."

मैक कोंलोग ने ग्रैंड को एक सस्ता लैपटॉप और कंप्यूट कोडिंग पर तीन किताबें दीं. हर सुबह काम पर जाने से पहले वह ग्रैंड से एक पार्क में मिलता और एक घंटे तक उन्हें ट्रेनिंग देता. इसके बाद कोंलोग काम पर चला जाता और ग्रैंड का काम होता खुद पढ़ाई करना.

Leonardo Grand Obdachloser New York App-Entwickler
लेओनार्डो लिओ ग्रैंड और मैक कोंलोगतस्वीर: journeymancourse.com/treesforcars

पहला ऐप पर्यावरण के नाम

खेल खेल में शुरू हुआ यह ट्रेनिंग कोर्स आगे बढ़ता रहा. अंत में मेहनत का फल मिला. ग्रैंड ने हाल ही में बाजार को दिया अपना पहला ऐप 'ट्रीज फॉर कार्स'. इसकी मदद से वे लोग एक दूसरे को ढूंढ सकते हैं जो कार पूल या एक ही सफर पर किसी के साथ कार यात्रा में साझा करना चाहते हैं.

ग्रैंड ने कहा, "जब लोग कार पूलिंग करते हैं तो सड़क पर कारों की संख्या कम होती है." ट्रीज फॉर कार्स के लिए ग्रैंड ने 3,621 लाइनों का कोड मैक कोंलोग की मदद से लिखा. ग्रैंड कहते हैं, "पर्यावरण संरक्षण के नाम पर आप अपने पड़ोसी की गाड़ी चला सकते हैं, उनके पेट्रोल के पैसे बचा सकते हैं, उनकी गाड़ी में सवार हो सकते हैं और अपनी जान पहचान भी बढ़ा सकते हैं"

रिलीज के पांच दिनों के अंदर ही ट्रीज फॉर कार्स ऐप डाउनलोडिंग के चार्ट में पांचवे स्थान पर पहुंच गया. मैक कोंलोग कहते हैं, "ग्रैंड की कामयाबी रातोरात नहीं आई है, उसने इसके लिए दिन रात मेहनत की है."

शोहरत और दोस्ती

दुनिया भर में न सिर्फ ऐप की बल्कि उनकी दोस्ती की भी कहानी मशहूर हो रही है. कोंलोग कहते हैं, "जब हम दूसरे दिन मिले एक बात जो मैंने बहुत साफ कर दी थी, वह यह कि यह किसी तरह का परोपकार नहीं है. मैंने कहा, हम सिर्फ इतना कर रहे हैं कि हम सिलिकॉन वैली की ताकत तुम तक लाने की कोशिश कर रहे हैं. अब तुम इस ऐप की मदद से क्या करते हो यह तुम्हारे ऊपर है."

ग्रैंड ने 'ट्रीज फॉर कार्स 2' बनाने का भी इरादा कर लिया है. उन्होंने कहा, "अगर आपकी गाड़ी में तीन या उससे अधिक यात्री हैं, तो आप किसी भी पेट्रोल पंप से मुफ्त पेट्रोल कार्ड ले सकेंगे." इस कामयाबी के बाद भी अभी ग्रैंड का ध्यान अपने लिए छत जुटाने की तरफ नहीं गया है, वह अभी भी टेंट में रह रहे हैं, "पर्यावरण प्रेमी होने के नाते मैं अपने आपको बेघर महसूस नहीं करता."

रिपोर्ट: कैविन बेली/एसएफ

संपादन: ईशा भाटिया

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