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बांग्लादेश में तनाव बरकरार

३० दिसम्बर २०१३

ढाका में सरकार विरोधी रैली को रोके जाने के बाद सोमवार को भी माहौल में तनाव बरकरार रहा. रविवार को रैली की अध्यक्षता करने जा रहीं पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के घर की घेराबंदी कर पुलिस ने उन्हें रैली करने से रोका.

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तस्वीर: MUNIR UZ ZAMAN/AFP/Getty Images

विपक्ष की मांग है कि पांच जनवरी को होने वाले चुनाव रोके जाएं और एक कार्यवाहक सरकार की देख रेख में मतदान कराए जाएं. इसी सिलसिले में यह रैली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की नेता बेगम खालिदा जिया के नेतृत्व में रविवार को आयोजित की जानी थी. लेकिन जिया के घर के बाहर पुलिस बैरिकेड लगा दिए गए और बालू के ट्रक खड़े कर दिए गए जिससे वह अपनी कार तक भी नहीं पहुंच सकीं.

इसके बाद पुलिस और विपक्ष के समर्थकों के बीच हुए संघर्ष में एक व्यक्ति के मारे जाने की खबर है. वहां मौजूद लोगों ने बताया कि संघर्ष में दर्जनों लोग जख्मी हुए. इस बीच सोमवार भी ढाका में सार्वजनिक परिवहन पूरी तरह ठप रहा.

जिया ने सरकार के इस कदम की कड़ी आलोचना की और कहा कि जब तक सरकार चुनाव नहीं रोकेगी विरोध जारी रहेगा. जिया की पार्टी ने अपने समर्थकों से कहा कि वे देश भर में सड़क, रेल और जलमार्ग जाम कर दें.

पांच जनवरी को होने वाले आम चुनाव के विरोध में शुक्रवार से 650 लोग हिरासत में लिए जा चुके हैं. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोग उनके समर्थक हैं. लेकिन पुलिस का कहना है ये सभी तोड़फोड़ और दूसरे आरोपों में हिरासत में लिए गए हैं.

बांग्लादेश की प्रधानंमत्री शेख हसीना विपक्ष की मांग ठुकराती आई हैं और अपनी सरकार की निगरानी में चुनाव के फैसले पर टिकी हैं. रविवार को होने वाली रैली को विपक्ष की तरफ से चुनाव रोकने की आखरी कोशिश के रूप में देखा जा रहा था, लेकिन सरकार के सख्त रवैये के चलते रैली को कामयाबी नहीं मिल सकी.

बांग्लादेश में अक्टूबर से जारी सरकार विरोधी हिंसा में अब तक करीब 150 लोग मारे जा चुके हैं. जिया की अध्यक्षता में विपक्षी पार्टियां हसीना के इस्तीफे की मांग कर रही हैं. जबकि हसीना का आरोप है कि जिया 1971 के संघर्ष के युद्ध अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रही हैं. बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी का साथ दे रही पार्टी जमात ए इस्लामी की मांग है कि युद्ध अपराध के आरोप में चलाए जा रहे मुकदमे रोके जाएं. जिया का कहना है हसीना द्वारा शुरू किए गए मुकदमे विपक्ष को कमजोर करने की राजनीति से प्रेरित हैं. जमात ए इस्लामी के चुनाव में हिस्सा लेने पर प्रतिबंध लगा है.

बांग्लादेश में जारी राजनीतिक संघर्ष से वहां के लोग काफी नाराज हैं. मीडिया ने भी इस पर सवाल उठाए हैं. ढाका से प्रकाशित होने वाले डेली स्टार ने संपादकीय लिखा है, "पिछले कई हफ्तों में बहुत खून बह गया. हम इस खून खराबे को रोके जाने की मांग करते हैं."

एसएफ/एजेए (एपी, एएफपी)

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