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तीसरा कार्यकाल नहीं

३ जनवरी २०१४

भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह लोकसभा चुनाव के बाद पद से हट जाएंगे. भ्रष्टाचार और महंगाई में फंसी सरकार के मुखिया ने मोदी पर भी निशाना कसा और कहा कि अगर वे पीएम बने, तो देश के लिए "विनाशकारी" होगा.

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Manmohan Singh
तस्वीर: UNI/ASHISH KAR

दस साल में तीसरी बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे मनमोहन सिंह ने अपने शब्दों को बेहद किफायत से इस्तेमाल किया और ज्यादातर सवालों के जवाब एक या दो वाक्यों में दिए. लेकिन बड़ी साफगोई से इस बात को कह गए कि वह तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे, "कुछ महीनों बाद, आम चुनाव के बाद मैं यह जिम्मेदारी अगले प्रधानमंत्री को सौंप दूंगा." इसके बाद उनके राजनीतिक संन्यास के चर्चे शुरू हो गए. हालांकि इस मुद्दे पर जब उनसे खास तौर पर पूछा गया कि क्या वे "चुनाव के बाद अपने पोते पोतियों के साथ खेलेंगे" तो उन्होंने कहा कि उन्होंने अभी इस पर विचार नहीं किया है और इसके लिए "बहुत वक्त बाकी है".

राहुल से आशा

81 साल के मनमोहन सिंह ने कांग्रेस पार्टी की जिम्मेदारी 43 साल के राहुल गांधी के भरोसे करने का संकेत दिया. हालांकि राहुल के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के सवालों को टाल गए, "हमारी पार्टी की अध्यक्ष कह चुकी हैं कि इस मामले में सही वक्त पर फैसला किया जाएगा." कयास लगाए जा रहे हैं कि 17 जनवरी से कांग्रेस का अधिवेशन शुरू हो रहा है और इस दौरान ही प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार का एलान किया जा सकता है. सिंह ने कहा, "राहुल गांधी में गजब की क्षमता है. मैं उम्मीद करता हूं कि हमारी पार्टी सही वक्त पर इस सिलसिले में फैसला लेगी." उन्होंने हाल के विधानसभा चुनाव के नतीजों को स्वीकार करते हुए कहा, "हमारी पार्टी ने हाल के चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया है लेकिन हम नतीजों का स्वागत करते हैं. हम इनसे सबक लेंगे."

Manmohan Singh
मोदी पर भी साधा मनमोहन ने निशानातस्वीर: UNI/ASHISH KAR

मोदी से विनाश

पिछले साल पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस को जिस तरह पराजय का सामना करना पड़ा है, उसके बाद इस साल उसके चुनावों में जीतने की संभावना बहुत कम है. प्रमुख विपक्षी पार्टी बीजेपी ने गुजरात दंगों में आरोपों के घेरे में आए नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है. इस मुद्दे पर पूछे गए एक सवाल पर सिंह ने कहा, "यह देश के लिए विनाशकारी होगा कि नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बनते हैं." उन्होंने कहा कि "अहमदाबाद की सड़कों पर मासूम लोगों का नरसंहार" हुआ. 2002 में गुजरात दंगों में करीब 2000 लोग मारे गए थे, जिनमें से ज्यादातर मुसलमान थे. हालांकि इसके बाद से लगातार तीन बार नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री चुने जाते रहे हैं. 64 साल के मोदी को बीजेपी ने इस बार भारत के प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में सिंह ने 1984 के सिख विरोधी दंगों की भी बात की, "मैंने खुद सार्वजनिक तौर पर सिख समुदाय से सरकार की तरफ से माफी मांगी है. जो 1984 में हुआ, वह कभी नहीं होना चाहिए था."

यूपीए 1 के मामले

भ्रष्टाचार से जुड़े मुद्दों पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जवाब दिया कि "ज्यादातर भ्रष्टाचार के मामले यूपीए 1 के दौर के हैं लेकिन इसके बाद भी जनता ने यूपीए 2 को सरकार बनाने की जिम्मेदारी दी." कॉमनवेल्थ खेलों से लेकर टेलीकॉम घोटाला तक यूपीए 2 के दौर में सामने आया लेकिन यह बात सही है कि इनकी बुनियाद पहले ही रखी जा चुकी थी. क्या कभी भ्रष्टाचार के मुद्दे पर उन्हें इस्तीफा देने का मन नहीं किया, इस सवाल पर मनमोहन सिंह ने कहा, "किसी ने मुझसे इसलिए इस्तीफा नहीं मांगा है कि प्रधानमंत्री के तौर पर मैं अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाया."

स्थापित वित्त विशेषज्ञ मनमोहन सिंह ने सबसे साफगोई से वित्तीय सवालों का जवाब दिया और कहा कि भारत के आर्थिक विकास का सीधा संबंध वैश्विक मंदी और यूरो मुद्रा अपनाने वाले देशों की खराब हालत से जुड़ा है. हालांकि उनके कार्यकाल के साढ़े नौ साल के दौरान भारत का आर्थिक विकास सबसे तेज रहा है.

एक घंटे से ज्यादा चली प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आम तौर पर अंग्रेजी में जवाब दिए, जबकि बीच बीच में एकाध बार हिन्दी उर्दू भी कहा. वे चुप क्यों रहते हैं, इस पर उनका जवाब था, "जहां तक बोलने का सवाल है, मैं पार्टी फोरम पर बोलता रहा हूं और आगे भी बोलूंगा."

एजेए/एमजे (रॉयटर्स, एएफपी)

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