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आरिएल शरोन ने अंतिम सांस ली

११ जनवरी २०१४

इस्राएल के विवादित पूर्व प्रधानमंत्री आरिएल शरोन की मौत हो गई है. आठ साल पहले शरोन को दिल का दौरा पड़ा था जिसके बाद से वह अब तक कोमा में थे.

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

शरोन के अस्पताल ने शनिवार को एक बयान में कहा, "शीबा मेडिकल सेंटर बड़े दुख के साथ एलान करता है कि आरिएल शरोन की मौत हो गई है." शीबा मेडिकल सेंटर के प्रवक्ता श्लोमो नॉय ने कहा कि इलाज के दौरान शरोन लगभग पूरे वक्त बेहोश थे और उनकी शारीरिक हालत भी बहुत स्थिर नहीं थी. "उनका दिल आज अचानक कमजोर हो गया और वह शांतिपूर्ण तरीके से अपने परिवार को विदा हो गए."

शरोन की उम्र 85 साल की थी. पिछले हफ्ते उनकी हालत अचानक और खराब होने के बाद डॉक्टरों ने कहा था कि वह शरोन को बचा नहीं पाएंगे. इस्राएली सरकार के प्रतिनिधियों और विपक्ष के नेताओं ने शरोन की मौत पर दुख जताया है. रणनीतिक मामलों के मंत्री युवल श्टाइनित्स ने कहा, "इस्राएल ने आज एक अहम व्यक्ति, एक बड़े नेता और एक निडर योद्धा को खोया है."

फलीस्तीन में खुशी

Historische Nahostgespräche 2001 Scharon israelischer Premier
तस्वीर: AP

फलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास की तरफ से अब तक कोई औपचारिक बयान जारी नहीं हुआ है लेकिन फतह के वरिष्ठ नेता जिबरील रजूब ने कहा है कि शरोन एक अपराधी थे और फलीस्तीनी राष्ट्रपति यासेर अराफात की मौत के जिम्मेदार थे. गजा में हमास के नेताओं ने भी शरोन की मौत पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि शारोन के जाने के बाद उन्हें अपनी जीत पर और विश्वास हो गया है.

हमास नेताओं का कहना है कि शरोन की वजह से गजा में बहुत सारे फलीस्तीनी लोगों का खून बहा. शरोन के सत्ता से हटने के बाद हमास ने गजा में अपना नियंत्रण और पक्का कर लिया है.

'अरिक' को अलविदा

Israels ehemaliger Ministerpräsident Ariel Sharon
तस्वीर: Getty Images

इस्राएल के नागरिक शरोन को प्यार से अरिक बुलाते थे. शरोन को उनकी राजनीति में तीन मुख्य चरणों के लिए जाना जाता है. वह पहले सेना में थे और 1973 में मिस्र और सीरिया के साथ युद्ध में उनकी भूमिका को सराहा गया. इसके बाद वह राजनीति में आए और पश्चिम तट में इस्राएली बस्तियों और लेबनान पर हमले की योजना बनाई. उसके बाद वह प्रधानमंत्री बने और 2005 में गजा पट्टी से अपनी सेना को वापस बुलवाया. शरोन को शक था कि फलीस्तीनियों के साथ बातचीत से फर्क नहीं पड़ेगा और वह गजा पट्टी से सेना हटाकर विवाद को कम करना चाहते थे. इसी दौरान उन्होंने पश्चिम तट में एक बड़ा सा बैरियर बनवाना शुरू किया. शरोन ने फिर दक्षिणपंथी लिकुद पार्टी को छोड़ा और कदीमा नाम की पार्टी का गठन किया. वे तीसरी बार प्रधानमंत्री पद के लिए लड़ रहे थे लेकिन इसी दौरान उन्हें दिल का दौरा पड़ा.

एमजी/एमजे(एएफपी, एपी, रॉयटर्स)

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