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जेल में रहने का भरना होगा किराया

१४ जनवरी २०१४

नीदरलैंड्स में इस बात पर चर्चा चल रही है कि क्या कैदियों को जेल की कोठरी का किराया भरना चाहिए. सोमवार को पेश किए गए एक विधेयक में यही मांग की गयी है.

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तस्वीर: Cmon - Fotolia.com

यह विधेयक नीदरलैंड्स के उप न्याय मंत्री फ्रेड टीवेन ने पेश किया है. समाचार एजेंसी एएफपी से बात करते हुए मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "उप न्याय मंत्री का मानना है कि अपराधियों को अपनी कैद के दौरान खर्च का कुछ हिस्सा चुकाना चाहिए." विधेयक को अभी संसद के दोनों सदनों से गुजरना होगा. अगर इसे मंजूरी मिल जाती है तो कैदी वैसे ही किराया चुकाया करेंगे जैसे लोग आम तौर पर घर का किराया देते हैं. प्रवक्ता वीबे आलकेमा ने कहा, "उनका मानना है कि अगर किसी को बंदी बनाया गया है तो उचित यही होगा कि सरकार पर खर्चे का सारा बोझ ना डाला जाए."

एक कैदी पर प्रति दिन डच सरकार के 250 यूरो खर्च होते हैं. यदि विधेयक पारित हो जाता है तो कैदियों को रोज के 16 यूरो जमा करने होंगे यानि महीने का करीब 500 यूरो. कैदियों को यह राशि अधिकतम दो साल तक जमा करनी होगी. मंजूरी के बाद 1 जनवरी 2015 से यह कानून लागू किया जाएगा.

कैदी उठाएंगे जांच का खर्च

इसके अलावा एक ऐसे बिल पर भी चर्चा चल रही है जिसके अनुसार कैदियों को पुलिस तहकीकात का खर्च भी खुद ही उठाना होगा. नीदरलैंड्स की जेलों में 12,100 कैदी हैं. इन दोनों कानूनों से सरकार को सालाना 6.5 करोड़ यूरो की आमदनी होने की उम्मीद है. बजट में कटौती के कारण पिछले साल देश में 19 जेलों को बंद करना पड़ा था जिस कारण दो हजार लोगों की नौकरियां चली गयीं.

नीदरलैंड्स पहला ऐसा देश नहीं है जहां इस तरह के कानून बनने जा रहे हैं. आलकेमा ने कहा कि प्रस्तावित कानून बाकी देशों से मिलता जुलता है जहां "कैदियों को किसी ना किसी रूप में खर्च उठाना ही पड़ता है, भले ही वह हिरासत में लिए जाने पर हुआ खर्च हो या फिर कैद में रहने का."

वहीं कैदियों के हितों के लिए काम करने वाली संस्था बीडब्ल्यूओ ने आरोप लगाया है कि यह योजना मानवाधिकारों के खिलाफ है. उनका कहना है कि यूरोपीय कानूनों के अनुसार सरकार को ही कैदियों का खर्च उठाना होता है. बीडब्ल्यूओ के अध्यक्ष पीटर फ्लीमिंग ने समाचार एजेंसी एएफपी से कहा, "उप मंत्री चाहते हैं कि कैदी दो साल तक किराया चुकाते रहें, इसका मतलब हुआ कुल करीब 12,000 यूरो."

फ्लीमिंग का कहना है कि अपराध को रोकने का यह सही तरीका नहीं है, "अब आप यह चाहते हैं कि एक कैदी, जिसके पास कोई पैसा नहीं है, जिसने जेल में अपना सब कुछ खो दिया है, वह जब कैद से निकल कर बाहर जाए तब वह इस कर्ज में डूबा हुआ हो?"

आईबी/एमजे (एएफपी)

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