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कीव में हिंसक झड़प

२० जनवरी २०१४

यूक्रेन की राजधानी कीव में हिंसा पर उतारू प्रदर्शनकारियों ने रविवार रात कई बसों में आग लगा दी. फुटपाथ पर लगे पत्थर निकाल कर पुलिस पर पथराव किया गया. जवाब में पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे.

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तस्वीर: picture-alliance/AP Photo

कीव में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस घेरा तोड़कर सरकारी इमारतों में घुसने की कोशिश की है. इस दौरान प्रदर्शनकारियों के हाथ जो लगा उन्होंने उसे हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया. हिंसा पर उतारू लोगों ने बोतल बम का इस्तेमाल किया. हाथों में बेसबॉल बैट, लाठी और चेन से लैस प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों के बाहर तैनात सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने की कोशिश की. हमला करने के बाद प्रदर्शनकारी थोड़ा पीछे हट जाते और फिर थोड़ी देर बाद नई योजना के साथ सुरक्षाकर्मियों से भिड़ते. ऐसा करीब 10 घंटे तक चलता रहा. रविवार रात कीव में अफरा तफरी का माहौल था.

दर्जनों लोग जख्मी

कीव में जारी दो महीने से प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले मुख्य विपक्षी नेता ने इस तरह की हिंसा का समर्थन नहीं किया है. कुछ प्रदर्शनकारी आंसू गैस के गोले से बचने के लिए सोवियत संघ के युग वाले गैस मास्क पहने नजर आए. आंतरिक मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि वह इस प्रदर्शन को लगातार वीडियो कैमरे की मदद से रिकॉर्डिंग कर रहा है. प्रदर्शनकारियों ने इससे बचने के लिए अपने चेहरे पर स्कार्फ और रूमाल बांधे हुए थे. कीव के प्रतिष्ठित फुटबॉल स्टेडियम के बाहर मौजूद हजारों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और सरकार विरोधी नारे लगाए. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की पांच बसों और दो ट्रकों में आग लगा दी. पुलिस के मुताबिक इनमें से एक बस पूरी तरह से खाक हो गई. करीब 10 घंटे तक चली झड़प में पुलिस को उस वक्त प्रदर्शनकारियों को काबू पाने में थोड़ी सफलता मिली जब उन्होंने पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया लेकिन इसके बावजूद प्रदर्शनकारी तटस्थ नजर आए. दो महीने से जारी विरोध प्रदर्शन में पुलिस ने पहली बार रबड़ की गोलियों का भी इस्तेमाल किया. लोगों का कहना है कि इस कारण दर्जनों लोग जख्मी हुए हैं.

Proteste in Kiew 20.01.2014
पुलिस के साथ प्रदर्शनकारियों की तीखी झड़पतस्वीर: picture-alliance/dpa

क्यों हो रहे हैं प्रदर्शन?

राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच की सरकार यूरोपीय संघ के साथ मुक्त व्यापार समझौता नहीं करना चाहती, जिसके विरोध में वहां प्रदर्शन जारी है. प्रदर्शनकारियों का मानना है कि सरकार ने रूस के दबाव में आकर इस समझौते से हाथ खींच लिए. यूक्रेन में विपक्ष चाहता है कि राष्ट्रपति यानुकोविच अपने पद से हट जाएं और चुनाव कराए जाएं. वहीं सरकार ने विपक्ष के कुछ नेताओं पर लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने और सत्ता पलट के लिए उकसाए जाने के मामलों की जांच शुरू कर दी है. 2004 की ऑरेंज क्रांति के बाद यह देश के इतिहास में सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन है.

एए/आईबी (एएफपी, रायटर्स)