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सीरिया सम्मेलन से बाहर ईरान

२१ जनवरी २०१४

स्विट्जरलैंड के मोंत्रोए में सीरिया मुद्दे पर होने वाले सम्मेलन के लिए ईरान से आमंत्रण वापस ले लिया गया है. सीरिया में अंतरिम सरकार बनाने की बात पर ईरान द्वारा असहमति जताए जाने पर संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने यह फैसला लिया

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तस्वीर: picture alliance/Zumapress.com

शुक्रवार को जेनेवा में सीरिया सरकार और विपक्ष के बीच शांति वार्ता शुरू होनी है. उससे पहले बुधवार को मोंत्रोए शहर में सीरिया में शांति स्थापना के लिए एक सम्मेलन आयोजित हो रहा है जिसमें करीब 40 देश हिस्सा लेंगे. इसे सीरिया में शांति बहाली के लिए अब तक के सबसे बड़े राजनयिक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है. सीरियाई विपक्ष इसी हफ्ते शांति वार्ता के लिए तैयार हुआ है.

30 जून 2012 को जेनेवा में हुए सम्मेलन में अमेरिका और विश्व के अन्य प्रमुख पश्चिमी देशों ने सीरिया में अंतरिम सरकार लाने की साझा घोषणा को स्वीकृति दी थी. अब शांति वार्ता में भी संयुक्त राष्ट्र उसी मुद्दे पर जोर देना चाहता है. सोमवार को जारी औपचारिक बयान में ईरान ने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया जिसके बाद उसको भेजा गया आमंत्रण रद्द कर दिया गया.

सीरियाई विपक्ष के शांति वार्ता के लिए तैयार हो जाने के बाद संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून की ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ से हुई बात हुई. इस बातचीत में ईरान ने इस बात का आश्वासन दिया कि सीरिया में तीन साल से जारी गृह युद्ध को रोकने के प्रयास में वह 'सकारात्मक और रचनात्नक' भूमिका निभाएगा. इसके बाद मून ने उन्हें सम्मेलन में शामिल होने का न्योता दिया था. लेकिन इस आमंत्रण को 24 घंटों के अंदर ही वापस ले लिया गया.

असद का दावा

संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा है कि जरीफ ने बार बार उन्हें इस बात का आश्वासन दिया था कि वह समझते हैं कि शांति वार्ता का मकसद सीरिया में अंतरिम सरकार की स्थापना करना है और वह इसका समर्थन करते हैं. संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता मार्टिन नेसिर्की ने कहा, "ईरान के औपचारिक बयान से महासचिव बेहद निराश हैं, जो दिखाता है कि ईरान अपने वादे पर अटल नहीं है." नेसिर्की ने आगे कहा कि बान की मून ने तय किया है कि अब मोंत्रोए का एक दिवसीय सम्मेलन ईरान के बगैर ही होगा.

हालांकि इस हफ्ते एएफपी को दिए एक इंटरव्यू में सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद ने सत्ता बांटने के समझौते की बात से इनकार किया है. उन्होंने कहा कि शांति वार्ता का मुख्य बिंदु आतंकवाद के खिलाफ उनकी लड़ाई पर होना चाहिए. असद ने इस संभावना से भी इनकार किया कि विपक्ष विदेशी ताकतों द्वारा खड़ा किया गया है. उन्होंने दावा किया कि उन्हें राष्ट्रपति के रूप में जून में दोबारा सत्ता में आने से कोई नहीं रोक सकता.

विपक्ष बातचीत को राजी

ईरान के सम्मेलन से बाहर हो जाने की बात के बाद प्रमुख सीरियाई विपक्ष ने इस बात की पुष्टि की है कि वह शांति वार्ता में हिस्सा लेगा. पिछले हफ्ते अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी ने भी विपक्ष से अपील की थी कि वे तीन साल से सीरिया में जारी हिंसा को रोकने और देश में शांति लाने के लिए इस वार्ता में शामिल हों, जिसके बाद विपक्ष ने सहमति जताई थी. लेकिन ईरान को भेजे गए आमंत्रण के बाद विपक्ष ने कहा था कि अगर ईरान सम्मेलन में शामिल होगा तो वह शांति वार्ता से पीछे हट जाएगा. ईरान असद सरकार को आर्थिक और सामाजिक मदद पहुंचाता आया है और बशर सरकार का सबसे बड़ा सहयोगी माना जाता है.

एसएफ/आईबी (रॉयटर्स, एएफपी)

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